रायपुर: प्रदेश की राजधानी रायपुर में स्वास्थ्य विभाग में काम करने वाले कोरोना योद्धाओं ने मरीजों का जान पर खेलकर इलाज किया. लेकिन शासन प्रशासन की तरफ से आज उनकी सेवाओं को समाप्त कर दिया गया है. जिसे जारी करने की मांग को लेकर कोरोना वॉरियर्स स्वस्थ्यकर्मी सड़कों पर उथरें. बीते 5 दिनों से यह स्वास्थ्यकर्मी विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.
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मार्च 2020 में कोरोना की पहली लहर और अप्रैल 2021 के महीने में कोरोना की दूसरी लहर ने दस्तक दी थी. उस दौरान स्वास्थ्य विभाग में कोरोना योद्धा के तौर पर नर्सिंग स्टाफ और स्वास्थ्य की जानकारी रखने वाले ट्रेंड बेरोजगारों को शासन प्रशासन के द्वारा अस्थाई तौर पर कोरोना संक्रमित मरीजों की देखभाल के लिए रखा गया था. लेकिन कोरोना संक्रमण की रफ्तार कम होने के बाद अस्थाई रूप से सेवा में रखे गए कोरोना योद्धाओं को नौकरी से निकाल दिया गया. उनकी सेवाएं समाप्त कर दी गई है. जिसको लेकर कोरोना योद्धा अब आर-पार की लड़ाई के मूड में दिख रहे हैं.
कोरोना संक्रमण को देखते हुए शासन प्रशासन के द्वारा प्रदेश के सभी जिलों में कोरोना योद्धा के रूप में डॉक्टर माइक्रोबायोलॉजिस्ट नर्सिंग स्टाफ लैब टेक्नीशियन एएनएम की भर्ती की गई थी. लेकिन कोरोना की रफ्तार कम होने के साथ ही कोरोना संक्रमित मरीजों का ग्राफ गिरने के बाद स्वास्थ्य विभाग में अस्थाई तौर पर रखे गए इन कर्मचारियों की सेवा समाप्त कर. उन्हें नौकरी से हटाने का नोटिस दे दिया गया है.जिसका ये स्वास्थ्य कर्मी विरोध कर रहे हैं.