रायपुर : छत्तीसगढ़ में 20 दिसंबर को नगर निकाय चुनाव होंगे और मतगणना 23 दिसंबर को होगी. चुनाव के इन तारीखों की घोषणा होने के साथ ही प्रदेश में सियासत तेज हो गई है. बता दें कि सूबे के 10 जिलों के 15 नगर निकायों में चुनाव होने हैं. इन 15 निकायों में वर्तमान में से 8 निकायों पर कांग्रेस काबिज है, जबकि 6 पर बीजेपी राज कर रही है. वहीं नए बनाए गए नगर पालिक निगम रिसाली (Nagar Nigam Risali) में पहली बार चुनाव होगा.
आंकड़े गवाह : प्रदेश में जिस पार्टी की सरकार, उसी की होती हैं निकाय चुनाव में ज्यादा सीटें
राजनीति के जानकार मानते हैं कि नगर निकाय चुनाव में अमूमन उसी पार्टी को ज्यादा सीटें हासिल होती हैं, जिनकी राज्य में सरकार हो. कांग्रेस की सरकार बनने के बाद से यह देखा भी गया है. सरकार बनने के बाद हुए नगर निगम के चुनाव में कांग्रेस ने 10 में से 10 सीटें हासिल की थीं. साथ ही 146 निकायों के हुए चुनाव में कांग्रेस को अब तक 111 जगहों पर जीत हासिल हुई है. जबकि भाजपा महज 35 सीटें ही जीत पाई है. इन्हीं पिछले परिणामों के आधार पर जानकारों का कहना है कि 10 जिलों के जिन 15 निकायों में इस बार चुनाव होना है, वहां कांग्रेस का पलड़ा भारी हो सकता है.
Urban Body Election Chhattisgarh 2021: नगर पंचायत नरहरपुर में पहली बार महिला बनेंगी अध्यक्ष
ये हैं बीजेपी के कब्जे वाले नगर निकाय और नगर पंचायत
बीजापुर जिले की नगर पंचायत भैरमगढ़.
रायपुर जिले का नगर पालिक निगम बिरगांव.
कांकेर की नगर पंचायत नरहरपुर.
दुर्ग जिले की नगर पालिका परिषद जामुल.
नगर पालिक निगम भिलाई चरौदा.
सूरजपुर जिले की नगर पंचायत प्रेम नगर.
कांग्रेस के कब्जे वाले नगर निकाय
बीजापुर की नगर पंचायत भोपालपटनम.
दुर्ग जिले का नगर पालिक निगम भिलाई.
राजनांदगांव जिले का नगर पालिका परिषद खैरागढ़.
बेमेतरा जिले की नगर पंचायत मारो.
कोरिया का नगर पालिका परिषद बैकुंठपुर.
कोरिया का नगर पालिका परिषद शिवपुर चरचा.
सुकमा जिले की नगर पंचायत कोंटा.
रायगढ़ जिले का नगर पालिका परिषद सारंगढ़.
वार्डों में जाकर, लोगों से पूछ कर, पार्षद उम्मीदवार का चयन करेगी कांग्रेस: PL Punia
यहां होंगे चुनाव
4 नगर निगम : बीरगांव, भिलाई, भिलाई-चरोदा और रिसाली.
5 नगर पालिका : परिषद- सारंगढ़, चर्चा, बैकुंठपुर, शिवपुर जामुल और खैरागढ़.
6 नगर पंचायत : भोपालपट्टनम प्रेमनगर, नरहरपुर, कोंटा, भैरमगढ़ और मारो.
2003 में स्थापना के बाद से ही सुविधाओं को तरस रहा 40 वार्ड वाला बिरगांव निगम
सूबे की राजधानी से लगे बीरगांव नगर निगम की स्थापना साल 2003 में अजीत जोगी (Ajit jogi) ने की थी. उसके बाद से ही करीब डेढ़ लाख से ज्यादा की आबादी वाले इस निगम ओर किसी ने देखा तक नहीं. आलम यह हुआ कि 18 साल बाद आज भी इस निगम के कई इलाकों में पक्की सड़क तक नहीं बन पाई है. लोगों के घरों तक नल तो पहुंचा दिये गए, लेकिन साफ पानी पीना आज भी यहां के लोगों के लिए सपना ही है. बिरगांव नगर निगम में 40 वार्ड हैं.
पिछली बार कांग्रेस के खाते में गए थे यहां के 40 में से 20 वार्ड
बता दें कि पिछले चुनाव में बीरगांव की सीट भारतीय जनता पार्टी के खाते में गई थी. हालांकि इस निगम से पिछली बार के चुनाव में सभी 40 वार्डों में सबसे अधिक कांग्रेस के ही 20 पार्षद चुने गए थे. जबकि भाजपा के 13 और 7 निर्दलीय पार्षदों पर लोगों ने भरोसा जताया था. इस बार भी कांग्रेस और भाजपा समेत जनता कांग्रेस भी अपने हाथ आजमा रही है.