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साइबर क्राइम में ब्लैकमेलिंग के मामले सबसे ज्यादा, एक्सपर्ट मोहित साहू से जानिए इससे बचने के उपाय

साइबर क्राइम के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. ETV भारत ने साइबर एक्सपर्ट मोहित साहू से बात की है. मोहित ने बताया कि फिलहाल ठगी के जो मामले आ रहे हैं उसमें सबसे ज्यादा ब्लैकमेलिंग के मामले देखने को मिले हैं. देखिए ये रिपोर्ट..

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बढ़ रहे ऑनलाइन ठगी के मामले
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Published : Jul 9, 2021, 11:01 PM IST

Updated : Jul 10, 2021, 11:01 AM IST

रायपुर: प्रदेश में साइबर क्राइम के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. जैसे-जैसे लोग टेक्नो फ्रेंडली और एडवांस होते जा रहे हैं, वैसे-वैसे साइबर ठग भी नए-नए तरीकों से लोगों को ठगी का शिकार बना रहे हैं. साइबर अपराध से जुड़े लोग अब ब्लैक मेलिंग का रास्ता अपना रहे हैं. गांव के कम पढ़े लिखे लोग ही नहीं बल्कि शहर के पढ़े-लिखे अच्छे पोस्ट पर काम करने वाले भी इनके शिकार आसानी से बन रहे हैं.

बढ़ रहे ऑनलाइन ठगी के मामले

ऑनलाइन फ्रॉड, एटीएम फ्रॉड, ओटीपी फ्रॉड जैसे अपराध तो अब आम हो चले हैं. साइबर ठग अब वीडियो कॉल फ्रॉड और जॉब दिलाने के नाम पर लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं. वहीं कोरोना काल में बहुत लोगों की जॉब भी चली गई है. इस वजह से लोग इनके झांसे में आसानी से आ जाते हैं. ETV भारत ने साइबर एक्सपर्ट मोहित साहू से बात की है. मोहित ने बताया कि फिलहाल ठगी के जो मामले आ रहे हैं उसमें सबसे ज्यादा ब्लैक मेलिंग के मामले देखने को मिले हैं.

क्या है न्यूड कॉल स्कैम?

इन मामलों में उम्र दराज लोग शिकार बन रहे हैं. क्योंकि इनका एक कमजोर पॉइंट होता है. प्रेस्टीज, प्रेस्टीज के डर में यह लोग ठगों को पैसा दे देते हैं. ऐसे केस रजिस्टर भी बहुत कम होते हैं. इस केस में मोरस अप्रेंटिस बहुत सिंपल होता है. इसमें यह होता है कि आपको फेसबुक, व्हाट्सएप या अन्य सोशल मीडिया माध्यम से आपके मैसेज या कॉल पर किसी एक अननोन महिला से बात होती है. जैसे-जैसे आप उससे बात करते हो आपकी दोस्ती उससे हो जाती है. वह आपको वीडियो कॉल करती हैं. जब आप वीडियो कॉल में शामिल होते हैं तो आपकी फोटो ले ली जाती है. आपकों ऐसे वीडियो कॉल से बचने की जरूरत है. अगर उस वीडियो कॉल पर आप एक सेकेंड के लिए भी आते हैं, तो सामने वाला व्यक्ति आपकी फोटो ले लेता है. उसके बाद फोटो मॉर्फ करके वह एक वीडियो क्रिएट कर लेते हैं. वीडियो भेज कर वह लोग आपको ब्लैकमेल करने की कोशिश करते हैं. यह पहला स्टेज होता है.

ऑनलाइन वीडियो गेम में UPI और बैंक एकाउंट न करें रजिस्टर, कांकेर में 3 लाख रुपये से ज्यादा की लगी चपत

क्या है ब्लैकमेल के खेल का दूसरा स्टेज?

दूसरा स्टेज में वीडियो देखने के बाद अगर आप उन्हें इग्नोर करना शुरू कर देते हैं तो वो आपसे पैसा मांगते है. आप उसे पैसा नहीं देते तो वो आपको दिल्ली, राजस्थान जैसे अलग-अलग सिटी से कॉल आने शुरू होते हैं. अगर आप उस कॉल को देखेंगे तो उसमें दिल्ली क्राइम ब्रांच या अलग-अलग क्राइम ब्रांच का नाम शो करता है. यह लोग पुलिस वाले बनकर कॉल करते हैं. कहते हैं कि वह लड़की का आपके साथ जो वीडियो कॉल हुआ है वह कॉल यूट्यूब पर जा रहा है. लड़की को हमने अरेस्टर कर लिया. आपको भी अरेस्ट करेंगे. आपको मामला सेटल करना है और वीडियो को यूट्यूब पर जाने से रोकना है तो आप इतना पैसा हमें दे दें. पहले लड़कियां डराती हैं उसके बाद पुलिस बन कर वह लोगों को डराते हैं.

