रायपुर: दिवाली से ठीक पहले राज्य की भूपेश बघेल सरकार ने चिटफंड कंपनी पर निवेश कर धोखाधड़ी के शिकार हुए निवेशकों को तोहफा दिया है. राज्य सरकार ने चिटफंड कंपनी की संपत्ती को कुर्क कर निवेशकों का भुगतान किया है. धोखाधड़ी करने वाली चिटफंड कंपनी का नाम याल्स्को रियल स्टेट एण्ड एग्रो फार्मिंग लिमिटेड है. सरकार ने बड़ी कार्रवाई करते हुए कंपनी की संपत्ती को कुर्क किया और निवेशकों को 7 करोड़ 33 लाख रुपए लौटा दिए.
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गुरुवार को अपने निवास कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में निवेशकों के खाते में ऑनलाइन रुपए ट्रांसफर किए हैं. कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण एवं अन्य पिछड़ा वर्ग विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष विधायक दलेश्वर साहू और छत्तीसगढ़ खनिज विकास निगम के अध्यक्ष गिरीश देवांगन समेत कई नेता और अधिकारी मौजूद थे.
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वादे की ओर एक कदम
कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव से पहले वादा किया था कि, सरकार बनने पर निवेशकों की चिटफंड कंपनियों में फंसी हुई रकम वापस दिलाई जाएगी. राज्य सरकार ने फर्जी चिटफंड कंपनियों पर कार्रवाई कर निवेशकों को उनकी जमा रुपए दिलाने के विषय को अपनी प्राथमिकता में रखा है. जानकारी के मुताबिक चिटफंड कंपनियों पर कार्रवाई के विषय में मुख्यमंत्री स्वयं समीक्षा भी कर रहे हैं. 2 सालों के कार्यकाल के दौरान शासन ने धोखाधड़ी के मामलों की जांच शुरू करते हुए फर्जी कंपनियों के खिलाफ एफआईआर करने और निवेशकों को राशि लौटाने का सिलसिला शुरू कर दिया है. इसके अलावा सरकार ने कंपनी में काम करने वाले स्थानीय युवाओं के खिलाफ दर्ज मामले भी वापस लिए हैं.
8 करोड़ से अधिक की नीलामी
राजनांदगांव की चिटफंड कंपनी याल्स्को रियल स्टेट एण्ड एग्रो फार्मिंग लिमिटेड के खिलाफ शिकायतें मिली थी. राजनांदगांव कलेक्टर ने सम्पत्तियों की जानकारी जुटाई थी. जिसमें डायरेक्टरों के स्वामित्व की कुल 292.36 एकड़ अचल संपत्ती पाई गई. इस भूमि की कुर्की का अंतिम आदेश विशेष न्यायालय से पारित किया गया था. इसके बाद संबंधित विभागीय अधिकारियों ने कुर्क-सम्पत्तियों की नीलामी कराई . इस नीलामी से अब तक 8 करोड़ 15 लाख 34 हजार 345 रुपए प्राप्त हुए हैं. राजनांदगांव और छुरिया तहसीलों की एक-एक संपत्ती की नीलामी अभी बाकी है.
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अन्य राज्यों के चिटफंड निवेशकों को राहत
जिन 16 हजार 796 निवेशकों को राशि लौटाई गई है, उनमें 13 हजार 586 छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों के हैं. साथ ही 197 ओड़िशा के, 2971 महाराष्ट्र के और 42 निवेशक मध्यप्रदेश के हैं. इन निवेशकों के खाते में एनईएफटी के माध्यम से रकम ट्रांसफर की गई है.
2 साल में 9 करोड़ से अधिक रकम की वसूली
चिटफंड कंपनी संचालकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए 2 सालों में 9 करोड़ 4 लाख 40 हजार 220 रूपए शासन के खाते में जमा की गई. कुल 10 निवेशकों को कुल 22 लाख 94 हजार 243 रूपए वापस की गई. 2 प्रकरणों में नीलामी वसूली की कार्रवाई फिलहाल जारी है. 84 प्रकरणों में जिला कलेक्टर कुर्की का अंतरिम आदेश की कार्रवाई करने की तैयारी में हैं.