रायपुर: कोरोना के पहले स्ट्रेन के मुकाबले दूसरे स्ट्रेन में मौत के आंकड़े पूरे देश में बढ़े हैं. वहीं छत्तीसगढ़ में अप्रैल में लगभग रोजाना 15 हजार से ज्यादा संक्रमित मरीज मिले हैं. पिछले दो हफ्तों में अच्छी बात यह रही कि ठीक होने वाले लोगों की संख्या भी लगातार बढ़ी है. लेकिन प्रदेश में मौत के आंकड़े कम होने का नाम नहीं ले रहे हैं. पिछले 2 सप्ताह से प्रदेश में रोजाना करीब 200 से ज्यादा मरीजों की मौत हो रही है.
तारीख | नए मरीज | मौत | रिकवर मरीज |
21 अप्रैल | 14519 | 183 | 16188 |
22 अप्रैल | 16750 | 197 | 15051 |
23 अप्रैल | 17397 | 219 | 14284 |
24 अप्रैल | 16731 | 203 | 13348 |
25 अप्रैल | 12666 | 190 | 11223 |
26 अप्रैल | 15084 | 215 | 14977 |
27 अप्रैल | 14893 | 236 | 14434 |
28 अप्रैल | 15563 | 219 | 14263 |
29 अप्रैल | 15804 | 191 | 15003 |
30 अप्रैल | 14994 | 216 | 12804 |
1 मई | 15902 | 229 | 12508 |
गंभीर अवस्था में मरीज पहुंच रहे हॉस्पिटल
आईएमए (इंडियन मेडिकल एसोसिएशन)एडवाइजर डॉ. राकेश गुप्ता ने बताया कि प्रदेश में कुल संक्रमित मरीजों के ठीक होने की संख्या बढ़ी है, लेकिन मौत के आंकड़े कम होने का एक बहुत बड़ा कारण यह है कि लोग गंभीर अवस्था में अस्पताल पहुंच रहे हैं. लोगों को सावधानी से रहने की जरूरत है. जिनको भी लग रहा है कि उनमें लक्षण है या वे कुछ दिनों से बीमार है. तुरंत जांच करवाएं. शुरुआत में दवा लेना शुरू करें. डॉक्टर के संपर्क में लगातार बने रहे.
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बीमार होने पर डॉक्टर्स की लें सलाह
डॉ. राकेश गुप्ता ने कहा कि बहुत सारे लोग सोशल मीडिया और नीम-हकीम जैसे लोगों के प्रभाव में आकर एस्ट्रॉयड ले रहे हैं. ऐसी दवाइयां ले रहे हैं जिसका कोई मतलब नहीं है. रेमडेसिविर इंजेक्शन के पीछे भाग रहे हैं. जबकि कोरोना एक वायरस जेनरेटेड रोग है. जो आम दवाइयों से भी ठीक हो सकता है. 5% से भी कम मरीजों को हॉस्पिटल या कोविड केयर सेंटर में भर्ती होने की जरूरत है. तापमान और ऑक्सीजन सैचुरेशन हर 6 घंटे में चेक करें. डॉक्टर को उसकी रिपोर्ट भेजते रहें. जिससे डॉक्टर आपको बताएंगे कि क्या करना है ? क्या नहीं करना है? किसी प्रकार के ब्लड टेस्ट या सिटी स्कैन के फेर में ना पड़े. इसकी बहुत कम मरीजों को जरूरत पड़ती है.
कोरोना मरीज होम आइसोलेशन में इन नियमों का करें पालन-
• कोरोना के मरीज अपनी नियमित दवाई समय पर जरूर लेते रहें. डॉक्टर की सलाह के बिना जबरदस्ती दवाई ना लें.
• अपनी डाइट में प्रोटीन की मात्रा ज्यादा रखें.
• ऑक्सीजन सैचुरेशन चेक करते रहें, यदि ऑक्सीजन लेवल कम हो रहा है तो डॉक्टर से संपर्क करें.
• अगर पेशेंट शुगर का मरीज है तो दिन में तीन से चार बार शुगर लेवल चेक करें और रीडिंग नोट करते रहें.
• कई तरह के पेनकिलर दवाएं शरीर के लिए घातक होती है, इसे बिना डॉक्टर सलाह के ना लें.