क्या है वर्क फ्रॉम होम स्कैम?

कोरोना काल की वजह से बहुत सारे लोगों की जॉब गई है. बहुत सारे लोग घर पर बैठे हुए हैं. ऐसे में लोगों को लगता है कि वह घर पर बैठे-बैठे कुछ ना कुछ कर लें. ऐसे में work-from-home वाले बहुत सारे एडवर्टाइजमेंट चलते रहते हैं. वर्क-फ्रॉम-होम इस टाइम बहुत ज्यादा चल रहा है. इसमें होता यह है कि बहुत सारे कंपनी आपको मैसेज या व्हाट्सएप करेंगे. जिसमें अगर आप रिप्लाई करेंगे तो यह आपको जॉब देने का प्रोसेस करेंगे. आप से आधार कार्ड लेंगे. आपका डाटा लेंगे. पूरा रजिस्टर्ड एक पेपर भेजेंगे जिसमें आप साइन करके उन्हें वापस भेजेंगे. ज्यादातर लोग हड़बड़ी में रहते हैं और पेपर में क्या लिखा रहता है वह ना पढ़करवह साइन करके भेज देते हैं.

इसमें ज्यादा कर जो काम मिलता है वह टाइपिंग से रिलेटेड रहते हैं. आपको वह यह बोलेंगे कि आपको हम महीने में इतना टाइप करके देंगे होगा और इसके बाद से ही स्कैम शुरू होता है.आपको इतना ज्यादा काम देते कि आप कर नहीं पाते और आप जब मना करते हैं तो यह आपके बोलते हैं कि आप के कारण हमारा काम रुक रहा है. आपकी वजह से हमने किसी और को जॉब नहीं दिया. आपने यह साइन किया है हमारे एग्रीमेंट के तहत आपको इतना रुपए हमें देना पड़ेगा. इस तरह से लोग फंस जाते हैं. क्योंकि जो डॉक्यूमेंट पर वह साइन किए रहते हैं वह बहुत ही ऑथेंटिक लगता है. इस चक्कर में लोग डर के मारे पैसा दे देते हैं.

साइबर क्राइम: पढ़े-लिखे लोगों के साथ अब चपेट में आ रहे पुलिस के बड़े अधिकारी

कई बार ऐसा भी होता है कि ऑनलाइन जॉब के नाम पर लोग बोलते हैं कि मेरे पास लैपटॉप नहीं है तो हम किस तरह काम करें. तो सामने वाली कंपनी बोलती है कि हमारे कंपनी आपको लैपटॉप प्रोवाइड करवा देगी. लेकिन उसके लिए आपको सिक्योरिटी डिपॉजिट देना होगा. लोग सोचते हैं कि 30 हजार का लैपटॉप होगा तो 5000 या 8000 सिक्योरिटी डिपॉजिट देना बनता है. लोग उनके बताए हुए खाते में पैसा डाल देते हैं. यह लोग लैपटॉप की जगह कुछ भी मैटेरियल घर पर डिस्पैच कर देते हैं. इस तरीके से यह स्कैम होता है.

ठगी या ब्लैकमेलिंग के शिकार होने पर क्या करें

सबसे जरूरी बात ये है कि आप अपने परिजनों ठगी के बारे में बताएं. जिससे सामने वाला व्यक्ति आपको ब्लैकमेल ना कर सके. जल्द से जल्द पुलिस से संपर्क करें. जिससे अपराधी जल्द पकड़ा जाए. साइबर हेल्पलाइन नंबर से आप कंप्लेंट रजिस्टर कर सकते हैं. अगर आपके साथ कोई स्कैम होता है तो आप अपने प्रेस्टीज को ध्यान में रखकर सोचते हैं. लेकिन यह बात प्रेस्टीज की नहीं है आप एक फ्रॉड के शिकार होते हैं. यहां पर आपको पुलिस को रिपोर्ट करना ज्यादा जरूरी है.

बस्तर संभाग के इस जिले में 200 से ज्यादा लाइब्रेरी को किया ऑनलाइन

दिल्ली, राजस्थान और जामताड़ा यह तीन इलाके हैं जहां से सबसे ज्यादा यह गैंग ऑपरेट होते हैं. इसके अलावा भी मल्टीपल फ्रॉड जैसे बैंक से रिलेटेड, ई-कॉमर्स, शॉट-फ्रॉड ,एडवर्टाइजमेंट फ्रॉड इस तरह के स्कैम भी किए जा रहे हैं. लोग पूरा डिजिटल मार्केटिंग का यूज करते हैं. ठग गूगल पर कस्टमर केयर के नाम पर आईडी क्रिएट कर देते हैं. अगर आप किसी कस्टमर केयर का नंबर सर्च करते हैं तो इनका नाम आपको शो होता है.

