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छत्तीसगढ़ में बढ़ा कोरोना से मौत का आंकड़ा, गंभीर बीमारी से ग्रसित मरीज कोरोना के बाद तोड़ रहे दम - death toll from corona increased in chhattisgarh

प्रदेश में कोरोना संक्रमण के मामलों में लगातार इजाफा (Corona cases increased in Chhattisgarh) देखने को मिल रहा है. हालांकि कोरोना के नए वैरिएंट में लोगों को खतरा कम है. लेकिन ये फैल अधिक रहा है. छत्तीसगढ़ में कोरोना से मरने वाले लोगों में वैसे मरीजों की संख्या ज्यादा है जो गंभीर बीमारी के शिकार हैं.

Corona new variant is weaker than before
कोरोना से मरने वाले अधिकांश मरीज गंभीर बीमारी से पीड़ित
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Published : Jan 14, 2022, 9:34 PM IST

Updated : Jan 14, 2022, 9:39 PM IST

रायपुर: छत्तीसगढ़ में इन दिनों कोरोना संक्रमण की संख्या लगातार बढ़ (Corona cases increased in Chhattisgarh) रही है. जो कि स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ा रहा है. 1 जनवरी से अब तक प्रदेश में 30 से ज्यादा कोरोना मरीजों की मौत हुई है. इन मरीजों के केसों के बारे में स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि अधिकतर मरीज की मौत पहले से गंभीर बीमारी से पीड़ित होने की वजह से हुई है.

कोरोना होने के बाद गंभीर बीमारी से मरीजों की हो रही मौत

कोरोना संक्रमण से हो रहे मौत के आंकड़ों पर अगर गौर किया जाए तो बीते दिन छत्तीसगढ़ में 7 लोगों की मौत कोरोना संक्रमण से हुई है. जिनमें एक की मौत कोरोना से तो अन्य को कोरोना के अलावा दूसरी बीमारी भी थी. जिन 6 लोगों की अन्य बीमारियों की वजह से मौत हुई है. उसमें हार्ट, किडनी सहित अन्य बीमारियां शामिल है. यह जानकारी छत्तीसगढ़ महामारी नियंत्रण के संचालक डॉ. सुभाष मिश्रा ने दी है.

गुरुवार को 7 लोगों ने कोरोना से गंवाई जान

प्रदेश में गुरुवार को 7 लोगों की मौत कोरोना से हुई. मौत का यह बीते 6 महीने में सबसे बड़ा आंकड़ा है. 6 जिलों में कोरोना से मौत दर्ज की गई है.

  • दुर्ग में 2 मरीजों की मौत
  • राजनांदगांव में 1 मरीज ने गंवाई जान
  • रायपुर में कोरोना से एक मौत किया गया दर्ज
  • बलौदाबाजार में एक मरीज की मौत
  • कोरबा में 1 मरीज ने गंवाई जान
  • जांजगीर में भी हुई एक मरीज की मौत

छत्तीसगढ़ में कोरोना का ग्राफ

डेटसंक्रमित मरीजडेथ
1 जनवरी2791
2 जनवरी2900
3 जनवरी6980
4 जनवरी10593
5 जनवरी16151
6 जनवरी24001
7 जनवरी28283
8 जनवरी34554
9 जनवरी25022
10 जनवरी41204
11 जनवरी5151 4
12 जनवरी54764
13 जनवरी60157

यह भी पढ़ेंः negligence in Corona testing : रायपुर स्टेशन और एयरपोर्ट पर कोरोना टेस्टिंग के नाम पर लापरवाही, संक्रमण फैलने का खतरा हुआ दोगुना

कोरोना के नये वैरिएंट की पहुंच फेफड़ों तक नहीं

बात अगर कोरोना के नए वैरिएंट के लक्षण की करें तो इस बार भी कोरोना के वही लक्षण (New variants of corona in chhattisgarh) हैं. जो पहली और दूसरी लहर के दौरान थे. जैसे बुखार आना, सर्दी-खांसी इस तरह के लक्षण देखने को मिल रहे हैं. लेकिन राहत भरी बात यह है कि इस बार कोरोना संक्रमण गले तक ही सीमित है. वह फेफड़ों को संक्रमित नहीं कर रहा है. जिस वजह से कोरोना इतना घातक ( Corona new variant weaker than before) नहीं है. जितना पहली और दूसरी लहर में था.

