रायपुर: कोविड-19 के संक्रमण से बचाव के लिए लॉकडाउन लगातार बढ़ाया जा रहा है. 18 मई से इसका चौथा चरण शुरू हो जाएगा. जो कब तक रहेगा फिलहाल इसका पता नहीं है. कोरोना और लॉकडाउन ने सामाजिक और आर्थिक रूप से पूरी दुनिया को बदल कर रख दिया . सुई से लेकर हवाई जहाज बनने तक के सभी काम प्रभावित हुए है ऐसे में साइकिल कारोबार कैसे इससे अछूता रह सकता था. राजधानी रायपुर में लॉकडाउन का असर साइकिल कारोबार और साइकिल के पार्ट्स पर भी देखने को मिला है. हालांकि इस दौरान पुरानी साइकिल ज्यादा बिकी, दूसरे जिले या दूसरे राज्यों के मजदूर अपने घरों तक पहुंचने के लिए पुरानी साइकिल खरीद कर अपने घर पहुंच रहे है.
साइकिल कारोबार में 15 करोड़ का नुकसान
लॉकडाउन के दौरान साइकिल का कारोबार भी प्रभावित हुआ है, जानकारी के मुताबिक पूरे प्रदेश में छोटे-बड़े साइकिल और उसके पार्ट्स की करीब 4 हजार दुकानें है. प्रदेश में इस व्यवसाय से जुड़े कारोबारियों को लगभग 15 करोड़ रुपए का नुकसान अब तक हुआ है, अकेले राजधानी में ही साइकिल का 5 करोड़ रुपए का कारोबार प्रभावित हुआ है. राजधानी में छोटी- बड़ी 150 साइकिल की दुकानें है जो लॉकडाउन की वजह से पूरी तरह से बंद पड़ी रही.
साइकिल रिपेयरिंग और पार्ट्स बेचने की अनुमति
हालांकि 11 मई से राजधानी में साइकिल रिपेयरिंग और उसके पार्ट्स बेचने की अनुमति प्रशासन ने दे दी है, जिसके बाद से साइकिल का कारोबार करने वाले दुकानदारों ने अपनी दुकानें खोल रखी है, लेकिन इन दुकानों में साइकिल बेचने पर अब भी पूरी तरह से प्रतिबंध लगा हुआ है. दुकानदार सिर्फ साइकिल की रिपेयरिंग और साइकिल के पार्ट ही बेच सकेंगे.
साइकिल में 'चल पड़ा इंडिया'
लॉकडाउन के इस कठिन समय में मजदूर ही साइकिल कारोबार के तारणहार साबित हो रहा है क्योंकि इस मुश्किल समय में मजबूर मजदूर ही अपने घर जाने के लिए साइकिल खरीद रहा है.