रायपुर : सरकारी खजाना खाली होने की बात कहने वाली कांग्रेस सरकार फिजूलखर्च करने से बचती नहीं दिखाई दे रही है. सोमवार को एक महंगे होटल में स्वास्थ्य विभाग की मीटिंग रखी गई, जिसमें मौजूद हर व्यक्ति पर करीब 800 रुपए खर्च किए जाएंगे.
प्रदेश सरकार लगातार सरकारी खजाना खाली होने की बात कहते हुए नजर आती है, इसके चलते राज्य में कई काम पेंडिंग पड़े हैं. कई विभागों के कर्मचारियों को महीनों से भुगतान नहीं हुआ है, लेकिन सरकार संसाधन मौजूद होने के बावजूद फिजूलखर्च करती नजर आ रही है.
इनकी मौजूदगी में हुई मीटिंग
दरअसल, राजधानी के एक महंगे होटल में स्वास्थ्य विभाग की मीटिंग रखी गई. मीटिंग में स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव, स्वास्थ्य सचिव निहारिका बारिक, प्रियंका शुक्ला, डायरेक्टर हेल्थ शिखा राजपूत तिवारी सहित प्रदेश के सभी जिलों के सीएमएचओ, सिविल सर्जन और डीपीएम सहित स्वास्थ्य के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद हैं.
ये थे वो स्थान जहां हो सकती थी मीटिंग
- सरकार के पास इस मीटिंग को करने के लिए कई जगहें थीं, लेकिन इसके बावजूद भी मीटिंग एक महंगे होटल में रखी गई, जहां लाखों रुपए का बिल बनेगा.
- मंत्रालय में एक बड़ा स्पेस है जहां सैकड़ों लोगों के बैठने की व्यवस्था है.
- नया मेडिकल कॉलेज में भी इस तरह की मीटिंग आयोजित की जा सकती थी.
- साथ ही डीकेएस हॉस्पिटल में भी एक ऑडिटोरियम बनाया गया है, जिसमें कई लोग आराम से बैठ सकते हैं.
- इसके अलावा खुद स्वास्थ्य मंत्री के बंगले में इतना स्पेस है कि, वहां इस तरह की बड़ी बैठक आयोजित की सकती थी, लेकिन सरकार और विभाग ने इन जगहों को दरकिनार करते हुए एक महंगे होटल को मीटिंग के लिए चुना, जहां दो दिन तक होने वाली इस मीटिंग में लाखों रुपए खर्च कर दिए जाएंगे.
'खर्च की जानकारी लेने की कही बात'
ETV भारत के फिजूलखर्च को लेकर किए गए सवाल पर स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा कि, 'मुझे जानकारी थी कि यहां सतत व्यवस्था होती रहती है, लेकिन खर्च की बात की गई है तो वो भी जायज है, मैं भी जानकारी लूंगा कि यहां पर कितना खर्च हो रहा है. साथ ही साथ ये भी जानकारी लूंगा कि क्या हमारे पास कोई ऐसा भी स्थान उपलब्ध था, जहां पर इस तरीके की बैठक आयोजित की जा सकती थी'.