अन्य बीमारी से पीड़ित मरीज संक्रमित होने पर हो रहे भर्ती

चिकित्सकों की मानें तो कोरोना संक्रमित उन्हीं व्यक्तियों को अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत पड़ रही है, जिन्हें दूसरी बीमारियां भी है. ऐसे में सिर्फ कोरोना की वजह से अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या न के बराबर है.

अस्पताल में बेड की है पर्याप्त व्यवस्था

सरकार ने कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के लिए व्यापक स्तर पर तैयारी कर रखी है. जहां एक ओर ऑक्सीजन प्लांट को दुरुस्त कर उत्पादन किया जा रहा है. वहीं, दूसरी ओर अस्पतालों में बेड की पर्याप्त व्यवस्था की गई है.

14 जनवरी 2022 तक बेड की स्थिति

बेड के प्रकार कुल भरे खाली
नॉर्मल बेड 6805 289 6516
ऑक्सीजन बेड10256 291 9965
एचडीयू बेड 1386481338
आईसीयू बेड 1619 79 1540
वेंटिलेटर बेड 1186301156
कुल योग2124973720515

इन आकड़ों पर नजर डालें तो प्रदेश के अस्पतालों में 21249 बेड है. जिसमें से महज 737 बेड पर ही मरीज भर्ती हैं. बाकी के 20515 बेड अभी भी खाली हैं. ऐसे में कहा जा सकता है कि वर्तमान में कोरोना की स्थिति को लेकर प्रदेश के अस्पतालों में मरीजों की संख्या नाम मात्र की है.

यह भी पढ़ेंः सरगुजा में कोरोना संक्रमित होने के बाद भी महिला डॉक्टर कर रही थी इलाज, हुई कार्रवाई

कोरोना प्रोटोकॉल का उल्लंघन हो सकता है घातक

कोरोना के नए वैरिएंट से खतरा कम होने का ये अर्थ नहीं कि हमें कोरोना को लेकर लापरवाह हो जाएं. इसके लिए जारी गाइडलाइन का पालन करना जरूरी है. क्योंकि यदि गाइडलाइन का पालन नहीं किया गया तो आगामी दिनों में परिणाम घातक सिद्ध हो सकते हैं.

ऑक्सीजन की पर्याप्त व्यवस्था

कोरोना की पहली और दूसरी लहर में ऑक्सीजन की आवश्यकता को देखते हुए पहले ही स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड पर है. सभी ऑक्सीजन प्लांट को दुरुस्त कर लिया गया है. वहां से बिना रुकावट ऑक्सीजन का उत्पादन हो रहा है. छत्तीसगढ़ महामारी नियंत्रण के संचालक डॉ. सुभाष मिश्रा के अनुसार प्रदेश में 113 ऑक्सीजन प्लांट स्वीकृत है. जिसमें से 88 प्लांट ऑक्सीजन का उत्पादन कर रहे हैं. वहीं 25 ऑक्सीजन प्लांट अभी प्रक्रियाधीन है. अगर ऑक्सीजन उत्पादन की बात की जाए तो प्रतिदिन 344 मीट्रिक टन ऑक्सीजन का उत्पादन हो रहा है. जबकि अस्पतालों में 184 टन ऑक्सीजन की आवश्यकता है. इसके अलावा 8400 ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर्स भी उपलब्ध हैं. यानी कि आवश्यकता से लगभग 2 गुना ज्यादा ऑक्सीजन का उत्पादन किया जा रहा है. यह अक्सीजन भी सिर्फ कोरोना मरीजों के लिए नहीं बल्कि अन्य बीमारी से संक्रमित मरीजों के उपचार में भी उपयोग किया जा रहा है.

संक्रमितों को नहीं है ऑक्सीजन की आवश्यकता

हार्ट स्पेशलिस्ट डॉक्टर स्मित श्रीवास्तव ने बताया कि वर्तमान में कोरोना संक्रमितों को ऑक्सीजन की आवश्यकता नहीं पड़ रही है. क्योंकि इस बार कोरोना सिर्फ गले तक ही सीमित है. जबकि कोरोना की पहली और दूसरी लहर में कोरोना संक्रमित व्यक्ति के फेफड़ों को बुरी तरह प्रभावित कर रहा था. जिस वजह से उन्हें ऑक्सीजन की आवश्यकता पड़ रही थी. स्मित का कहना है कि इस बार कोरोना संक्रमित जल्दी ही ठीक हो रहे हैं, जो पहले 14 दिन का समय लेते थे. अब वे हफ्ते भर में ठीक हो जा रहे हैं. इस बार का कोरोना पहले की अपेक्षा काफी कमजोर है. फिर भी लोगों को एहतियात बरतने की जरूरत है. जिससे यह दूसरों में न फैले.

