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झीरम घाटी केस में कोर्ट ने सुनवाई से इनकार करते हुए दूसरे बेंच में लगाने का दिया आदेश

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Published : Sep 20, 2021, 10:59 PM IST

हाइकोर्ट में आज जस्टिस मनिंद्र मोहन श्रीवास्तव और जस्टिस विमला सिंह कपूर की खंडपीठ ने झीरम घाटी मामले (Jhiram Valley hearing case) में सुनवाई की.

Chhattisgarh High Court
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट

बिलासपुर: हाइकोर्ट में आज जस्टिस मनिंद्र मोहन श्रीवास्तव और जस्टिस विमला सिंह कपूर की खंडपीठ ने झीरम घाटी मामले (Jhiram Valley hearing case) में सुनवाई की. एनआईए की झीरम घाटी हमले से संबंधित जांच के मामले में याचिका को 3 दिन लगातार सुनवाई के बाद सुनवाई पूर्ण होने के पहले ही अपनी कोर्ट से मुक्त कर दिया है.

एनआईए (एनआईए ) ने राज्य सरकार के द्वारा दरभा थाने में झीरम घाटी (Jhiram Valley) में मामला दर्ज कर दोबारा जांच करने के खिलाफ हाइकोर्ट में याचिका दायर कर जांच रोकने की मांग की थी. इस मामले में लगातार तीन दिन से सुनवाई चल रही थी. तभी आज सोमवार को मामले से संबंधित सभी अधिवक्ताओं को समक्ष बुलाकर कहा कि ताजा परिस्थिति में इस याचिका की सुनवाई पूरी कर इसे फैसले के लिए सुरक्षित रखना संभव नहीं होगा. क्योंकि इसमें फैसला देने में कुछ समय लग सकता है.

8 साल से न्याय की आस में 'झीरम', कोरोना से नक्सलियों की मौत ने और उलझाया

जस्टिस मनिंद्र मोहन श्रीवास्तव (Justice Manindra Mohan Srivastava) ने अपने राजस्थान हाईकोर्ट में स्थानांतरण संबंधित समाचारों के मद्देनजर यह बात कही. उन्होंने कहा कि उच्च न्यायिक परंपराओं के तहत जब तक परिस्थिति पूरी तरह साफ नहीं होती. इस कोर्ट में यह याचिका अधूरी सुनवाई के साथ बंधक नहीं रह सकती है, इसलिए इस आंशिक सुनी याचिका को मुक्त करना आवश्यक है.

शिकायतकर्ता जितेंद्र मुदलियार के अधिवक्ता सुदीप श्रीवास्तव (Advocate Sudeep Srivastava) ने यह अनुरोध किया कि एनआईए एक्ट की धारा 6 (7) के तहत जांच पर स्टे नहीं हो सकता. इसलिए पूर्व में दिया गया स्टे ऑर्डर समाप्त कर दिया जाए. इस पर भी कोर्ट तैयार नहीं हुआ और कहा कि हम इस स्तर पर कोई भी वृहद आदेश नहीं देना चाहते और हम याचिका को अपने समक्ष सुनवाई से मुक्त कर रहे हैं. कोर्ट ने याचिका को 10 दिन बाद पुनः उपयुक्त बेंच के सामने लगाने का निर्देश दिया है.

बिलासपुर: हाइकोर्ट में आज जस्टिस मनिंद्र मोहन श्रीवास्तव और जस्टिस विमला सिंह कपूर की खंडपीठ ने झीरम घाटी मामले (Jhiram Valley hearing case) में सुनवाई की. एनआईए की झीरम घाटी हमले से संबंधित जांच के मामले में याचिका को 3 दिन लगातार सुनवाई के बाद सुनवाई पूर्ण होने के पहले ही अपनी कोर्ट से मुक्त कर दिया है.

एनआईए (एनआईए ) ने राज्य सरकार के द्वारा दरभा थाने में झीरम घाटी (Jhiram Valley) में मामला दर्ज कर दोबारा जांच करने के खिलाफ हाइकोर्ट में याचिका दायर कर जांच रोकने की मांग की थी. इस मामले में लगातार तीन दिन से सुनवाई चल रही थी. तभी आज सोमवार को मामले से संबंधित सभी अधिवक्ताओं को समक्ष बुलाकर कहा कि ताजा परिस्थिति में इस याचिका की सुनवाई पूरी कर इसे फैसले के लिए सुरक्षित रखना संभव नहीं होगा. क्योंकि इसमें फैसला देने में कुछ समय लग सकता है.

8 साल से न्याय की आस में 'झीरम', कोरोना से नक्सलियों की मौत ने और उलझाया

जस्टिस मनिंद्र मोहन श्रीवास्तव (Justice Manindra Mohan Srivastava) ने अपने राजस्थान हाईकोर्ट में स्थानांतरण संबंधित समाचारों के मद्देनजर यह बात कही. उन्होंने कहा कि उच्च न्यायिक परंपराओं के तहत जब तक परिस्थिति पूरी तरह साफ नहीं होती. इस कोर्ट में यह याचिका अधूरी सुनवाई के साथ बंधक नहीं रह सकती है, इसलिए इस आंशिक सुनी याचिका को मुक्त करना आवश्यक है.

शिकायतकर्ता जितेंद्र मुदलियार के अधिवक्ता सुदीप श्रीवास्तव (Advocate Sudeep Srivastava) ने यह अनुरोध किया कि एनआईए एक्ट की धारा 6 (7) के तहत जांच पर स्टे नहीं हो सकता. इसलिए पूर्व में दिया गया स्टे ऑर्डर समाप्त कर दिया जाए. इस पर भी कोर्ट तैयार नहीं हुआ और कहा कि हम इस स्तर पर कोई भी वृहद आदेश नहीं देना चाहते और हम याचिका को अपने समक्ष सुनवाई से मुक्त कर रहे हैं. कोर्ट ने याचिका को 10 दिन बाद पुनः उपयुक्त बेंच के सामने लगाने का निर्देश दिया है.

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