रायपुर: प्रदेश के कोने कोने से आए हजारों संविदा कर्मचारियों ने शनिवार को 15 किमी लंबी पदयात्रा निकाल कर अपनी ताकत दिखाई. रविवार को कर्मचारी राजधानी रायपुर पहुंचे. सविंदाकर्मियों के इस प्रदर्शन के दौरान बूढ़ातालाब स्थित धरना स्थल पूरी तरह से जाम हो गया था. छत्तीसगढ़ सर्व विभागीय संविदा कर्मचारी महासंघ के तत्वाधान में आयोजित दो दिवसीय आंदोलन का आज दूसरा और अंतिम दिन रहा. दूर दूर से आए संविदा कर्मचारियों से रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड सहित राजधानी की सड़कें भर गईं थी. अधिकांश लोग जहां सार्वजनिक परिवहन से पहुंचे. वहीं बस्तर और सरगुजा क्षेत्रों से कई बसें भी बैनर पोस्टर से लदी पहुंचीं और आंदोलन में शामिल हुईं. contractual employees protest in raipur
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शनिवार को 15 किमी लंबी पदयात्रा के बाद नियमितकरण के लिए माता कौशल्या मंदिर चंद्रखुरी पहुंच कर इन संविदा कर्मचारियों ने 1001 दीप प्रज्वलित किए. संविदा कर्मियों ने अपने नियमितीकरण सहित प्रदेश की खुशहाली और विकास के लिए प्रार्थना की. दूसरे दिन रविवार को मां दंतेश्वरी, भूतेश्वर महादेव, जय गंगा मैया, बमलेश्वरी माई, शक्ति माई, महामाया माई सहित प्रदेश के प्रमुख धार्मिक स्थलों से 51 श्रीफल लाए. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को नियमितीकरण के लिए ज्ञापन के साथ महासंघ के प्रतिनिधि मंडल ने श्रीफल सौंपा. मुख्यमंत्री ने महासंघ को आश्वासन दिया कि जल्दी ही नियमितीकरण संबंधी आदेश जारी किए जाएंगे.
महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष कौश्लेश तिवारी और हेमंत सिन्हा ने बताया कि "मुख्यमंत्री सहित प्रदेश के सभी मंत्री, विधायक, सांसद आदि चुनावी जनघोषणा पत्र में किए गए नियितिकरण के वादे की गंभीरता को जानते हैं. इस पर उनका रुख सकारात्मक है. लेकिन प्रदेश के नौकरशाह लगातार राजनैतिक नेतृत्व को गुमराह करने में लगे हुए हैं. मुख्यमंत्री द्वारा सरकार गठन के तत्काल बाद नियमितीकरण के लिए नीति तैयार करने के लिए उच्च स्तरीय कमेटी का गठन किया गया, लेकिन दुख का विषय है, कि ना तो आज तक उक्त समिति ने कोई रिपोर्ट दी है और ना ही कोई कार्रवाई की है."
श्रीकांत लास्कर और सूरज सिंह ठाकुर ने बताया कि "कमेटी गठन के बाद से बस संविदा कर्मचारियों की जानकारी ही एकत्र की जा रही है. सरकार के द्वारा पिछले चार सालों में पूरी जानकारी इकट्ठी नहीं की जा सकी. सिन्हा ने अब तक इस समिति सहित नियितीकरण के लिए गठित अन्य सभी कमेटियों द्वारा की गई कार्रवाई की जानकारी सार्वजनिक करने की मांग की."