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झीरम घाटी केस : पीड़ित परिवार की केंद्र से मांग, NIA रिपोर्ट SIT को दे - रायपुर न्यूज

झीरम घाटी हमले में मारे गए नेताओं के परिजनों ने जांच के लिए राज्य सरकार की गठित एसआईटी को एनआईए रिपोर्ट सौंपे जाने की मांग केंद्र सरकार से की है.

demand of investigation of Jhiram attack from state government at raipur
झीरम हमले की जांच
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Published : Jun 21, 2020, 7:41 PM IST

Updated : Jun 21, 2020, 8:27 PM IST

रायपुर : एक बार फिर झीरम मामले को लेकर कांग्रेस ने केंद्र की भाजपा सरकार पर हमला बोला है. उन्होंने इस मामले की निष्पक्ष जांच कराने के लिए राज्य सरकार की गठित एसआईटी को जांच का जिम्मा देने की बात कही है. झीरम हमले में शहीद नेताओं के परिजनों ने केद्र से मांग की है कि एनआईए अपनी रिपोर्ट एसआईटी को दे.

झीरम घाटी केस

झीरम नक्सली हमले में जान गंवाने वाले कांग्रेसी नेताओं के परिजन जितेंद्र मुदलियार और तूलिका कर्मा ने कहा है कि इस घटना को लगभग 8 साल बीत चुके हैं बावजूद इसके इस मामले में उन्हें न्याय नहीं मिल सका है.

झीरम घाटी में जान गंवाने वाले उदय मुदलियार के बेटे जितेंद्र मुदलियार ने कहां है कि उनके द्वारा इस मामले को लेकर एफआईआर दर्ज कराई गई है. बावजूद इसके अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है. हम चाहते हैं कि इस मामले की जांच राज्य सरकार की गठित एसआईटी के माध्यम से हो. जितेंद्र ने कहा कि इस पूरे मामले की जांच राज्य सरकार को सौंपी जानी चाहिए जिससे सच्चाई सामने आ सके.

न्याय में देरी से हो रही तकलीफ

बस्तर टाइगर महेंद्र कर्मा की बेटी तूलिका कर्मा ने कहा कि हमारे पिता के साथ इतनी बड़ी घटना हुई है और उन्हें अभी तक न्याय नहीं मिला है. तूलिका ने केंद्र सरकार से मांग की कि इस मामले से संबंधी सभी रिपोर्ट जल्द से जल्द राज्य सरकार को सौंपी जाए जिससे मामले की जांच आगे बढ़ सके. इसके अलावा उन्होंने कहा कि एनआईए की ओर से जो जांच की गई है उसमें प्रभावितों के बयान ही नहीं दिए गए ऐसे में एनआईए इस पूरे मामले की जांच कैसे करेगा.

पढ़ें-पीएल पुनिया को क्वॉरेंटाइन नहीं करने पर बीजेपी ने भूपेश सरकार को घेरा

कांग्रेस शुरू से कर रही ये मांग

बता दें कि 25 मई 2013 को झीरम घाटी में हुए नक्सली हमले की जांच को लेकर कांग्रेस लगातार पूर्व की भाजपा सरकार सहित केंद्र सरकार पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाती रही है. कांग्रेस का आरोप रहा है कि यह घटना को पूरी तरह से सोची समझी साजिश के तहत अंजाम दिया गया है. यही वजह है कि इसकी जांच होनी चाहिए क्योंकि अब सत्ता परिवर्तन के बाद प्रदेश में कांग्रेस की सरकार है और ऐसे में कांग्रेस चाहती है कि केंद्र सरकार की ओर से कराई जा रही एनआईए और सीबीआई जांच की रिपोर्ट उन्हें सौंपी जाए. बता दें कि चलें कि प्रदेश में एनआईए के प्रवेश पर राज्य सरकार ने पहले ही रोक लगा रखी है.

रायपुर : एक बार फिर झीरम मामले को लेकर कांग्रेस ने केंद्र की भाजपा सरकार पर हमला बोला है. उन्होंने इस मामले की निष्पक्ष जांच कराने के लिए राज्य सरकार की गठित एसआईटी को जांच का जिम्मा देने की बात कही है. झीरम हमले में शहीद नेताओं के परिजनों ने केद्र से मांग की है कि एनआईए अपनी रिपोर्ट एसआईटी को दे.

झीरम घाटी केस

झीरम नक्सली हमले में जान गंवाने वाले कांग्रेसी नेताओं के परिजन जितेंद्र मुदलियार और तूलिका कर्मा ने कहा है कि इस घटना को लगभग 8 साल बीत चुके हैं बावजूद इसके इस मामले में उन्हें न्याय नहीं मिल सका है.

झीरम घाटी में जान गंवाने वाले उदय मुदलियार के बेटे जितेंद्र मुदलियार ने कहां है कि उनके द्वारा इस मामले को लेकर एफआईआर दर्ज कराई गई है. बावजूद इसके अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है. हम चाहते हैं कि इस मामले की जांच राज्य सरकार की गठित एसआईटी के माध्यम से हो. जितेंद्र ने कहा कि इस पूरे मामले की जांच राज्य सरकार को सौंपी जानी चाहिए जिससे सच्चाई सामने आ सके.

न्याय में देरी से हो रही तकलीफ

बस्तर टाइगर महेंद्र कर्मा की बेटी तूलिका कर्मा ने कहा कि हमारे पिता के साथ इतनी बड़ी घटना हुई है और उन्हें अभी तक न्याय नहीं मिला है. तूलिका ने केंद्र सरकार से मांग की कि इस मामले से संबंधी सभी रिपोर्ट जल्द से जल्द राज्य सरकार को सौंपी जाए जिससे मामले की जांच आगे बढ़ सके. इसके अलावा उन्होंने कहा कि एनआईए की ओर से जो जांच की गई है उसमें प्रभावितों के बयान ही नहीं दिए गए ऐसे में एनआईए इस पूरे मामले की जांच कैसे करेगा.

पढ़ें-पीएल पुनिया को क्वॉरेंटाइन नहीं करने पर बीजेपी ने भूपेश सरकार को घेरा

कांग्रेस शुरू से कर रही ये मांग

बता दें कि 25 मई 2013 को झीरम घाटी में हुए नक्सली हमले की जांच को लेकर कांग्रेस लगातार पूर्व की भाजपा सरकार सहित केंद्र सरकार पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाती रही है. कांग्रेस का आरोप रहा है कि यह घटना को पूरी तरह से सोची समझी साजिश के तहत अंजाम दिया गया है. यही वजह है कि इसकी जांच होनी चाहिए क्योंकि अब सत्ता परिवर्तन के बाद प्रदेश में कांग्रेस की सरकार है और ऐसे में कांग्रेस चाहती है कि केंद्र सरकार की ओर से कराई जा रही एनआईए और सीबीआई जांच की रिपोर्ट उन्हें सौंपी जाए. बता दें कि चलें कि प्रदेश में एनआईए के प्रवेश पर राज्य सरकार ने पहले ही रोक लगा रखी है.

Last Updated : Jun 21, 2020, 8:27 PM IST
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