कांकेर: सरकार एक ओर नक्सलवाद के बैकफुट में जाने का दावा करती है. वहीं उत्तर बस्तर संभाग के कांकेर जिले में नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सड़क निर्माण कराने के लिए प्रशासन के पसीने छूट रहे हैं. नक्सल प्रभावित अंदरूनी क्षेत्रों में सड़कों काे बनाने के लिए कोई ठेकेदार रूचि नहीं ले रहा है.
नक्सलियों की दहशत के चलते इन सड़कों के निर्माण पर फिलहाल ब्रेक लगा है. नक्सलियों का खौफ (Fear of Naxalites) इस कदर है कि ठेकेदार (Contractor) टेंडर (Tender) तक नहीं भरते हैं. जब-जब जिन सड़कों पर ठेकेदारों ने काम शुरू किया, वहां-वहां नक्सलियों की दहशत के चलते सड़क का काम अधूरा ही रह गया. आज भी इन सड़कों का निर्माण कराना प्रशासन के लिए एक चुनौती सा बन गया है.
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (Pradhan Mantri Gram Sadak Yojana) से मिली जानकारी के मुताबिक 12 ऐसी सड़कें हैं, जिनको बनाने के लिए कोई ठेकेदार सामने नहीं आ रहा है. इनकी लंबाई कुल 30 किमी है. प्रधानमंत्री सड़क योजना (Pradhan Mantri Gram Sadak Yojana) के तहत 30 सड़कों का निर्माण कार्य अधूरा है. ठेकेदारों इन सड़कों को बनाने के लिए सामने आए लेकिन नक्सलियों की दहशत के चलते निर्माण कार्य पर ब्रेक लग गया.
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हालांकि प्रधानमंत्री सड़क योजना (Pradhan Mantri Gram Sadak Yojana) के तहत 271 सड़कों का निर्माण किया गया है. जिसकी लंबाई 1120.89 किलोमीटर है. इन सड़कों से कांकेर के 310 गांवों को मुख्य मार्ग से जोड़ा गया है. कांकेर में 9 नये बड़े पुलों के निर्माण कार्य को स्वीकृत किया गया है. जिनमें से 6 पुलों का निर्माण पूरा किया जा चुका है. 3 नये पुल और बनाए जाने हैं. सड़क निर्माण कार्य रोकने के लिए नक्सली ठेकेदारों की गाड़ियां जला देते हैं. ठेकेदारों को डराया-धमकाया जाता है. माओवादियों (Maoists) के आतंक के कारण सड़क निर्माण कंपनियां, अधूरा सड़क निर्माण छोड़कर भाग जाती हैं.
कांकेर कलेक्टर चंदन कुमार (Kanker Collector Chandan Kumar) ने बताया कि वर्तमान में स्वीकृत सड़कों का काम जल्द पूरा कर लिया जाएगा. कुछ ऐसी सड़कें हैं, जो अंदरूनी क्षेत्रों में है, वहां निश्चित समय में ही काम कर पाते हैं. इसके अलावा कोविड के चलते निर्माण कार्य थोड़ा लेट हुआ है. इन क्षेत्रों में सड़क निर्माण के लिए पुलिस-प्रशासन के बीच आपसी सामंजस्य के साथ काम किया जाएगा.
एसपी शलभ सिन्हा (SP Shalabh Sinha) ने बताया कि कांकेर के हर कोने तक सुरक्षा बलों की उपस्थिति है. जहां हम नहीं पहुंच पाए है, वहां जल्द ही सुरक्षा बलों के कैंप खोले जाएंगे. सड़क निर्माण एजेंसी (Road Construction Agency) प्रशासन के साथ समन्वय बनाकर काम करेगी. जहां भी सुरक्षा की जरूरत होगी, सुरक्षा के साथ सड़क निर्माण का काम पूरा कराया जाएगा.
कांकेर के अंदरूनी क्षेत्रों में आज भी सड़क नहीं होने के चलते ग्रामीणों को समस्यों का सामना करना पड़ता है. आए दिन मरीजों को खाट में लादकर ले जाने की तस्वीरें सामने आती रहती है. लेकिन अब देखने वाली बात यह होगी कि कब तक प्रशासन, पुलिस के साथ समन्वय बनाकर सड़क निर्माण का काम पूरा कर पाती है.