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अजीत जोगी के बाद बिखर रहा जेसीसी(जे) का कुनबा, कांग्रेस में भी मचा तूफान

जेसीसी(जे) सुप्रीमो अजीत जोगी के निधन को चंद दिन भी नहीं गुजरे कि उनकी पार्टी और कांग्रेस के बीच एक बार फिर तनातनी शुरू हो गई है. जोगी कांग्रेस के नेताओं का कांग्रेस प्रवेश का दौर शुरू हो गया है. इससे कांग्रेस में भी असंतोष देखा जा रहा है.

joining of jogi Congress leaders
जोगी कांग्रेस नेताओं का कांग्रेस प्रवेश
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Published : Jun 10, 2020, 8:49 PM IST

Updated : Jun 10, 2020, 11:07 PM IST

रायपुर: पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के निधन के बाद उनकी पार्टी जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जोगी) में राजनीतिक उठापटक शुरू हो गई है. पार्टी के पदाधिकारी अब कांग्रेस का दामन थाम रहे हैं, लेकिन इस उठापटक में अब कांग्रेस के नेताओं में भी असंतोष फैलने लगा है.

जोगी कांग्रेस के कार्यकर्ताओं का कांग्रेस प्रवेश

बीते मंगलवार को अजीत जोगी के करीबी रहे ज्ञानेंद्र उपाध्याय जोगी कांग्रेस का दामन छोड़ कांग्रेस में शामिल हो गए. कांग्रेस में आने के बाद ज्ञानेंद्र उपाध्याय ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मुलाकात की और उनका आशीर्वाद भी लिया. बताते हैं, अजीत जोगी के चुनाव की कमान ज्ञानेंद्र के हाथों में रहता था. ऐसे में उनका कांग्रेस में जाना जनता कांग्रेस और अमित जोगी के लिए बहुत बड़ा झटका है. राजनीतिक जानकारों की मानें तो मरवाही में अमित जोगी की राह अब आसान नहीं होगी, क्योंकि अजीत जोगी और अमित जोगी मरवाही सिर्फ चुनाव लड़ने जाते थे. बाकी मरवाही विधानसभा का पूरा कार्यभार ज्ञानेंद्र उपाध्याय ही संभालते थे. ऐसे में ज्ञानेंद्र उपाध्याय का कांग्रेस में जाना जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के लिए मुसीबत बन सकता है.

ज्ञानेंद्र उपाध्याय पर बोलीं रेणु जोगी- शोक में है परिवार, नहीं चाहते इसपर चिंतन

ज्ञानेंद्र के इस्तीफे का विरोध

जोगी कांग्रेस के नेताओं के कांग्रेस में जाने का एक दूसरा पहलू भी है. जैसे ही ज्ञानेंद्र उपाध्याय के कांग्रेस में प्रवेश की सूचना आई, देर रात मरवाही से कांग्रेसी पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं का इस्तीफा देने का दौर भी शुरू हो गया. बताते हैं, मरवाही के जिला अध्यक्ष मनोज गुप्ता सहित कई कार्यकर्ताओं ने इस्तीफा दे दिया है. सभी ने पीसीसी चीफ मोहन मरकाम को अपना इस्तिफा सौंप दिया है. यह इस्तीफा ज्ञानेंद्र के कांग्रेस प्रवेश के विरोध में दिया गया है. इस घटना के बाद ही राजनीतिक गलियारों में कांग्रेस में फूट को लेकर चर्चा शुरू हो गई.

JCC(J) को बड़ा झटका, अजीत जोगी के करीबी ज्ञानेंद्र उपाध्याय ने थामा कांग्रेस का हाथ

'राजनीतिक बेरोजगारी दूर करने गए ज्ञानेंद्र'

दोनों ही पार्टियों में चल रही उठापटक को लेकर जब उनके पदाधिकारियों से बात की गई, तो दोनों ने ही इसे एक सामान्य प्रक्रिया बताया. जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जोगी) के मीडिया प्रमुख इकबाल अहमद रिजवी ने ज्ञानेंद्र के जनता कांग्रेस छोड़ने पर कहा कि कुछ लोग अपनी राजनीतिक बेरोजगारी दूर करने के लिए सत्ता पर काबिज पार्टी में शामिल हो जाते हैं. ऐसे लोग किसी के विश्वसनीय नहीं होते हैं. पार्टी छोड़ने वालों को यह सोचना चाहिए कि जिन्होंने पहले उस पार्टी में प्रवेश किया है उनकी हालत क्या है. कांग्रेस में असंतोष को लेकर रिजवी ने कहा कि यह अस्थाई असंतोष होता है और समय के साथ फिर सब एक हो जाते हैं.