रायपुर: छत्तीसगढ़ में इन दिनों कोरोना संक्रमण की संख्या लगातार बढ़ (Corona cases increased in Chhattisgarh) रही है. जो कि स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ा रहा है. 1 जनवरी से अब तक प्रदेश में 30 से ज्यादा कोरोना मरीजों की मौत हुई है. इन मरीजों के केसों के बारे में स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि अधिकतर मरीज की मौत पहले से गंभीर बीमारी से पीड़ित होने की वजह से हुई है.

कोरोना होने के बाद गंभीर बीमारी से मरीजों की हो रही मौत

कोरोना संक्रमण से हो रहे मौत के आंकड़ों पर अगर गौर किया जाए तो बीते दिन छत्तीसगढ़ में 7 लोगों की मौत कोरोना संक्रमण से हुई है. जिनमें एक की मौत कोरोना से तो अन्य को कोरोना के अलावा दूसरी बीमारी भी थी. जिन 6 लोगों की अन्य बीमारियों की वजह से मौत हुई है. उसमें हार्ट, किडनी सहित अन्य बीमारियां शामिल है. यह जानकारी छत्तीसगढ़ महामारी नियंत्रण के संचालक डॉ. सुभाष मिश्रा ने दी है.

गुरुवार को 7 लोगों ने कोरोना से गंवाई जान

प्रदेश में गुरुवार को 7 लोगों की मौत कोरोना से हुई. मौत का यह बीते 6 महीने में सबसे बड़ा आंकड़ा है. 6 जिलों में कोरोना से मौत दर्ज की गई है.

  • दुर्ग में 2 मरीजों की मौत
  • राजनांदगांव में 1 मरीज ने गंवाई जान
  • रायपुर में कोरोना से एक मौत किया गया दर्ज
  • बलौदाबाजार में एक मरीज की मौत
  • कोरबा में 1 मरीज ने गंवाई जान
  • जांजगीर में भी हुई एक मरीज की मौत

छत्तीसगढ़ में कोरोना का ग्राफ

डेटसंक्रमित मरीजडेथ
1 जनवरी2791
2 जनवरी2900
3 जनवरी6980
4 जनवरी10593
5 जनवरी16151
6 जनवरी24001
7 जनवरी28283
8 जनवरी34554
9 जनवरी25022
10 जनवरी41204
11 जनवरी5151 4
12 जनवरी54764
13 जनवरी60157

यह भी पढ़ेंः negligence in Corona testing : रायपुर स्टेशन और एयरपोर्ट पर कोरोना टेस्टिंग के नाम पर लापरवाही, संक्रमण फैलने का खतरा हुआ दोगुना

कोरोना के नये वैरिएंट की पहुंच फेफड़ों तक नहीं

बात अगर कोरोना के नए वैरिएंट के लक्षण की करें तो इस बार भी कोरोना के वही लक्षण (New variants of corona in chhattisgarh) हैं. जो पहली और दूसरी लहर के दौरान थे. जैसे बुखार आना, सर्दी-खांसी इस तरह के लक्षण देखने को मिल रहे हैं. लेकिन राहत भरी बात यह है कि इस बार कोरोना संक्रमण गले तक ही सीमित है. वह फेफड़ों को संक्रमित नहीं कर रहा है. जिस वजह से कोरोना इतना घातक ( Corona new variant weaker than before) नहीं है. जितना पहली और दूसरी लहर में था.

अन्य बीमारी से पीड़ित मरीज संक्रमित होने पर हो रहे भर्ती

चिकित्सकों की मानें तो कोरोना संक्रमित उन्हीं व्यक्तियों को अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत पड़ रही है, जिन्हें दूसरी बीमारियां भी है. ऐसे में सिर्फ कोरोना की वजह से अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या न के बराबर है.

