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यूक्रेन में पढ़ाई करने वाले छात्रों का भविष्य अधर में..! - crisis on future of medical students studying in ukraine

यूक्रेन से लौटे मेडिकल छात्रों को अपनी पढ़ाई को लेकर चिंता सतानी लगी है. इन छात्रों का भविष्य अधर में चला गया है. जिसको लेकर सरकार से छात्रों ने मांग की है कि क्लीनिकल प्रैक्टिस और प्रैक्टिकल की सुविधा उन्हें राज्यों के मेडिकल कॉलेजों में दी जाए.

मेडिकल छात्रा
मेडिकल छात्रा
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Published : Apr 24, 2022, 2:13 PM IST

रायपुर: छत्तीसगढ़ के करीब तीन सौ छात्र यूक्रेन में पढ़ाई कर रहे थे. इनमें से ज्यादातर छात्र मेडिकल फील्ड से थे. यूक्रेन और रूस के बीच छिड़ी जंग के बाद सभी छात्रों को छत्तीसगढ़ लौटना पड़ा. यूक्रेन में अधूरी पढ़ाई छोड़ कर प्रदेश लौटे मेडिकल छात्रों के भविष्य को लेकर संकट खड़ा हो गया है. छात्रों के परिजनों को भी अपने बच्चों के भविष्य की चिंता सता रही है. यूक्रेन से लौटे छात्रों की ऑनलाइन क्लासेज चल रही हैं. ऑनलाइन क्लास में भी मेडिकल छात्रों को दिक्कत हो रही है. मेडिकल छात्रों की बड़ी समस्या क्लीनिकल प्रैक्टिस न हो पाना है. मेडिकल छात्रों ने देश और प्रदेश की सरकार से मांग की है कि क्लीनिकल प्रैक्टिस और प्रैक्टिकल की सुविधा उन्हें राज्यों के मेडिकल कॉलेजों में दी जाए.

यह भी पढ़ें: विधानसभा चुनाव 2023 के लिए कांग्रेस ने बनाई रणनीति, विधायकों की परफॉर्मेंस रिपोर्ट तैयार, कमी दूर करने के दिए गए निर्देश

यूक्रेन से छत्तीसगढ़ वापस लौटे छात्रों का बयान: मेडिकल के विद्यार्थियों ने बताया कि उनकी पढ़ाई ऑनलाइन चल रही है. वे अपने टीचर्स के साथ ऑनलाइन कनेक्ट भी हैं, लेकिन क्लीनिकल प्रैक्टिस नहीं होने के कारण उनकी पढ़ाई पूरी नहीं हो पा रही है. विद्यार्थियों ने केंद्र और राज्य सरकार से मांग की है कि उन्हें क्लीनिकल प्रैक्टिस करने की इजाजत देश में ही दी जाए.

छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिले के पुखराज साहू यूक्रेन से एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे हैं. पुखराज साहू ने बताया कि जब यूक्रेन में युद्ध की स्थिति बनी तो वे सुरक्षित अपने घर वापस तो लौट गए. पुखराज ने बताया कि, यूक्रेन और रूस के बीच अभी भी जारी जंग की वजह से, ऑनलाइन पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है. टीचर्स ऑनलाइन क्लास लेते हैं, लेकिन जब भी यूक्रेन में बमबारी होती है, उस दौरान टीचर्स को बंकर में जाना पड़ता है. ऑनलाइन पढ़ाई से प्रैक्टिकल और क्लीनिकल प्रैक्टिस भी संभव नहीं है. यूक्रेन में पढ़ाई कर रहे छात्रों की मांग है कि देश और राज्यों के मेडिकल कॉलेजों में उन्हें प्रैक्टिस और प्रैक्टिकल पढ़ाई करने की परमिशन दी जाय. पुखराज साहू ने बताया कि छात्रों ने इन समस्याओं की जानकारी प्रदेश के नेताओं को भी दे दी है.

राजनांदगांव जिले की छात्रा, युविका यूक्रेन से मेडिकल की पढ़ाई कर रही हैं. युविका ने भी बताया कि ऑनलाइन पढ़ाई से क्लीनिकल प्रैक्टिस संभव नहीं है. इसकी वजह से एमबीबीएस की पढ़ाई करने में दिक्कत आ रही है. छात्रा युविका ने यूक्रेन में पढ़ने वाले छात्रों की ओर से, सरकार से मांग की है कि, छात्रों की आगे की पढ़ाई भारत में ही करने की इजाजत दी जाए. यूक्रेन में पढ़ने वाले मेडिकल के छात्र चाहते हैं कि उन्हें क्लिनिकल प्रैक्टिस के लिए डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल या मेडिकल कॉलेज में व्यवस्था दी की जाए, ताकि वे अपनी पढ़ाई पूरी कर सकें.

