रायपुर: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है. फुंडहर के कोविड-19 अस्पताल में 10 अप्रैल एक महिला लापता है. 14 अप्रैल की देर रात घर वालों को इस बात की जानकारी मिली. तबतक घरवाले हॉस्पिटल में संक्रमित महिला के लिए नाश्ता पहुंचा रहे थे.
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अपनी मां का हाल-चाल फुंडहर अस्पताल के स्टाफ से पूछ भी रहे थे और कर्मचारी घरवालों को रोज झूठ बोल रहे थे. जब महिला के बेटे ने मां से बात करने की जिद की तो पता चला कि अस्पताल में जिस महिला के लिए 4 दिन से नाश्ता और खाना भेजा जा रहा है वो वहां है ही नहीं. पूरे प्रदेश में कोरोना संकट के बीच ऐसी लापरवाही का यह पहला मामला है. महिला के परिवार के लोग परेशान हैं और सरकारी अस्पताल में जाकर उन्हें ढूंढ रहे हैं.
नहीं मिल रही मरीज की सही जानकारी
अंजली बरमाल ने बताया कि कोविड-19 के पेशेंट को उन्हेंने फुंडहर अस्पताल अप्रैल को एडमिट कराया था. 4 दिन उसके बाद वे अस्पताल गई पर अस्पताल स्टाफ ने बोला गया कि आपकी पेशेंट अस्पताल में हैं. अस्वस्थ हैं और कोई प्रकार का जानकारी नहीं दी गई. इसके बाद 14 अप्रैल को जब अंजलि अस्पताल गई और पेशेंट को देखने की बात की तो बताया गया कि पेशेंट को 10 अप्रैल को ही रेफर कर दिया गया है. रजिस्टर में कोई विजयलक्ष्मी का नाम लिखा हुआ था. जब अंजलि ने रजिस्टर में लिखे नंबर पर फोन लगाया तो कोई निर्मला कचौड़ी को फोन लग गया और रजिस्टर में यह लिखा गया है कि निर्मला कचौड़ी को रेफर किया गया है.
अस्पताल स्टॉफ दे रहा गोल-मोल जवाब
अभी तक अंजली को अस्पताल से यहीं कहा गया कि पेशेंट अस्पताल में है. रात को 10:00 बजे डॉक्टर हेमंत ने बताया कि उनके पेशेंट को 10 अप्रैल को रेफर कर दिया गया है, लेकिन अभी तक उनकी कोई खबर नहीं है. पेशेंट को कहां रेफर किया गया है, पूछने पर अस्पताल स्टॉफ ने बताया कि मेकाहारा में होंगे, लेकिन वहां कोई निर्मला बरमाल नाम की पेशेंट भर्ती नहीं हैं.
सीसीटीवी फुटेज में दिख रही मां
निर्मला बरमाल के बेटे धनंजय बरमाल ने बताया कि फुंडहर के अस्पताल में सीसीटीवी फुटेज में उनकी मां को ले जाते हुए दिखाई दे रहा है. बताया जा रहा है कि उन्हें अंबेडकर अस्पताल ले जाया गया है, लेकिन रिश्तेदार जब अंबेडकर अस्पताल गए तो वहां भी इस नाम का कोई पेशेंट नहीं है.