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कैबिनेट बैठक: छत्तीसगढ़ कृषि उपज मंडी संशोधन विधेयक-2020 लाएगी सरकार, जल जीवन मिशन योजना के सभी टेंडर निरस्त

भूपेश कैबिनेट की बैठक में कई अहम फैसले हुए हैं. छत्तीसगढ़ कृषि उपज मण्डी (संशोधन) विधेयक-2020 के प्रारूप का अनुमोदन किया गया है. इसमें मंडी के कार्य क्षेत्र का विस्तार, लिमिट पर नियंत्रण और किसानों के संरक्षण का अधिकार का प्रोविजन शामिल है. वहीं जल जीवन मिशन योजना के दस हजार करोड़ के टेंडर भी निरस्त कर दिए गए हैं. जानिए कैबिनेट की बैठक के अहम फैसले...

CM Bhupesh cabinet meeting
सीएम भूपेश केबिनेट बैठक
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Published : Oct 26, 2020, 2:37 PM IST

Updated : Oct 26, 2020, 4:01 PM IST

रायपुर: सीएम हाउस में सीएम भूपेश बघेल की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक हुई. जिसमें कृषि मंत्री रविंद्र चौबे, स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव सहित सभी मंत्री शामिल रहे. इस बैठक में नए कृषि कानून समेत कई अहम मुद्दों पर चर्चा की गई.

बैठक में लिए महत्वपूर्ण निर्णय

बैठक में लिए गए कई अहम निर्णय

  • छत्तीसगढ़ कृषि उपज मण्डी (संशोधन) विधेयक-2020 के प्रारूप का अनुमोदन किया गया
  • राज्य शासन द्वारा वर्ष 2012 में राज्य के ग्रामीण अंचलों के त्वरित और सर्वांगींण विकास की पूर्ति के लिए वर्तमान में विकास कार्यो की स्वीकृति के लिए गठित छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण एवं अन्य पिछड़ा वर्ग क्षेत्र विकास प्राधिकरण के पुनर्गठन के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया.
  • छत्तीसगढ़ आबकारी नीति वर्ष 2013-14 के क्रियान्वयन के संबंध में प्रदेश में नशा मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान के लिए छत्तीसगढ़ शराब व्यसन मुक्ति अभियान (भारत माता वाहिंनी योजना) को समाज कल्याण विभाग को सौंपने का निर्णय लिया गया.
  • भारत सरकार, जल शक्ति मंत्रालय, पेयजल एवं स्वच्छता विभाग द्वारा 'जल जीवन मिशन' के क्रियान्वयन के संबंध में निर्णय लिया गया कि-जल जीवन मिशन के संपूर्ण टेण्डर (ईओआई) को निरस्त करके भारत सरकार के निर्देशानुसार कार्यवाही की जाए.
  • औद्योगिक नीति 2019-24 में संशोधन के प्रस्ताव को अनुमति दी गई, जिसमें राज्य के वनोपज, हर्बल तथा वन पर आधारित अन्य उत्पादों का प्रसंस्करण, खाद्य प्रसंस्करण उत्पादों के निर्माण और मूल्य संवर्धन के कार्य राज्य में ही किए जाने को प्रोत्साहित करने के लिए विशेष निवेश प्रोत्साहन पैकेज (वनांचल उद्योग पैकेज) का अनुमोदन किया गया.
    किसानों के लिए ले सकती है कर्ज

'टकराहट के लिए नहीं किसानों की मदद के लिए कानून'

कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा है कि हमारा कृषि कानून किसानों से हित के लिए है, केंद्र से टकराहट के लिए नहीं है. मंडी एक्ट में संशोधन के लिए चर्चा हुई है, जिसे विधानसभा के विशेष सत्र में पेश किया जाएगा. इसमें मंडी के कार्य क्षेत्र का विस्तार शामिल है. आवश्यक वस्तु अधिनियम में जिस तरह लिमिट हटाई गई है, उसको नियंत्रित करने के लिए लेखा रखने का अधिकार. किसानों के संरक्षण का अधिकार जैसे उपबंध(प्रोविजन) शामिल हैं.