सालऑनलाइन अपराध की संख्या रिफंडरिफंड रकम
2018 348 12418,71,146
2019 548 155 38,00,836
2020 660 12922,25,939

रायपुर: प्रदेश में साइबर क्राइम के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. जैसे-जैसे लोग टेक्नो फ्रेंडली और एडवांस होते जा रहे हैं, वैसे-वैसे साइबर ठग भी नए-नए तरीकों से लोगों को ठगी का शिकार बना रहे हैं. साइबर अपराध से जुड़े लोग अब ब्लैक मेलिंग का रास्ता अपना रहे हैं. गांव के कम पढ़े लिखे लोग ही नहीं बल्कि शहर के पढ़े-लिखे अच्छे पोस्ट पर काम करने वाले भी इनके शिकार आसानी से बन रहे हैं.

बढ़ रहे ऑनलाइन ठगी के मामले

ऑनलाइन फ्रॉड, एटीएम फ्रॉड, ओटीपी फ्रॉड जैसे अपराध तो अब आम हो चले हैं. साइबर ठग अब वीडियो कॉल फ्रॉड और जॉब दिलाने के नाम पर लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं. वहीं कोरोना काल में बहुत लोगों की जॉब भी चली गई है. इस वजह से लोग इनके झांसे में आसानी से आ जाते हैं. ETV भारत ने साइबर एक्सपर्ट मोहित साहू से बात की है. मोहित ने बताया कि फिलहाल ठगी के जो मामले आ रहे हैं उसमें सबसे ज्यादा ब्लैक मेलिंग के मामले देखने को मिले हैं.

क्या है न्यूड कॉल स्कैम?

इन मामलों में उम्र दराज लोग शिकार बन रहे हैं. क्योंकि इनका एक कमजोर पॉइंट होता है. प्रेस्टीज, प्रेस्टीज के डर में यह लोग ठगों को पैसा दे देते हैं. ऐसे केस रजिस्टर भी बहुत कम होते हैं. इस केस में मोरस अप्रेंटिस बहुत सिंपल होता है. इसमें यह होता है कि आपको फेसबुक, व्हाट्सएप या अन्य सोशल मीडिया माध्यम से आपके मैसेज या कॉल पर किसी एक अननोन महिला से बात होती है. जैसे-जैसे आप उससे बात करते हो आपकी दोस्ती उससे हो जाती है. वह आपको वीडियो कॉल करती हैं. जब आप वीडियो कॉल में शामिल होते हैं तो आपकी फोटो ले ली जाती है. आपकों ऐसे वीडियो कॉल से बचने की जरूरत है. अगर उस वीडियो कॉल पर आप एक सेकेंड के लिए भी आते हैं, तो सामने वाला व्यक्ति आपकी फोटो ले लेता है. उसके बाद फोटो मॉर्फ करके वह एक वीडियो क्रिएट कर लेते हैं. वीडियो भेज कर वह लोग आपको ब्लैकमेल करने की कोशिश करते हैं. यह पहला स्टेज होता है.

ऑनलाइन वीडियो गेम में UPI और बैंक एकाउंट न करें रजिस्टर, कांकेर में 3 लाख रुपये से ज्यादा की लगी चपत

क्या है ब्लैकमेल के खेल का दूसरा स्टेज?

दूसरा स्टेज में वीडियो देखने के बाद अगर आप उन्हें इग्नोर करना शुरू कर देते हैं तो वो आपसे पैसा मांगते है. आप उसे पैसा नहीं देते तो वो आपको दिल्ली, राजस्थान जैसे अलग-अलग सिटी से कॉल आने शुरू होते हैं. अगर आप उस कॉल को देखेंगे तो उसमें दिल्ली क्राइम ब्रांच या अलग-अलग क्राइम ब्रांच का नाम शो करता है. यह लोग पुलिस वाले बनकर कॉल करते हैं. कहते हैं कि वह लड़की का आपके साथ जो वीडियो कॉल हुआ है वह कॉल यूट्यूब पर जा रहा है. लड़की को हमने अरेस्टर कर लिया. आपको भी अरेस्ट करेंगे. आपको मामला सेटल करना है और वीडियो को यूट्यूब पर जाने से रोकना है तो आप इतना पैसा हमें दे दें. पहले लड़कियां डराती हैं उसके बाद पुलिस बन कर वह लोगों को डराते हैं.

क्या है वर्क फ्रॉम होम स्कैम?

