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SPECIAL:निजी लैब में कोरोना संक्रमण की जांच शुरू होने से पहले ही उठने लगे सवाल

छत्तीसगढ़ में कोरोना संक्रमण की जांच के लिए केंद्र सरकार ने दो निजी लैब को अनुमति दे दी है, लेकिन जांच शुरू होने के पहले ही सवाल उठने लगे हैं.

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निजी लैब में कोरोना संक्रमण की जांच
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Published : Apr 20, 2020, 8:28 PM IST

Updated : Apr 21, 2020, 10:47 AM IST

रायपुरः छत्तीसगढ़ में कोरोना संक्रमण की जांच के लिए केंद्र सरकार ने दो निजी लैब को अनुमति दे दी है. जिन दो निजी लैब को कोरोना टेस्ट के लिए अनुमति दी गई है, उसमें डॉ लाल पैथ लैब और एसआरएल डायग्नोस्टिक सेंटर शामिल है, लेकिन लॉकडाउन की वजह से आ रही परेशानियों के कारण यहां अभी जांच की सुविधा शुरू नहीं हुई है.

निजी लैब में कोरोना जांच की अनुमति

डॉक्टर लाल पैथ लैब के मुताबिक कार्गो सर्विस बंद है, जिसके कारण जांच किट की व्यवस्था नहीं हो पा रही है. यह सुविधा शुरू होते ही प्रदेशवासियों को इसकी सुविधा मिलने लगेगी. हालांकि अभी यहां कोरोना टेस्ट होना शुरू नहीं हुआ हैं, लेकिन निजी लैब में जांच को लेकर पहले ही सवाल उठने लगे हैं कि कहीं मरीजों पर जबरदस्ती दबाव नहीं बनाया जाए और कहीं ये कमाई का जरिया न बन जाए. फिलहाल केंद्र सरकार ने निजी लैब के लिए मापदंड तय किए हैं.

केंद्र सरकार की ओर से उन्हीं लैब्स को करोना टेस्ट की अनुमति दी गई है, जिन्होंने निर्धारित इन सात बिंदुओं के मापदंड को पूरा किया है, जो इस प्रकार हैं-

  • प्रयोगशाला में रियल टाइम आरटी पीसीआर की मशीन चालू स्थिति में होनी चाहिए.
  • बायोसेफ्टी लेवल 2 केबिन प्रयोगशाला में बेहतर स्थिति के साथ होना अनिवार्य है.
  • प्रयोगशाला में शीत अपकेंद्रण यंत्र (सेंट्रीफ्यूज) अनिवार्य है.
  • पिपेट आरएनए किट प्लास्टिक के बर्तन और अन्य बुनियादी वस्तुएं अनिवार्य हैं.
  • कचरे का निस्तारण करने के लिए ऑटोक्लेव जरूरी है.
  • आरटी पीसीआर मशीन का इस्तेमाल करने का कर्मचारियों को अनुभव होना जरूरी है.
  • जैविक कचरा प्रबंधन और संक्रामक कचरे का निस्तारण जरूरी है.

जानकार बताते हैं कि निजी लैब में कोरोना वायरस टेस्ट की सुविधा मुहैया कराए जाने के बाद इसका फायदा राजधानी सहित प्रदेश के लोगों को मिलेगा, लेकिन वहीं जानकार इस टेस्ट के लिए सरकार की ओर से उचित गाइडलाइन जारी करने की भी मांग कर रहे हैं, ताकि लोग किसी तरह से भ्रष्टाचार के शिकार न हों.

निजी लैब के लिए गाइडलाइन जारी करने की मांग
कांग्रेस चिकित्सा विभाग के प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर राकेश गुप्ता का कहना है कि अगर सरकार की ओर से कोरोना वायरस टेस्ट के लिए सख्त गाइडलाइन जारी नहीं किया जाता है, तो ऐसी स्थिति में निजी लैब मनमानी करने से बाज नहीं आएंगे और हो सकता है कि सामान्य सर्दी, खांसी, जुकाम में भी डॉक्टर मरीज को कोरोना वायरस टेस्ट के लिए कहें, जिसके लिए मोटी फीस भी ली जाएगी. इसके अलावा उन्होंने इस टेस्ट को निःशुल्क या फिर रियायती दर पर उपलब्ध कराए जाने की भी बात कही है.

बता दें कि वर्तमान में छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के एम्स और मेडिकल कॉलेज में कोरोना वायरस के टेस्ट की सुविधा उपलब्ध है. निजी लैब में कोरोना वायरस टेस्ट की सुविधा शुरू होने के बाद प्रदेश में ज्यादातर कोरोना संदिग्धों की जांच हो सकेगी और इससे समय पर रिपोर्ट मिलने की उम्मीद जताई जा रही है. जिससे मरीजों के इलाज में सहूलियत होगी और समय रहते वे जल्द ठीक हो सकेंगे.

