रायपुर: तेजी से फैल रहे कोरोना वायरस ने लोगों की नींद उड़ा दी है. इस महामारी से निपटने बड़े केंद्र और राज्य सराकरों की ओर से हर प्रयास किए जा रहे हैं. लेकिन इस बीच यह बातें सामने आ रही है कि कोरोना वायरस अलग-अलग देशों अलग-अलग प्रभाव डाल रहा है. इन सब विषयों पर ETV भारत ने रायपुर मेडिकल कॉलेज के ह्रदय रोग विशेषज्ञ और एडवांस कार्डिक इंस्टिट्यूट के विभागाध्यक्ष डॉक्टर स्मित श्रीवास्तव से खास बातचीत की.
डॉ. स्मित ने कोरोना के अलग-अलग प्रभाव में बारे में कहा कि 'इस बात का अभी तक कहीं कोई प्रमाण नहीं मिला है. हालांकि इस पर अभी भी शोध जारी है. डॉ. श्रीवास्तव ने बताया कि 'कोरोना से बचने का सबसे आसान तरीका है सोशल डिस्टेंस मेंटेन करना और साफ-सफाई के साथ हाथ को समय-समय पर हाथ धोते रहना. इससे ही हम कोरोना जैसी महामारी से बच सकते हैं'.
शासन की व्यवस्था की तारीफ
डॉक्टर श्रीवास्तव ने कहा कि 'देश सहित प्रदेश में लोगों ने नियमों का सख्ती से पालन किया है. यही वजह है कि देश के साथ-साथ प्रदेश में भी कोरोना ने कुछ खास असर नहीं डाला है. डॉ. स्मित ने कहा कि छत्तीसगढ़ में कोरोना से रोकने के लिए शासन-प्रशासन की ओर से भी अच्छी व्यवस्था की गई थी. सरकार ने कोरोना से बचाव के लिए उचित कदम उठाए हैं.
2 साल तक रह सकता है असर
प्रदेश में लॉकडाउन में दी गई छूट को लेकर कहा कि अगर सोशल डिस्टेंस सहित अन्य जरूरी बातों का ख्याल नहीं किया गया तो आने वाले 6 महीने से लेकर 2 साल तक इसका प्रभाव देखने को मिल सकता है. उन्होंने कहा है कि लॉकडाउन खुलने के बाद भी लोगों को खुद ही सचेत रहना चाहिए. लोग अगर एहतियात बरतेंगे तो ये उनके उनके लिए अच्छा होगा.