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मौसम और कोरोना की मार: कम ठंड और कोरोना की वजह से ऊलन मार्केट से गायब हुई रौनक

कम ठंड और कोरोना संक्रमण को देखते हुए, इस बार रायपुर के ऊलन मार्केट से भीड़ गायब हो गई है. दुकानदारों का मानना है कि आने वाले समय में ठंड बढ़ने के साथ ग्राहकी बढ़ने की उम्मीद है.

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Published : Nov 24, 2020, 4:25 PM IST

Updated : Nov 25, 2020, 9:38 AM IST

Customers are not coming to the woolen market
सूने पड़े ऊलन मार्केट

रायपुर: कोरोना और लॉकडाउन का असर हर क्षेत्र में देखने को मिल रहा है. हर बाह की तरह इस बार भी राजधानी में ऊलन बाजार सजकर तैयार हो गया है. लेकिन कोरोना संक्रमण के कारण ऊलन मार्केट से रौनक गायब है. यहां पर गिने चुने लोग ही खरीदारी करने पहुंच रहे हैं. पिछले साल के मुकाबले इस बार कोरोना के कारण आधे से भी कम दुकाने सजाई गई हैं. राजधानी में अलग-अलग जगहों पर ऊनी कपड़ों की करीब 1 हजार दुकाने लगती थी, लेकिन इस बार ये महज 300 तक ही रह गई है.

सूने पड़े ऊलन मार्केट

पढें: SPECIAL: ठंड में खुले आसमान में सोने को मजबूर लोग, प्रचार-प्रसार की कमी के चलते रैन बसेरे बने सफेद हाथी

शहर में ऊलन मार्केट खुले करीब 1 हफ्ता हो गया है. जहां पर स्वेटर, शॉल, कंबल, मफलर, मंकी कैप जैसे ऊनी कपड़े उपलब्ध हैं, लेकिन इन दुकानों से खरीदारों की भीड़ गायब है. दुकानदारों का मानना है कि अभी ठंड की शुरुआत नहीं हुई है. दूसरी सबसे बड़ी वजह कोरोना संक्रमण है. जिसके कारण भी लोग घरों से बाहर नहीं निकल रहे हैं. जिससे दुकानदारों में मायूसी है.

Customers are not coming to the woolen market
ऊलन मार्केट से गायब हुई ग्राहकों की भीड़

पढ़ें: कोरबा में बढ़ी ठंड, जिला प्रशासन ने की सतर्क रहने की अपील

कोविड-19 बनी वजह

पिछले कई सालों से मैनपाट में रहने वाले तिब्बती शहर के शास्त्री बाजार और फायर ब्रिगेड चौक पर अपनी दुकान लगाते आ रहे हैं, लेकिन इस बार कोविड-19 की वजह से शास्त्री मार्केट में इस बार दुकान नहीं लगाई गई है. दुकानदारों का मानना है कि आने वाले समय में ठंड बढ़ने के साथ ही ग्राहकी बढ़ने की भी उम्मीद है.

रायपुर: कोरोना और लॉकडाउन का असर हर क्षेत्र में देखने को मिल रहा है. हर बाह की तरह इस बार भी राजधानी में ऊलन बाजार सजकर तैयार हो गया है. लेकिन कोरोना संक्रमण के कारण ऊलन मार्केट से रौनक गायब है. यहां पर गिने चुने लोग ही खरीदारी करने पहुंच रहे हैं. पिछले साल के मुकाबले इस बार कोरोना के कारण आधे से भी कम दुकाने सजाई गई हैं. राजधानी में अलग-अलग जगहों पर ऊनी कपड़ों की करीब 1 हजार दुकाने लगती थी, लेकिन इस बार ये महज 300 तक ही रह गई है.

सूने पड़े ऊलन मार्केट

पढें: SPECIAL: ठंड में खुले आसमान में सोने को मजबूर लोग, प्रचार-प्रसार की कमी के चलते रैन बसेरे बने सफेद हाथी

शहर में ऊलन मार्केट खुले करीब 1 हफ्ता हो गया है. जहां पर स्वेटर, शॉल, कंबल, मफलर, मंकी कैप जैसे ऊनी कपड़े उपलब्ध हैं, लेकिन इन दुकानों से खरीदारों की भीड़ गायब है. दुकानदारों का मानना है कि अभी ठंड की शुरुआत नहीं हुई है. दूसरी सबसे बड़ी वजह कोरोना संक्रमण है. जिसके कारण भी लोग घरों से बाहर नहीं निकल रहे हैं. जिससे दुकानदारों में मायूसी है.

Customers are not coming to the woolen market
ऊलन मार्केट से गायब हुई ग्राहकों की भीड़

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कोविड-19 बनी वजह

पिछले कई सालों से मैनपाट में रहने वाले तिब्बती शहर के शास्त्री बाजार और फायर ब्रिगेड चौक पर अपनी दुकान लगाते आ रहे हैं, लेकिन इस बार कोविड-19 की वजह से शास्त्री मार्केट में इस बार दुकान नहीं लगाई गई है. दुकानदारों का मानना है कि आने वाले समय में ठंड बढ़ने के साथ ही ग्राहकी बढ़ने की भी उम्मीद है.

Last Updated : Nov 25, 2020, 9:38 AM IST
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