गलतफहमी सुलझा ली जाएगी: सुशील

इधर, कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि विधानसभा चुनाव के बाद से ही जनता कांग्रेस लगातार अवसान की ओर बढ़ रही है. लोकसभा चुनाव के दौरान भारी संख्या में जोगी कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस प्रवेश किया था. कुछ लोग भारतीय जनता पार्टी में भी गए थे. जोगी के निधन के बाद कुछ लोगों ने कांग्रेस में प्रवेश किया है. पार्टी के अंदर असंतोष को लेकर सुशील ने कहा कि कुछ कार्यकर्ताओं में गलतफहमी है उसे बैठकर सुलझा लिया जाएगा.

रायपुर: पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के निधन के बाद उनकी पार्टी जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जोगी) में राजनीतिक उठापटक शुरू हो गई है. पार्टी के पदाधिकारी अब कांग्रेस का दामन थाम रहे हैं, लेकिन इस उठापटक में अब कांग्रेस के नेताओं में भी असंतोष फैलने लगा है.

जोगी कांग्रेस के कार्यकर्ताओं का कांग्रेस प्रवेश

बीते मंगलवार को अजीत जोगी के करीबी रहे ज्ञानेंद्र उपाध्याय जोगी कांग्रेस का दामन छोड़ कांग्रेस में शामिल हो गए. कांग्रेस में आने के बाद ज्ञानेंद्र उपाध्याय ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मुलाकात की और उनका आशीर्वाद भी लिया. बताते हैं, अजीत जोगी के चुनाव की कमान ज्ञानेंद्र के हाथों में रहता था. ऐसे में उनका कांग्रेस में जाना जनता कांग्रेस और अमित जोगी के लिए बहुत बड़ा झटका है. राजनीतिक जानकारों की मानें तो मरवाही में अमित जोगी की राह अब आसान नहीं होगी, क्योंकि अजीत जोगी और अमित जोगी मरवाही सिर्फ चुनाव लड़ने जाते थे. बाकी मरवाही विधानसभा का पूरा कार्यभार ज्ञानेंद्र उपाध्याय ही संभालते थे. ऐसे में ज्ञानेंद्र उपाध्याय का कांग्रेस में जाना जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के लिए मुसीबत बन सकता है.

ज्ञानेंद्र उपाध्याय पर बोलीं रेणु जोगी- शोक में है परिवार, नहीं चाहते इसपर चिंतन

ज्ञानेंद्र के इस्तीफे का विरोध

जोगी कांग्रेस के नेताओं के कांग्रेस में जाने का एक दूसरा पहलू भी है. जैसे ही ज्ञानेंद्र उपाध्याय के कांग्रेस में प्रवेश की सूचना आई, देर रात मरवाही से कांग्रेसी पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं का इस्तीफा देने का दौर भी शुरू हो गया. बताते हैं, मरवाही के जिला अध्यक्ष मनोज गुप्ता सहित कई कार्यकर्ताओं ने इस्तीफा दे दिया है. सभी ने पीसीसी चीफ मोहन मरकाम को अपना इस्तिफा सौंप दिया है. यह इस्तीफा ज्ञानेंद्र के कांग्रेस प्रवेश के विरोध में दिया गया है. इस घटना के बाद ही राजनीतिक गलियारों में कांग्रेस में फूट को लेकर चर्चा शुरू हो गई.

JCC(J) को बड़ा झटका, अजीत जोगी के करीबी ज्ञानेंद्र उपाध्याय ने थामा कांग्रेस का हाथ

'राजनीतिक बेरोजगारी दूर करने गए ज्ञानेंद्र'

दोनों ही पार्टियों में चल रही उठापटक को लेकर जब उनके पदाधिकारियों से बात की गई, तो दोनों ने ही इसे एक सामान्य प्रक्रिया बताया. जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जोगी) के मीडिया प्रमुख इकबाल अहमद रिजवी ने ज्ञानेंद्र के जनता कांग्रेस छोड़ने पर कहा कि कुछ लोग अपनी राजनीतिक बेरोजगारी दूर करने के लिए सत्ता पर काबिज पार्टी में शामिल हो जाते हैं. ऐसे लोग किसी के विश्वसनीय नहीं होते हैं. पार्टी छोड़ने वालों को यह सोचना चाहिए कि जिन्होंने पहले उस पार्टी में प्रवेश किया है उनकी हालत क्या है. कांग्रेस में असंतोष को लेकर रिजवी ने कहा कि यह अस्थाई असंतोष होता है और समय के साथ फिर सब एक हो जाते हैं.

गलतफहमी सुलझा ली जाएगी: सुशील

इधर, कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि विधानसभा चुनाव के बाद से ही जनता कांग्रेस लगातार अवसान की ओर बढ़ रही है. लोकसभा चुनाव के दौरान भारी संख्या में जोगी कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस प्रवेश किया था. कुछ लोग भारतीय जनता पार्टी में भी गए थे. जोगी के निधन के बाद कुछ लोगों ने कांग्रेस में प्रवेश किया है. पार्टी के अंदर असंतोष को लेकर सुशील ने कहा कि कुछ कार्यकर्ताओं में गलतफहमी है उसे बैठकर सुलझा लिया जाएगा.

Last Updated : Jun 10, 2020, 11:07 PM IST
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