'विपक्ष का काम है विरोध करना'

रविंद्र चौबे ने यह भी कहा कि पंजाब के जैसे कानून बनाता तो शायद ये बातें हो सकती थी. एग्रीकल्चर ट्रेड के आधार पर सभी कानून बनाए गए हैं. राज्य की सूची में कृषि शामिल है. केंद्र सरकार से टकराहट के लिए कानून नहीं है, बल्कि किसानों की मदद के लिए है.

'जरूरत पड़ी तो कर्ज लेंगे'

राजीव गांधी किसान योजना की तीसरी किश्त की राशि 1 नवंबर को जारी की जाएगी. कृषि मंत्री के मुताबिक जरूरत पड़ी तो सरकार कर्ज भी लेगी.

'जल जीवन मिशन योजना की पुरानी प्रक्रिया निरस्त'

जल जीवन मिशन योजना की पुरानी प्रक्रिया निरस्त

भूपेश सरकार ने जल जीवन मिशन के सभी टेंडर को निरस्त कर दिया है. इसके साथ ही भारत सरकार के निर्देशानुसार कार्रवाई करने के निर्देश भी दिए हैं. जल जीवन मिशन में भ्रष्टाचार और गड़बड़ी की लगातार शिकायत मिल रही थी, जिसके बाद मुख्यमंत्री ने जांच के आदेश दिए. इससे पहले इसके लिए चीफ सेक्रेटरी आर पी मंडल की अध्यक्षता में 3 सदस्यीय जांच कमेटी का गठन किया गया था. लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के जल जीवन मिशन में दूसरे प्रदेश के ठेकेदारों को काम देने और स्थानीय ठेकेदारों की उपेक्षा के साथ करोड़ों रुपये की गड़बड़ी को लेकर कांग्रेस ने मुख्यंमत्री भूपेश बघेल से शिकायत की थी. सीएम ने इसको लेकर जांच कराने के निर्देश जारी किए थे. दरअसल पीएचई विभाग के जल जीवन मिशन के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों के घरों में साल 2024 तक पाइप लाइन के माध्यम से पेयजल आपूर्ति का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. वर्तमान में जल जीवन मिशन में लगभग 7 हजार करोड़ रूपये के कार्यो के आबंटन की प्रक्रिया प्रगति पर है. मंत्री रविंद्र चौबे ने बताया कि केंद्र सरकार के गाइडलाइन के अनुरुप जल जीवन मिशन की प्रक्रियाएं बनाई जानी चाहिए. पुरानी प्रक्रिया को निरस्त किया गया है.

रायपुर: सीएम हाउस में सीएम भूपेश बघेल की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक हुई. जिसमें कृषि मंत्री रविंद्र चौबे, स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव सहित सभी मंत्री शामिल रहे. इस बैठक में नए कृषि कानून समेत कई अहम मुद्दों पर चर्चा की गई.

बैठक में लिए महत्वपूर्ण निर्णय

बैठक में लिए गए कई अहम निर्णय

  • छत्तीसगढ़ कृषि उपज मण्डी (संशोधन) विधेयक-2020 के प्रारूप का अनुमोदन किया गया
  • राज्य शासन द्वारा वर्ष 2012 में राज्य के ग्रामीण अंचलों के त्वरित और सर्वांगींण विकास की पूर्ति के लिए वर्तमान में विकास कार्यो की स्वीकृति के लिए गठित छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण एवं अन्य पिछड़ा वर्ग क्षेत्र विकास प्राधिकरण के पुनर्गठन के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया.
  • छत्तीसगढ़ आबकारी नीति वर्ष 2013-14 के क्रियान्वयन के संबंध में प्रदेश में नशा मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान के लिए छत्तीसगढ़ शराब व्यसन मुक्ति अभियान (भारत माता वाहिंनी योजना) को समाज कल्याण विभाग को सौंपने का निर्णय लिया गया.
  • भारत सरकार, जल शक्ति मंत्रालय, पेयजल एवं स्वच्छता विभाग द्वारा 'जल जीवन मिशन' के क्रियान्वयन के संबंध में निर्णय लिया गया कि-जल जीवन मिशन के संपूर्ण टेण्डर (ईओआई) को निरस्त करके भारत सरकार के निर्देशानुसार कार्यवाही की जाए.
  • औद्योगिक नीति 2019-24 में संशोधन के प्रस्ताव को अनुमति दी गई, जिसमें राज्य के वनोपज, हर्बल तथा वन पर आधारित अन्य उत्पादों का प्रसंस्करण, खाद्य प्रसंस्करण उत्पादों के निर्माण और मूल्य संवर्धन के कार्य राज्य में ही किए जाने को प्रोत्साहित करने के लिए विशेष निवेश प्रोत्साहन पैकेज (वनांचल उद्योग पैकेज) का अनुमोदन किया गया.
    किसानों के लिए ले सकती है कर्ज

