रायपुरः छत्तीसगढ़ में कांग्रेस ने नया प्रदेश अध्यक्ष बनाने की कवायद शुरू कर दी है. इस पर लोकसभा चुनाव के परिणाम के बाद फैसला लिया जा सकता है. बता दें कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल फिलहाल पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष की कमान संभाल रहे हैं.
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष की दौड़ में कई नाम शामिल हैं. लोकसभा चुनाव के पहले आदिवासी नेता अमरजीत भगत का नाम इस दौड़ में सबसे आगे चल रहा था. कयास लगाए जा रहे थे कि भूपेश बघेल के मुख्यमंत्री बनने के बाद पार्टी अमरजीत भगत को कांग्रेस का प्रदेश अध्यक्ष बनाएगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ और पार्टी ने बघेल के नेतृत्व में ही लोकसभा चुनाव लड़ा.
धनेंद्र साहू संभाल सकते हैं कमान
इसके अलावा धनेंद्र साहू का नाम भी इस सूची में ऊपरी क्रम में है. उन्होंने पहले भी प्रदेश कांग्रेस की कमान संभाली है. इधर, सत्यनारायण शर्मा को भी कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष पद का प्रवल दावेदार माना जा रहा है. शर्मा 6 बार विधायक रहे हैं. पार्टी में भी उनकी मजबूत पकड़ है.
एक मंत्री पद है खाली
संभावना ये भी जताई जा रही है कि इन दोनों नेताओं में से एक को कैबिनेट मंत्री बना दिया जाए और दूसरे को प्रदेश अध्यक्ष. बता दें कि भूपेश सरकार में फिलहाल एक मंत्री पद खाली है, जिसे लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद भरा जाएगा.
मनोज मंडावी का नाम आ सकता है आगे
इनके अलावा आदिवासियों को साधने के लिए बस्तर संभाग से भी प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने की संभावना है, जिसमें मनोज मंडावी का नाम सामने आ सकता है. वहीं महिला दावेदार में करुणा शुक्ला का नाम सबसे आगे है. इनके अलावा कई और नाम हैं जिन पर कांग्रेस हाईकमान विचार कर सकता है.
क्या चाहते हैं कार्यकर्ता
कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने बताया कि कार्यकर्ता तो अभी भी चाहते हैं कि भूपेश बघेल ही प्रदेश अध्यक्ष की कमान संभालें. लेकिन सीएम पद के कारण उनकी जिम्मेदारियां काफी बढ़ गई हैं. ऐसे में अध्यक्ष पद का निर्वाहन करने में थोड़ी दिक्कत हो सकती है. साथ ही बघेल अध्यक्ष पद किसी और को देने की मंशा पहले भी जाहिर कर चुके हैं.
लोकसभा चुनाव के नतीजे के बाद होगा फैसला
प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि इसका फैसला लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद लिया जाएगा. शुक्ला ने प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए जाति समीकरण को सिरे से खारिज कर दिया. उन्होंने कहा कि जो इस पद के लिए योग्य होगा, उसे ही प्रदेश अध्यक्ष बनाया जाएगा.