रायपुर: Gogaon Railway Under Bridge छत्तीसगढ़ में वर्तमान की कांग्रेस सरकार सहित पूर्व की भाजपा सरकार के द्वारा लगातार इंफ्रास्ट्रक्चर के दावे किए जाते रहे हैं. बड़े बड़े निर्माण पुल पुलिया बनाए जाने की बात कही गई. लोकार्पण और भूमि पूजन की बाढ़ सी आ गई थी, लेकिन यह सिर्फ कागजों तक ही सिमट कर रह गई. इसका अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि आज रायपुर के गोगांव स्थित रेलवे फाटक के पास बन रहा अंडर ब्रिज का काम लगभग साढ़े 6 साल बाद भी पूर्ण नहीं हो सका.raipur latest news
साढ़े 6 साल बाद भी पूर्ण नहीं हो सका रेलवे अंडर ब्रिज का निर्माण कार्य: गोगांव रेलवे क्रॉसिंग के पास रेलवे अंडर ब्रिज का निर्माण कार्य चल रहा है. इसके लिए शासन ने फरवरी 2015 में स्वीकृति दी गई थी. यह निर्माण कार्य लगभग 35 करोड़ रुपए में किया जाना था. इसके लिए मई 2016 में कार्य आदेश जारी किया गया है. रेलवे पटरी के नीचे अंडर बॉक्स बनाने के साथ 15 15 मीटर का एप्रोच रोड का निर्माण किया जाना था. यह काम वीबी प्रापर्टीज एण्ड इंन्फ्रास्ट्रक्चर इंडिया लिमिटेड, टैगोर नगर, रायपुर छग को दिया गया था. इस कार्य को 12 महीने में यानी मई 2017 तक यह काम पूरा किया जाना था. लेकिन जून 2016 से लेकर आज नवंबर 2022 हो गया है. लगभग इस काम को शुरू हुए साढ़े 6 साल का समय बीत गया है. बावजूद इसके अब तक इस रेलवे क्रॉसिंग पर अंडर ब्रिज का निर्माण कार्य पूर्ण नहीं हो सका है. home minister tamrdhwaj sahu
क्या है अंडरब्रिज की वर्तमान स्थिति: वर्तमान में रेलवे अंडर ब्रिज के दोनों तरफ काम तेजी से चल रहा है. यहां तक कि कुछ जगहों पर पुट्ठी पुताई का काम भी शुरू कर दिया गया है. इसके अलावा ऊपर सेड लगने के लिए भी स्ट्रक्चर तैयार कर दिया गया है. कयास लगाया जा रहे हैं कि जल्द इस अंडर ब्रिज का निर्माण कार्य पूर्ण कर लिया जाएगा. जिसके बाद यह आम लोगों की आवाजाही के लिए शुरू कर दिया जाएगा.
स्कूली बच्चों सहित आम लोग हो रहे परेशान: गोगांव रेलवे अंडर ब्रिज (Gogaon railway under bridge) के कछुआ गति से चल रहे निर्माण कार्य की वजह से वहां ना सिर्फ रहने वाले लोग परेशान हो रहे हैं बल्कि उसके आसपास का व्यवसाय भी बुरी तरह प्रभावित हुआ है. इस रास्ते से एक समय पैदल साइकिल मोटरसाइकिल कार से गुजरने वालों की संख्या काफी थी. यहां तक कि बड़े बड़े ट्रक भी इस रास्ते से गुजरते थे. लेकिन जब से निर्माण कार्य शुरू हुआ है. यह रास्ता बड़े वाहन तो क्या, दोपहिया वाहनों के चलने लायक भी नहीं है. इतना ही नहीं वहां से रोज गुजरने वाले हजारों लोग भी परेशान हो रहे है. लोगों का कहना है कि इस निर्माण कार्य की वजह से उन्हें काफी परेशानी उठानी पड़ रही है. बच्चों को भी स्कूल आने जाने में दिक्कत का सामना करना पड़ता है. कई बार यह रास्ता खुला रहता है लेकिन कई बार यहां पहुंचने के बाद पता चलता है कि रास्ता बंद है. जिस वजह से वापस होकर तीन चार किलोमीटर घूम कर जाना पड़ता है.
दूसरे रास्ते के लिए ढाई से 5 किलोमीटर कि तय करनी पड़ती है दूरी: आवाजाही के लिए इस रास्ते का इस्तेमाल नहीं किया जाए तो दूसरा रास्ता लगभग 4 से 5 किलोमीटर दूर घूमकर गोंडवारा ओवर ब्रिज से जाना पड़ता है. ऐसे में महज 300 से 400 मीटर की दूरी तय करने के लिए लगभग 4 से 5 किलोमीटर का लंबा सफर तय करना पड़ता है. जिस वजह से न सिर्फ दूरी बढ़ जाती है, बल्कि समय भी बहुत ज्यादा लगता है. यही कारण है कि इस अंडर ब्रिज के निर्माण में हो रही देरी की वजह से उन लोगों को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है.
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जल्द निर्माण कार्य पूर्ण करने मंत्री ताम्रध्वज साहू ने दिए थे निर्देश: कुछ माह पूर्व पीडब्ल्यूडी मंत्री ताम्रध्वज साहू ने भी इस निर्माणाधीन गोगांव अंडर ब्रिज का निरीक्षण किया था और कार्य को गति प्रदान करने अधिकारियों को निर्देशित किया था. साथ ही निर्माण कार्य के दौरान कोई हादसा ना हो उसके लिए सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम करने के भी निर्देश मंत्री ताम्रध्वज ने अधिकारियों को दिए थे. उसके बाद से तेज गति से काम चल रहा है. संभावना जताई जा रही है कि जल्द यह निर्माण कार्य पूरा कर लिया जाएगा. हालांकि 10 नवंबर को हुई पीडब्ल्यूडी की बैठक में भी मंत्री ताम्रध्वज साहू ने निर्माणाधीन पुल पुलिया के निर्माण कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं और उसे जल्द पूरे करने की बात कही है.