छात्रा युविका का कहना है कि, कब तक यूक्रेन के हालात ठीक होंगें? यह बता पाना कठिन है. इसीलिए यूक्रेन में पढ़ाई कर रहे छात्रों का ट्रांसफर देेश के ही कालेजों में करने पर भी विचार किया जाए.

रायपुर: छत्तीसगढ़ के करीब तीन सौ छात्र यूक्रेन में पढ़ाई कर रहे थे. इनमें से ज्यादातर छात्र मेडिकल फील्ड से थे. यूक्रेन और रूस के बीच छिड़ी जंग के बाद सभी छात्रों को छत्तीसगढ़ लौटना पड़ा. यूक्रेन में अधूरी पढ़ाई छोड़ कर प्रदेश लौटे मेडिकल छात्रों के भविष्य को लेकर संकट खड़ा हो गया है. छात्रों के परिजनों को भी अपने बच्चों के भविष्य की चिंता सता रही है. यूक्रेन से लौटे छात्रों की ऑनलाइन क्लासेज चल रही हैं. ऑनलाइन क्लास में भी मेडिकल छात्रों को दिक्कत हो रही है. मेडिकल छात्रों की बड़ी समस्या क्लीनिकल प्रैक्टिस न हो पाना है. मेडिकल छात्रों ने देश और प्रदेश की सरकार से मांग की है कि क्लीनिकल प्रैक्टिस और प्रैक्टिकल की सुविधा उन्हें राज्यों के मेडिकल कॉलेजों में दी जाए.

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यूक्रेन से छत्तीसगढ़ वापस लौटे छात्रों का बयान: मेडिकल के विद्यार्थियों ने बताया कि उनकी पढ़ाई ऑनलाइन चल रही है. वे अपने टीचर्स के साथ ऑनलाइन कनेक्ट भी हैं, लेकिन क्लीनिकल प्रैक्टिस नहीं होने के कारण उनकी पढ़ाई पूरी नहीं हो पा रही है. विद्यार्थियों ने केंद्र और राज्य सरकार से मांग की है कि उन्हें क्लीनिकल प्रैक्टिस करने की इजाजत देश में ही दी जाए.

छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिले के पुखराज साहू यूक्रेन से एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे हैं. पुखराज साहू ने बताया कि जब यूक्रेन में युद्ध की स्थिति बनी तो वे सुरक्षित अपने घर वापस तो लौट गए. पुखराज ने बताया कि, यूक्रेन और रूस के बीच अभी भी जारी जंग की वजह से, ऑनलाइन पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है. टीचर्स ऑनलाइन क्लास लेते हैं, लेकिन जब भी यूक्रेन में बमबारी होती है, उस दौरान टीचर्स को बंकर में जाना पड़ता है. ऑनलाइन पढ़ाई से प्रैक्टिकल और क्लीनिकल प्रैक्टिस भी संभव नहीं है. यूक्रेन में पढ़ाई कर रहे छात्रों की मांग है कि देश और राज्यों के मेडिकल कॉलेजों में उन्हें प्रैक्टिस और प्रैक्टिकल पढ़ाई करने की परमिशन दी जाय. पुखराज साहू ने बताया कि छात्रों ने इन समस्याओं की जानकारी प्रदेश के नेताओं को भी दे दी है.

राजनांदगांव जिले की छात्रा, युविका यूक्रेन से मेडिकल की पढ़ाई कर रही हैं. युविका ने भी बताया कि ऑनलाइन पढ़ाई से क्लीनिकल प्रैक्टिस संभव नहीं है. इसकी वजह से एमबीबीएस की पढ़ाई करने में दिक्कत आ रही है. छात्रा युविका ने यूक्रेन में पढ़ने वाले छात्रों की ओर से, सरकार से मांग की है कि, छात्रों की आगे की पढ़ाई भारत में ही करने की इजाजत दी जाए. यूक्रेन में पढ़ने वाले मेडिकल के छात्र चाहते हैं कि उन्हें क्लिनिकल प्रैक्टिस के लिए डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल या मेडिकल कॉलेज में व्यवस्था दी की जाए, ताकि वे अपनी पढ़ाई पूरी कर सकें.

छात्रा युविका का कहना है कि, कब तक यूक्रेन के हालात ठीक होंगें? यह बता पाना कठिन है. इसीलिए यूक्रेन में पढ़ाई कर रहे छात्रों का ट्रांसफर देेश के ही कालेजों में करने पर भी विचार किया जाए.

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