कोरोना काल की वजह से बहुत सारे लोगों की जॉब गई है. बहुत सारे लोग घर पर बैठे हुए हैं. ऐसे में लोगों को लगता है कि वह घर पर बैठे-बैठे कुछ ना कुछ कर लें. ऐसे में work-from-home वाले बहुत सारे एडवर्टाइजमेंट चलते रहते हैं. वर्क-फ्रॉम-होम इस टाइम बहुत ज्यादा चल रहा है. इसमें होता यह है कि बहुत सारे कंपनी आपको मैसेज या व्हाट्सएप करेंगे. जिसमें अगर आप रिप्लाई करेंगे तो यह आपको जॉब देने का प्रोसेस करेंगे. आप से आधार कार्ड लेंगे. आपका डाटा लेंगे. पूरा रजिस्टर्ड एक पेपर भेजेंगे जिसमें आप साइन करके उन्हें वापस भेजेंगे. ज्यादातर लोग हड़बड़ी में रहते हैं और पेपर में क्या लिखा रहता है वह ना पढ़करवह साइन करके भेज देते हैं.

इसमें ज्यादा कर जो काम मिलता है वह टाइपिंग से रिलेटेड रहते हैं. आपको वह यह बोलेंगे कि आपको हम महीने में इतना टाइप करके देंगे होगा और इसके बाद से ही स्कैम शुरू होता है.आपको इतना ज्यादा काम देते कि आप कर नहीं पाते और आप जब मना करते हैं तो यह आपके बोलते हैं कि आप के कारण हमारा काम रुक रहा है. आपकी वजह से हमने किसी और को जॉब नहीं दिया. आपने यह साइन किया है हमारे एग्रीमेंट के तहत आपको इतना रुपए हमें देना पड़ेगा. इस तरह से लोग फंस जाते हैं. क्योंकि जो डॉक्यूमेंट पर वह साइन किए रहते हैं वह बहुत ही ऑथेंटिक लगता है. इस चक्कर में लोग डर के मारे पैसा दे देते हैं.

साइबर क्राइम: पढ़े-लिखे लोगों के साथ अब चपेट में आ रहे पुलिस के बड़े अधिकारी

कई बार ऐसा भी होता है कि ऑनलाइन जॉब के नाम पर लोग बोलते हैं कि मेरे पास लैपटॉप नहीं है तो हम किस तरह काम करें. तो सामने वाली कंपनी बोलती है कि हमारे कंपनी आपको लैपटॉप प्रोवाइड करवा देगी. लेकिन उसके लिए आपको सिक्योरिटी डिपॉजिट देना होगा. लोग सोचते हैं कि 30 हजार का लैपटॉप होगा तो 5000 या 8000 सिक्योरिटी डिपॉजिट देना बनता है. लोग उनके बताए हुए खाते में पैसा डाल देते हैं. यह लोग लैपटॉप की जगह कुछ भी मैटेरियल घर पर डिस्पैच कर देते हैं. इस तरीके से यह स्कैम होता है.

ठगी या ब्लैकमेलिंग के शिकार होने पर क्या करें

सबसे जरूरी बात ये है कि आप अपने परिजनों ठगी के बारे में बताएं. जिससे सामने वाला व्यक्ति आपको ब्लैकमेल ना कर सके. जल्द से जल्द पुलिस से संपर्क करें. जिससे अपराधी जल्द पकड़ा जाए. साइबर हेल्पलाइन नंबर से आप कंप्लेंट रजिस्टर कर सकते हैं. अगर आपके साथ कोई स्कैम होता है तो आप अपने प्रेस्टीज को ध्यान में रखकर सोचते हैं. लेकिन यह बात प्रेस्टीज की नहीं है आप एक फ्रॉड के शिकार होते हैं. यहां पर आपको पुलिस को रिपोर्ट करना ज्यादा जरूरी है.

बस्तर संभाग के इस जिले में 200 से ज्यादा लाइब्रेरी को किया ऑनलाइन

दिल्ली, राजस्थान और जामताड़ा यह तीन इलाके हैं जहां से सबसे ज्यादा यह गैंग ऑपरेट होते हैं. इसके अलावा भी मल्टीपल फ्रॉड जैसे बैंक से रिलेटेड, ई-कॉमर्स, शॉट-फ्रॉड ,एडवर्टाइजमेंट फ्रॉड इस तरह के स्कैम भी किए जा रहे हैं. लोग पूरा डिजिटल मार्केटिंग का यूज करते हैं. ठग गूगल पर कस्टमर केयर के नाम पर आईडी क्रिएट कर देते हैं. अगर आप किसी कस्टमर केयर का नंबर सर्च करते हैं तो इनका नाम आपको शो होता है.

सालऑनलाइन अपराध की संख्या रिफंडरिफंड रकम
2018 348 12418,71,146
2019 548 155 38,00,836
2020 660 12922,25,939
Last Updated : Jul 10, 2021, 11:01 AM IST
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