अस्पताल में बेड की है पर्याप्त व्यवस्था

सरकार ने कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के लिए व्यापक स्तर पर तैयारी कर रखी है. जहां एक ओर ऑक्सीजन प्लांट को दुरुस्त कर उत्पादन किया जा रहा है. वहीं, दूसरी ओर अस्पतालों में बेड की पर्याप्त व्यवस्था की गई है.

14 जनवरी 2022 तक बेड की स्थिति

बेड के प्रकार कुल भरे खाली
नॉर्मल बेड 6805 289 6516
ऑक्सीजन बेड10256 291 9965
एचडीयू बेड 1386481338
आईसीयू बेड 1619 79 1540
वेंटिलेटर बेड 1186301156
कुल योग2124973720515

इन आकड़ों पर नजर डालें तो प्रदेश के अस्पतालों में 21249 बेड है. जिसमें से महज 737 बेड पर ही मरीज भर्ती हैं. बाकी के 20515 बेड अभी भी खाली हैं. ऐसे में कहा जा सकता है कि वर्तमान में कोरोना की स्थिति को लेकर प्रदेश के अस्पतालों में मरीजों की संख्या नाम मात्र की है.

यह भी पढ़ेंः सरगुजा में कोरोना संक्रमित होने के बाद भी महिला डॉक्टर कर रही थी इलाज, हुई कार्रवाई

कोरोना प्रोटोकॉल का उल्लंघन हो सकता है घातक

कोरोना के नए वैरिएंट से खतरा कम होने का ये अर्थ नहीं कि हमें कोरोना को लेकर लापरवाह हो जाएं. इसके लिए जारी गाइडलाइन का पालन करना जरूरी है. क्योंकि यदि गाइडलाइन का पालन नहीं किया गया तो आगामी दिनों में परिणाम घातक सिद्ध हो सकते हैं.

ऑक्सीजन की पर्याप्त व्यवस्था

कोरोना की पहली और दूसरी लहर में ऑक्सीजन की आवश्यकता को देखते हुए पहले ही स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड पर है. सभी ऑक्सीजन प्लांट को दुरुस्त कर लिया गया है. वहां से बिना रुकावट ऑक्सीजन का उत्पादन हो रहा है. छत्तीसगढ़ महामारी नियंत्रण के संचालक डॉ. सुभाष मिश्रा के अनुसार प्रदेश में 113 ऑक्सीजन प्लांट स्वीकृत है. जिसमें से 88 प्लांट ऑक्सीजन का उत्पादन कर रहे हैं. वहीं 25 ऑक्सीजन प्लांट अभी प्रक्रियाधीन है. अगर ऑक्सीजन उत्पादन की बात की जाए तो प्रतिदिन 344 मीट्रिक टन ऑक्सीजन का उत्पादन हो रहा है. जबकि अस्पतालों में 184 टन ऑक्सीजन की आवश्यकता है. इसके अलावा 8400 ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर्स भी उपलब्ध हैं. यानी कि आवश्यकता से लगभग 2 गुना ज्यादा ऑक्सीजन का उत्पादन किया जा रहा है. यह अक्सीजन भी सिर्फ कोरोना मरीजों के लिए नहीं बल्कि अन्य बीमारी से संक्रमित मरीजों के उपचार में भी उपयोग किया जा रहा है.

संक्रमितों को नहीं है ऑक्सीजन की आवश्यकता

हार्ट स्पेशलिस्ट डॉक्टर स्मित श्रीवास्तव ने बताया कि वर्तमान में कोरोना संक्रमितों को ऑक्सीजन की आवश्यकता नहीं पड़ रही है. क्योंकि इस बार कोरोना सिर्फ गले तक ही सीमित है. जबकि कोरोना की पहली और दूसरी लहर में कोरोना संक्रमित व्यक्ति के फेफड़ों को बुरी तरह प्रभावित कर रहा था. जिस वजह से उन्हें ऑक्सीजन की आवश्यकता पड़ रही थी. स्मित का कहना है कि इस बार कोरोना संक्रमित जल्दी ही ठीक हो रहे हैं, जो पहले 14 दिन का समय लेते थे. अब वे हफ्ते भर में ठीक हो जा रहे हैं. इस बार का कोरोना पहले की अपेक्षा काफी कमजोर है. फिर भी लोगों को एहतियात बरतने की जरूरत है. जिससे यह दूसरों में न फैले.

Last Updated : Jan 14, 2022, 9:39 PM IST
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