रायपुर: टीके की कमी (lack of vaccine) टीकाकरण अभियान में बड़ी बाधा साबित हो रही है. राज्य के कई जिले वैक्सीन की कमी से जूझ रहे हैं. लगातार वैक्सीन की कमी होने की वजह से अभियान काफी प्रभावित हो रहा है. जिन जिलों में वैक्सीन उपलब्ध है, वहां उपलब्धता के आधार पर वैक्सीनेशन (vaccination) किया जा रहा है. रविवार को लगभग आधे प्रदेश में टीकाकरण नहीं हो पाया.
रायपुर समेत सिर्फ 14 जिलों के कुछ केंद्रों में ही वैक्सीन उपलब्ध है. जहां लोगों का वैक्सीनेशन किया जा रहा है. प्रदेश में 15 जुलाई को वैक्सीन की अगली खेप आने की उम्मीद है.
राजधानी रायपुर का हाल: रायपुर के भी कुछ बड़े टीकाकरण केंद्रों में ही वैक्सीन के दोनों टीके उपलब्ध हैं. लेकिन कुछ छोटे केंद्र वैक्सीन ना होने की वजह से बंद हो चुके हैं. ऐसे में अगर वैक्सीन की नई खेप प्रदेश में जल्द नहीं भेजी गई, तो वैक्सीनेशन पर एक बार फिर ब्रेक लग सकता है.
शहीद स्मारक केंद्र के टीकाकरण प्रभारी शरद कुमार ठाकुर ने बताया कि रायपुर का शहीद स्मारक टीकाकरण केंद्र पूरे छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े टीकाकरण केंद्रों में से एक है. यहां पर वैक्सीन बाकी केंद्रों को मुकाबले ज्यादा आती है. वैक्सीन उपलब्ध होने की वजह से प्राथमिकता के आधार पर टीकाकरण किया गया है. रोजाना शहीद स्मारक केंद्र में 500 से 600 लोगों का वैक्सीनेशन किया जाता है.
धमतरी: जिले में बीते 4 दिनों से टीकाकरण बंद है. जिले में अब तक 7240 हेल्थ वर्कर को पहली डोज और 5023 को दूसरी डोज, 3817 फ्रंट लाइन वर्कर को पहली और 3817 को दूसरी डोज, 45 प्लस में 164036 को पहली डोज और 58163 को दूसरी डोज लगी है. 18 से 44 आयु वर्ग में 98525 को पहली डोज और 3402 को दूसरी डोज लग चुकी है.
गरियाबंद: जिला वैक्सीन की कमी से जूझ रहा है. 37 फीसदी लोगों को वैक्सीन की पहली डोज और 18 प्रतिशत लोगों को दूसरी डोज लग चुकी है. इसी तरह फ्रंटलाइन वर्कर्स को अगर देखें तो 78% लोगों को दोनों डोज और 98% लोगों को पहला डोज लगी है. हेल्थ केयर वर्कर्स को अगर देखें तो 83% को दोनों खुराक और 17 प्रतिशत को पहली डोज लगी है. 44 प्लस के 79 प्रतिशत लोगों को पहली डोज लग चुकी है.
बेमेतरा: बेमेतरा में 8 जुलाई से टीकाकरण बंद है. जिले में कुल 1 लाख 83 हजार 328 लोगों को कोरोना का टीका लग चुका है. जिसमें 95 हजार 990 लोगों को पहली डोज, 18 हजार 614 लोगों को दूसरी डोज लगी है. वहीं 18+ वाले 50 हजार 726 लोगों को प्रथम डोज और 2324 लोगों को सेकेंड डोज लगी है.
बलौदाबाजार: जिले में पिछले 5 दिनों से टीके न होने के कारण वैक्सीनेशन बंद है.
बालोद: जिला वैक्सीन की कमी से जूझ रहा है. केवल टाउन हॉल में वैक्सीनेशन जारी है. यहां भी वैक्सीन खत्म होने वाली है.
कोरबा: वैक्सीन की कमी की वजह से 6 जुलाई के बाद टीकाकरण नहीं हो रहा है.
कवर्धा: वैक्सीन की कमी की वजह से टीकाकरण बंद है. 45 प्लस वाले 1 लाख 29 हजार लोगों को पहली और 29 हजार 919 को दूसरी खुराक लगाई जा चुकी है. 18 प्लस वाले 95 हजार 455 को पहली और 2251 को दूसरी खुराक लाई जा चुकी है.
बिलासपुर: बिलासपुर जिले में 7 दिनों से वैक्सीनेशन बंद है. कुल आबादी 20 लाख के करीब है. पहला डोज 5 लाख 49 हजार ( 22.98 प्रतिशत) लोगों को लगा है. दूसरा डोज 1 लाख 14 हजार के करीब ( 5.44 प्रतिशत) लोगों को लगा है. 279 कुल वैक्सीनेशन सेंटर हैं.
दुर्ग: टीके की कमी की वजह से वैक्सीनेशन बंद है. जिले में 395 टीकाकरण केंद्र बनाए गए हैं.
गौरेला-पेंड्रा-मरवाही: जिले में टीकाकरण एक हफ्ते से बंद है.
जशपुर: 8 जुलाई से टीकाकरण बंद है. अब तक 3 लाख 4 हजार 452 लोगों का टीकाकरण किया गया है. 2 लाख 54 हजार 525 लोगों को पहली और 49 हजार 927 लोगों को टीके की दूसरी खुराक लग चुकी है.
सरगुजा: वैक्सीन की कमी की वजह से 6 जुलाई के बाद टीकाकरण नहीं हो रहा है.
बस्तर: टीके की कमी की वजह से 11 जुलाई के बाद वैक्सीनेशन बंद है.
कांकेर: 7 जुलाई से वैक्सीनेशन बंद है. जिले में कुल 2 लाख 99 हजार, 602 लोगों को कोरोना का टीका लग चुका है. 2 लाख 32 हजार 794 लोगों को पहली और 57 हजार 808 लोगों को दूसरी डोज लगाई जा चुकी है. 18 प्लस 72 हजार 234 लोगों को पहली और 2 हजार 587 लोगों को दोनों खुराक लगाई जा चुकी हैं.