रायपुरः छत्तीसगढ़ में कोरोना संक्रमण की जांच के लिए केंद्र सरकार ने दो निजी लैब को अनुमति दे दी है. जिन दो निजी लैब को कोरोना टेस्ट के लिए अनुमति दी गई है, उसमें डॉ लाल पैथ लैब और एसआरएल डायग्नोस्टिक सेंटर शामिल है, लेकिन लॉकडाउन की वजह से आ रही परेशानियों के कारण यहां अभी जांच की सुविधा शुरू नहीं हुई है.

निजी लैब में कोरोना जांच की अनुमति

डॉक्टर लाल पैथ लैब के मुताबिक कार्गो सर्विस बंद है, जिसके कारण जांच किट की व्यवस्था नहीं हो पा रही है. यह सुविधा शुरू होते ही प्रदेशवासियों को इसकी सुविधा मिलने लगेगी. हालांकि अभी यहां कोरोना टेस्ट होना शुरू नहीं हुआ हैं, लेकिन निजी लैब में जांच को लेकर पहले ही सवाल उठने लगे हैं कि कहीं मरीजों पर जबरदस्ती दबाव नहीं बनाया जाए और कहीं ये कमाई का जरिया न बन जाए. फिलहाल केंद्र सरकार ने निजी लैब के लिए मापदंड तय किए हैं.

केंद्र सरकार की ओर से उन्हीं लैब्स को करोना टेस्ट की अनुमति दी गई है, जिन्होंने निर्धारित इन सात बिंदुओं के मापदंड को पूरा किया है, जो इस प्रकार हैं-

  • प्रयोगशाला में रियल टाइम आरटी पीसीआर की मशीन चालू स्थिति में होनी चाहिए.
  • बायोसेफ्टी लेवल 2 केबिन प्रयोगशाला में बेहतर स्थिति के साथ होना अनिवार्य है.
  • प्रयोगशाला में शीत अपकेंद्रण यंत्र (सेंट्रीफ्यूज) अनिवार्य है.
  • पिपेट आरएनए किट प्लास्टिक के बर्तन और अन्य बुनियादी वस्तुएं अनिवार्य हैं.
  • कचरे का निस्तारण करने के लिए ऑटोक्लेव जरूरी है.
  • आरटी पीसीआर मशीन का इस्तेमाल करने का कर्मचारियों को अनुभव होना जरूरी है.
  • जैविक कचरा प्रबंधन और संक्रामक कचरे का निस्तारण जरूरी है.

जानकार बताते हैं कि निजी लैब में कोरोना वायरस टेस्ट की सुविधा मुहैया कराए जाने के बाद इसका फायदा राजधानी सहित प्रदेश के लोगों को मिलेगा, लेकिन वहीं जानकार इस टेस्ट के लिए सरकार की ओर से उचित गाइडलाइन जारी करने की भी मांग कर रहे हैं, ताकि लोग किसी तरह से भ्रष्टाचार के शिकार न हों.

निजी लैब के लिए गाइडलाइन जारी करने की मांग
कांग्रेस चिकित्सा विभाग के प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर राकेश गुप्ता का कहना है कि अगर सरकार की ओर से कोरोना वायरस टेस्ट के लिए सख्त गाइडलाइन जारी नहीं किया जाता है, तो ऐसी स्थिति में निजी लैब मनमानी करने से बाज नहीं आएंगे और हो सकता है कि सामान्य सर्दी, खांसी, जुकाम में भी डॉक्टर मरीज को कोरोना वायरस टेस्ट के लिए कहें, जिसके लिए मोटी फीस भी ली जाएगी. इसके अलावा उन्होंने इस टेस्ट को निःशुल्क या फिर रियायती दर पर उपलब्ध कराए जाने की भी बात कही है.

बता दें कि वर्तमान में छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के एम्स और मेडिकल कॉलेज में कोरोना वायरस के टेस्ट की सुविधा उपलब्ध है. निजी लैब में कोरोना वायरस टेस्ट की सुविधा शुरू होने के बाद प्रदेश में ज्यादातर कोरोना संदिग्धों की जांच हो सकेगी और इससे समय पर रिपोर्ट मिलने की उम्मीद जताई जा रही है. जिससे मरीजों के इलाज में सहूलियत होगी और समय रहते वे जल्द ठीक हो सकेंगे.

Last Updated : Apr 21, 2020, 10:47 AM IST
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