रायपुर: कांग्रेसियों द्वारा बुधवार को ईडी दफ्तर के बाहर प्रदर्शन किया गया था, जो गुरुवार को भी जारी रहा. इस दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं के लिए ईडी दफ्तर के बाहर ही पंडाल लगाया था. जिसमें बैठकर कांग्रेसियों ने दिनभर धरना दिया. साथ ही मोदी सरकार और ईडी के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.
ईडी दफ्तर के बाहर डटे कांग्रेसी: ईडी दफ्तर के बाहर इन कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन लगातार जारी है. जिसे देखते हुए अब इन कार्यकर्ताओं के खाने पीने की व्यवस्था भी ईडी दफ्तर के बाहर ही की गई है. यहां पर पंडाल लगाकर बड़ा सा रसोई तैयार किया गया. जिसमें इन कार्यकर्ताओं के लिए भोजन पकाया जा रहा है. इस भोजन में दाल चावल सब्जी पूरी शामिल है. इन कार्यकर्ताओं के द्वारा राहगीरों को भी यह भोजन कराया जा रहा है.
कांग्रेसी नेताओं को परेशान करने का आरोप: जिला अध्यक्ष गिरीश दुबे का कहना है कि "पनामा मामले को लेकर ईडी जांच क्यों नहीं कर रही है. जबकि इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह की भूमिका होने की संभावना जताई जा रही है. इसके अलावा चिटफंड की गड़बड़ी की जांच भी ईडी के द्वारा नहीं की जा रही है. इतना ही नहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कारोबारी दोस्तों की जांच भी नहीं की जा रही है. उल्टा इन एजेंसियों के द्वारा भाजपा के इशारे पर कांग्रेस के नेताओं को परेशान किया जा रहा है. उनके यहां छापामार कार्रवाई की गई है और यही वजह है कि हम ईडी से इन मामलों की जांच की मांग कर रहे हैं."
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महाधिवेशन के पहले ईडी ने की थी कार्रवाई: कांग्रेस के राष्ट्रीय महाधिवेशन के पहले ईडी ने छत्तीसगढ़ में एक के बाद एक धड़ाधड़ छापामार कार्रवाई की थी. लगभग आधा दर्जन से ज्यादा कांग्रेसी नेताओं के यहां ईडी ने छापा मारा था. यह वे नेता थे जिनको कांग्रेस के राष्ट्रीय महाधिवेशन में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी गई थी.
केंद्र पर संविधानिक एजेंसियों का दुरूपयोग का आरोप: इस छापामार कार्रवाई के बाद कांग्रेस ने इसे राजनीति से प्रेरित बताया और केंद्र की मोदी सरकार पर संविधानिक एजेंसियों का दुरूपयोग करने का आरोप लगाया. इतना ही नहीं उन्होंने इस अधिवेशन को रोकने के लिए ईडी के द्वारा एक के बाद एक छापेमार कार्रवाई किए जाने का भी आरोप लगाया. इस छापामार कार्रवाई के विरोध में पहले भी कांग्रेस के द्वारा ईडी दफ्तर का घेराव किया गया था.