रायपुर: नवा रायपुर में हिदायतुल्लाह राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय के छठे दीक्षांत समारोह का समापन हुआ. इस समारोह में उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश एमआर शाह ने कहा कि भविष्य संभावनाओं पर निर्भर करता है और असफलता सफलता का हिस्सा है. करीब 240 छात्र छात्राओं को लॉ की कई डिग्रियां दी गई. सेवानिवृत्त न्यायाधीश एमआर शाह ने छात्रों को डिग्री प्राप्त करने और स्वर्ण पदक प्राप्त करने के लिए बधाई दी. उन्होंने उन्हें समाज और राष्ट्र के प्रति एक वकील की जिम्मेदारियों की याद दिलाई. सीएम भूपेश बघेल, एचएनएलयू के वीसी, छत्तीसगढ़ के मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा और सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा भी इस समारोह में शामिल हुए.
समारोह के दौरान एचएनएलयू के कुलपति प्रोफेसर वीसी विवेकानंदन ने कई विभिन्न लॉ प्रतियोगिताओं में छात्रों की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला. इस अवसर पर 'राइट नेचर एंड सस्टेनेबिलिटी' नामक पुस्तक और एचएनएलयू जर्नल ऑफ लॉ एंड सोशल साइंसेज का भी विमोचन किया गया. देबमिता मंडल और श्रद्धा राजपूत को डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी से सम्मानित किया गया. जबकि 152 और 52 छात्रों को एलएलबी और एलएलएम की डिग्रियां बांटी गई. इसमें 13 यूजी और तीन पीजी छात्रों को उनकी असाधारण शैक्षणिक उपलब्धियों के लिए कुल 36 स्वर्ण पदक प्रदान किए गए.
हिदायतुल्लाह नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के बारे में जानिए: हिदायतुल्लाह राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय की स्थापना साल 2003 में रायपुर में की गई थी. इसे भारत के पहले मुस्लिम चीफ जस्टिस मुहम्मद हिदायतुल्लाह के नाम पर स्थापित किया गया था. हिदायतुल्लाह राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय को बार काउंसिल ऑफ इंडिया से मान्यता प्राप्त है.