रायपुर: छत्तीसगढ़ में वैक्सीन की बर्बादी को लेकर सियासत गरमा गई है. बीजेपी प्रदेश प्रभारी डी पुरंदेश्वरी के आरोपों पर कांग्रेस ने पलटवार किया है. प्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष शैलेष नितिन त्रिवेदी ने डी पुरंदेश्वरी पर छत्तीसगढ़ को लेकर फर्जी आंकड़े जारी करने का आरोप लगाया है. उन्होंने बीजेपी से सवाल पूछते हुए कहा है कि, क्या यह आंकड़ा डी पुरंदेश्वरी का टूलकिट है ?.
वैक्सीनेशन को लेकर छत्तीसगढ़ में बेहतर काम-कांग्रेस
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक देश में कोरोना वैक्सीन की बर्बादी के मामले में छत्तीसगढ़ देश में दूसरे नंबर पर है. झारखंड पहले नंबर पर है. वहीं तमिलनाडु का तीसरा स्थान है. बीजेपी प्रदेश प्रभारी डी पुरंदेश्वरी ने ट्वीट कर वैक्सीन बर्बादी को लेकर आंकड़े जारी किए हैं. पुरंदेश्वरी ने कहा है कि 30% वैक्सीन छत्तीसगढ़ में वेस्ट हो रही है. पुरंदेश्वरी के ट्वीट पर प्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष शैलेष नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि देश में वैक्सीन वेस्टेज का राष्ट्रीय औसत 2% है. जबकि छत्तीसगढ़ में 45 वर्ष से अधिक की आयु में मात्र 0.8% और 18 से 45 वर्ष की आयु वर्ग में मात्र 0.6% वैक्सीन वेस्ट हुई. इसका यह मतलब है कि छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय औसत से बहुत बेहतर काम किया गया है.
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'ये डी पुरंदेश्वरी का टूलकिट है'
प्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष शैलेष नितिन त्रिवेदी ने कहा कि डी पुरंदेश्वरी वैक्सीन बर्बादी को लेकर फर्जी आंकड़े जारी कर छत्तीसगढ़ को बदनाम कर रहीं हैं. त्रिवेदी ने बीजेपी से सवाल पूछा है कि वैक्सीन बर्बादी को लेकर जारी आंकड़े क्या डी पुरंदेश्वरी का टूलकिट है ?.
'वैक्सीन नहीं दे पा रही केंद्र सरकार'
शैलेष नितिन त्रिवेदी ने कहा कि प्रदेश में एक करोड़ 30 लाख लोगों को वैक्सीन लगना है. 18 से 45 वर्ष के आयु वर्ग में वैक्सीन के दो करोड़ 60 लाख डोज चाहिए. लेकिन केंद्र अब तक छत्तीसगढ़ को 10 लाख डोज भी नहीं दे पाई है. जिससे वैक्सीनेशन का काम प्रभावित हो रहा है.
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'एक साल बाद भी नहीं हो पाएगा वैक्सीनेशन पूरा'
शैलेष नितिन ने कहा कि केंद्र सरकार वैक्सीन के मिसमैनेजमेंट के लिए जिम्मेदार है. शुरू से वैक्सीन की उपलब्धता को केंद्र सरकार ने अपने पास केंद्रित रखा. जब देश में तीन करोड़ लोगों को वैक्सीन नहीं लगी थी, तब 6 करोड़ वैक्सीन निर्यात की गई और अब वैक्सीन की कमी हो रही है. वैक्सीन नहीं मिल रही है. और यह स्थिति बेहद चिंताजनक है. इस गति से वैक्सीनेशन चला तो एक साल बाद भी वैक्सीनेशन देश सहित छत्तीसगढ़ में पूरा नहीं होगा.