रायपुर: छत्तीसगढ़ में मानसून जल्द ही दस्तक देगी. मानसून में मच्छरों का प्रकोप काफी बढ़ जाता है. बारिश के मौसम में होने वाली बीमारियां काफी गंभीर और जानलेवा होती है. मानसून में सबसे अधिक खतरा जलजमाव के कारण मच्छरों का होता है. मच्छरों के काटने से डेंगू का खतरा अधिक हो जाता है.
क्या कहते हैं डॉक्टर: ईटीवी भारत ने इस विषय में डॉ भीमराव अंबेडकर स्मृति चिकित्सालय के जनरल मेडिसिन विभाग के मुख्य डॉक्टर से बातचीत की. विभाग के मुख्य डॉक्टर आर एल खरे का कहना है कि "आजकल सोशल मीडिया में एक ट्रेंड चल रहा है कि पहले बारिश का आनंद लीजिए. यदि आपका शरीर बारिश को सह पाता है तो वह सही है. लेकिन गर्मी से अचानक बारिश के मौसम में भींगने से आपके शरीर का तापमान बदलता है. इससे बीमार पड़ने के चांसेस बढ़ जाते हैं."
कई बीमारियों की बढ़ती है समस्या: मानसूम में बीमार होने पर एयर बोर्न डिजीज की समस्या अधिक हो जाती है. पहली बारिश में भींगने से लोगों को एलर्जी की संभावना होती है. इसमें शरीर पर खुजली के साथ चकत्ते हो जाते हैं. ऐसे में हमेशा अपने साथ एक छाता रखें. अगर आप टू व्हीलर चलाते हैं तो रेनकोट लेकर चलें. कोशिश करें कि आप बारिश के पानी से दूर रहें. अगर आप भींग भी जाते हैं तो घर जाकर साफ पानी से नहा लें. इसके बाद शरीर को गर्म रखने के लिए गर्म कपड़े पहनें.
मानसून में होने वाली बीमारियां: मानसून दस्तक के साथ सर्दी-खांसी, वायरल इंफेक्शन, वायरल फीवर का खतरा बढ़ जाता है. इसके अलावा टायफाइड फीवर, मलेरिया, डेंगू, निमोनिया, चिकनगुनिया के भी लोग शिकार हो जाते हैं. आमतौर पर लोगों के मानसून में उल्टियां होना, आंखों में पीलापन और स्किन की समस्या होती है.
ऐसे करें बचाव: बारिश के मौसम में अपने घरों के आस-पास पानी के जमाव न होने दें. पानी जमा होने से मच्छर का खतरा बढ़ जाता है. बारिश में आधे से ज्यादा बीमारियों की वजह मच्छर होती है. बारिश के मौसम में मच्छर की प्रजनन क्रिया तेज हो जाती है. यही कारण है कि मच्छरों की संख्या भी बढ़ने लगती है.इसलिए बारिश के दिनों में खानपान को लेकर भी परहेज करें. बाहर का खाना न खाएं. हर दिन घर को सैनिटाइज करें. साफ पानी का सेवन करें. ताजा खाना खाएं. ताजा खाना रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाए रखता है.