'टकराहट के लिए नहीं किसानों की मदद के लिए कानून'

कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा है कि हमारा कृषि कानून किसानों से हित के लिए है, केंद्र से टकराहट के लिए नहीं है. मंडी एक्ट में संशोधन के लिए चर्चा हुई है, जिसे विधानसभा के विशेष सत्र में पेश किया जाएगा. इसमें मंडी के कार्य क्षेत्र का विस्तार शामिल है. आवश्यक वस्तु अधिनियम में जिस तरह लिमिट हटाई गई है, उसको नियंत्रित करने के लिए लेखा रखने का अधिकार. किसानों के संरक्षण का अधिकार जैसे उपबंध(प्रोविजन) शामिल हैं.

'विपक्ष का काम है विरोध करना'

रविंद्र चौबे ने यह भी कहा कि पंजाब के जैसे कानून बनाता तो शायद ये बातें हो सकती थी. एग्रीकल्चर ट्रेड के आधार पर सभी कानून बनाए गए हैं. राज्य की सूची में कृषि शामिल है. केंद्र सरकार से टकराहट के लिए कानून नहीं है, बल्कि किसानों की मदद के लिए है.

'जरूरत पड़ी तो कर्ज लेंगे'

राजीव गांधी किसान योजना की तीसरी किश्त की राशि 1 नवंबर को जारी की जाएगी. कृषि मंत्री के मुताबिक जरूरत पड़ी तो सरकार कर्ज भी लेगी.

'जल जीवन मिशन योजना की पुरानी प्रक्रिया निरस्त'

जल जीवन मिशन योजना की पुरानी प्रक्रिया निरस्त

भूपेश सरकार ने जल जीवन मिशन के सभी टेंडर को निरस्त कर दिया है. इसके साथ ही भारत सरकार के निर्देशानुसार कार्रवाई करने के निर्देश भी दिए हैं. जल जीवन मिशन में भ्रष्टाचार और गड़बड़ी की लगातार शिकायत मिल रही थी, जिसके बाद मुख्यमंत्री ने जांच के आदेश दिए. इससे पहले इसके लिए चीफ सेक्रेटरी आर पी मंडल की अध्यक्षता में 3 सदस्यीय जांच कमेटी का गठन किया गया था. लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के जल जीवन मिशन में दूसरे प्रदेश के ठेकेदारों को काम देने और स्थानीय ठेकेदारों की उपेक्षा के साथ करोड़ों रुपये की गड़बड़ी को लेकर कांग्रेस ने मुख्यंमत्री भूपेश बघेल से शिकायत की थी. सीएम ने इसको लेकर जांच कराने के निर्देश जारी किए थे. दरअसल पीएचई विभाग के जल जीवन मिशन के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों के घरों में साल 2024 तक पाइप लाइन के माध्यम से पेयजल आपूर्ति का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. वर्तमान में जल जीवन मिशन में लगभग 7 हजार करोड़ रूपये के कार्यो के आबंटन की प्रक्रिया प्रगति पर है. मंत्री रविंद्र चौबे ने बताया कि केंद्र सरकार के गाइडलाइन के अनुरुप जल जीवन मिशन की प्रक्रियाएं बनाई जानी चाहिए. पुरानी प्रक्रिया को निरस्त किया गया है.

Last Updated : Oct 26, 2020, 4:01 PM IST
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