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भ्रष्टाचार मामले में 19 मार्च के बाद पाठ्य पुस्तक निगम करेगा अग्रिम कार्रवाई - शैलेश नितिन त्रिवेदी - रायपुर न्यूज

पाठ्य पुस्तक निगम में 72 करोड़ के फर्जीवाड़े का मामला तूल पकड़ रहा है. पूर्व की भाजपा सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाए जा रहे हैं. निगम के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी मामले की तह तक पहुंचने की बात कही है.

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पाठ्य पुस्तक निगम छत्तीसगढ़
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Published : Mar 17, 2021, 8:00 PM IST

रायपुर: पाठ्य पुस्तक निगम में लगभग 72 करोड़ के फर्जीवाड़े का मामला प्रकाश में आया है. जिसे लेकर निगम के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने पूर्व की भाजपा सरकार और अधिकारियों पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है. इस राशि में से लगभग 8 करोड़ से ज्यादा की राशि ऐसी है जिसका भुगतान तो कर दिया गया लेकिन निगम के पास इस बात की जानकारी नहीं है कि यह राशि किस काम के लिए भुगतान की गई है.

प्रकाशक से मांगी गई जानकारी

निगम ने जिस प्रकाशक को राशि का भुगतान किया है. उसे पत्र लिखकर जानकारी मांगी गई है. इसमें जानकारी मांगी गई है कि इस राशि का भुगतान किस लिए किया गया है. इस बात की पूरी जानकारी पाठ्य पुस्तक निगम के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने दी है.

EXCLUSIVE: अब छत्तीसगढ़ की संस्कृति को और करीब से जानेंगे छात्र- शैलेश नितिन त्रिवेदी

भुगतान में नियमों की अनदेखी: शैलेश नितिन त्रिवेदी

शैलेश नितिन त्रिवेदी ने पाठ्य पुस्तक निगम में पत्रकार वार्ता लेते हुए कहा कि निगम की ओर से लगभग 72 करोड़ रुपए की राशि का भुगतान किया गया है. लेकिन इस भुगतान में नियमों की अनदेखी की गई है. इस राशि के भुगतान के लिए सक्षम अधिकारियों के हस्ताक्षर नहीं लिए गए हैं. साथ ही वित्त विभाग के निर्देशों का पालन नहीं किया गया है. इस मामले गंभीरता से लेते हुए शैलेश ने जांच के आदेश दिए हैं. आवश्यकता पड़ने पर मामले में एफआइआर दर्ज कराए जाने की बात भी कही है.

8 करोड़ 40 लाख का रिकॉर्ड मांगा गया

शैलेश ने कहा कि यह मामला बेहद गंभीर है और इस पर कार्रवाई की जा रही है. 12 मार्च को जो पत्र रामराजा प्रिंटर्स को लिखा गया है उस पत्र में 8 करोड़ 40 लाख का रिकॉर्ड मांगा गया है. 19 मार्च तक का समय मांगा गया है. 19 मार्च के बाद पाठ्य पुस्तक निगम अग्रिम कार्रवाई करेगा. शैलेश ने बताया कि जिस समय का यह प्रकरण हुए हैं. उस वक्त महाप्रबंधक के पद पर चतुर्वेदी नाम के अधिकारी पदस्थ थे.

रायपुर: पाठ्य पुस्तक निगम में लगभग 72 करोड़ के फर्जीवाड़े का मामला प्रकाश में आया है. जिसे लेकर निगम के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने पूर्व की भाजपा सरकार और अधिकारियों पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है. इस राशि में से लगभग 8 करोड़ से ज्यादा की राशि ऐसी है जिसका भुगतान तो कर दिया गया लेकिन निगम के पास इस बात की जानकारी नहीं है कि यह राशि किस काम के लिए भुगतान की गई है.

प्रकाशक से मांगी गई जानकारी

निगम ने जिस प्रकाशक को राशि का भुगतान किया है. उसे पत्र लिखकर जानकारी मांगी गई है. इसमें जानकारी मांगी गई है कि इस राशि का भुगतान किस लिए किया गया है. इस बात की पूरी जानकारी पाठ्य पुस्तक निगम के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने दी है.

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भुगतान में नियमों की अनदेखी: शैलेश नितिन त्रिवेदी

शैलेश नितिन त्रिवेदी ने पाठ्य पुस्तक निगम में पत्रकार वार्ता लेते हुए कहा कि निगम की ओर से लगभग 72 करोड़ रुपए की राशि का भुगतान किया गया है. लेकिन इस भुगतान में नियमों की अनदेखी की गई है. इस राशि के भुगतान के लिए सक्षम अधिकारियों के हस्ताक्षर नहीं लिए गए हैं. साथ ही वित्त विभाग के निर्देशों का पालन नहीं किया गया है. इस मामले गंभीरता से लेते हुए शैलेश ने जांच के आदेश दिए हैं. आवश्यकता पड़ने पर मामले में एफआइआर दर्ज कराए जाने की बात भी कही है.

8 करोड़ 40 लाख का रिकॉर्ड मांगा गया

शैलेश ने कहा कि यह मामला बेहद गंभीर है और इस पर कार्रवाई की जा रही है. 12 मार्च को जो पत्र रामराजा प्रिंटर्स को लिखा गया है उस पत्र में 8 करोड़ 40 लाख का रिकॉर्ड मांगा गया है. 19 मार्च तक का समय मांगा गया है. 19 मार्च के बाद पाठ्य पुस्तक निगम अग्रिम कार्रवाई करेगा. शैलेश ने बताया कि जिस समय का यह प्रकरण हुए हैं. उस वक्त महाप्रबंधक के पद पर चतुर्वेदी नाम के अधिकारी पदस्थ थे.

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