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जानें क्या है राजीव गांधी किसान न्याय योजना, जिसकी 21 मई से होगी शुरुआत - भूपेश बघेल सरकार

राज्य में फसल उत्पादन को प्रोत्साहित करने और किसान की सहायता के लिए राजीव गांधी किसान न्याय योजना 21 मई से प्रारंभ होने जा रही है. सरकार इसके तहत किसानों के खरीदी किए गए धान के आधार पर प्रति क्विंटल 6 सौ 85 रुपए देगी. इसके साथ ही योजना में किसानों के लिए अन्य सहायता अनुदान शामिल किए गए हैं. खबर में विस्तार से जानें क्या है सरकार की यह योजना.

rajiv gandhi kisan nyaya yojana for chhattisgarh
राजीव गांधी किसान न्याय योजना
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Published : May 15, 2020, 7:57 PM IST

रायपुर: छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार ने किसानों को लाभ पहुंचाने को लेकर बड़ा फैसला लिया है. सरकार ने किसानों की मदद के लिए राजीव गांधी किसान न्याय योजना शुरू करने का फैसला किया है. इसके तहत सरकार किसानों को धान का बचा हुआ समर्थन मूल्य उपलब्ध कराएग

छत्तीसगढ़ में राजीव गांधी किसान न्याय योजना

बता दें कि, कैबिनेट की बैठक में राज्य में फसल उत्पादन को प्रोत्साहित करने और किसान की सहायता के लिए राजीव गांधी किसान न्याय योजना प्रारंभ करने का अनुमोदन किया गया.

क्या है राजीव गांधी किसान न्याय योजना

योजना के तहत किसानों को कई तरह से राहत देने की कोशिश की जाएगी. योजना आगामी 21 मई को पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की पुण्यतिथि से शुरू होगी. इसमें खरीफ 2019 में पंजीकृत एवं उपार्जित रकबे के आधार पर धान, मक्का और गन्ना (रबी) फसल के लिए 10 हजार रुपये प्रति एकड़ की दर से डीबीटी के माध्यम से किसानों को आदान सहायता अनुदान की राशि उनके खातों में भेजी जाएगी.

खरीफ 2020 से आने वाले साल के लिए धान, मक्का, गन्ना, दलहन-तिलहन फसल के पंजीकृत या अधिसूचित रकबे के आधार पर निर्धारित राशि प्रति एकड़ की दर से किसानों को कृषि आदान सहायता अनुदान दिया जाएगा. अनुदान लेने वाला किसान यदि गत वर्ष धान की फसल लगाया था और इस साल धान के स्थान पर योजना के तहत शामिल अन्य फसल लगाता है, तो उस स्थिति में किसानों को प्रति एकड़ अतिरिक्त सहायता अनुदान देने का निर्णय लिया गया है.

किसानों को मिलेगी कितनी राशि

कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने बताया कि 'राज्य में फसल उत्पादन को प्रोत्साहित करने और कृषि आदान सहायता के लिए ‘‘राजीव गांधी किसान न्याय योजना‘‘ शुरू की जा रही है. इस योजना के तहत किसानों को धान के समर्थन मूल्य 25 सौ रूपए प्रति क्विंटल की बची हुई राशि दी जाएगी. जो कि 6 सौ 85 रूपए प्रति क्विंटल है.

दरअसल भूपेश बघेल सरकार ने किसानों को 25 सौ रूपए प्रति क्विटल की दर धान खरीदी का वादा किया था. लेकिन केंद्र की नीति के कारण सरकार अपना यह वादा पूरा नहीं कर पाई थी. अब किसान न्याय योजना के तहत इसे पूरा करने की कोशिश होगी.

पढ़ें: छत्तीसगढ़ में सोशल डिस्टेंसिंग के साथ कर रहे हैं काम, देखें तस्वीरें

बीजेपी ने सराहा और संशय भी जताया

किसानों के हित में सरकार के इस फैसले का बीजेपी ने स्वागत किया है, लेकिन साथ ही आशंका भी जताई है कि, योजना का लाभ किसानों को पूरी तरह मिल सकेगा या नहीं. रायपुर सांसद सुनील सोनी ने कहा कि, सरकार ने अब तक पूरी तरह से किसानों का धान नहीं खरीदा है. बहुत से किसान टोकन लेकर भटक रहे हैं. फिर भी सरकार पैसे देती है, तो यह सराहनीय कदम है'.

संयुक्त किसान मोर्चा के जागेश्वर प्रसाद ने सरकार के इस योजना पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा है कि 'अब तक किसानों को सरकार ने राहत नहीं पहुंचाई है'. जागेश्वर ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा है कि 'पहले ही 2 किस्तों में बचे 'रुपये देने की बात कही थी, जिसमें पहली किश्त 1 अप्रैल को देनी थी, लेकिन अब तक ऐसा नही हो सका है. अब सरकार इन्हीं रुपयों को किसानों को देने के लिए 4 किस्तों की बात कर रही है'.

रायपुर: छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार ने किसानों को लाभ पहुंचाने को लेकर बड़ा फैसला लिया है. सरकार ने किसानों की मदद के लिए राजीव गांधी किसान न्याय योजना शुरू करने का फैसला किया है. इसके तहत सरकार किसानों को धान का बचा हुआ समर्थन मूल्य उपलब्ध कराएग

छत्तीसगढ़ में राजीव गांधी किसान न्याय योजना

बता दें कि, कैबिनेट की बैठक में राज्य में फसल उत्पादन को प्रोत्साहित करने और किसान की सहायता के लिए राजीव गांधी किसान न्याय योजना प्रारंभ करने का अनुमोदन किया गया.

क्या है राजीव गांधी किसान न्याय योजना

योजना के तहत किसानों को कई तरह से राहत देने की कोशिश की जाएगी. योजना आगामी 21 मई को पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की पुण्यतिथि से शुरू होगी. इसमें खरीफ 2019 में पंजीकृत एवं उपार्जित रकबे के आधार पर धान, मक्का और गन्ना (रबी) फसल के लिए 10 हजार रुपये प्रति एकड़ की दर से डीबीटी के माध्यम से किसानों को आदान सहायता अनुदान की राशि उनके खातों में भेजी जाएगी.

खरीफ 2020 से आने वाले साल के लिए धान, मक्का, गन्ना, दलहन-तिलहन फसल के पंजीकृत या अधिसूचित रकबे के आधार पर निर्धारित राशि प्रति एकड़ की दर से किसानों को कृषि आदान सहायता अनुदान दिया जाएगा. अनुदान लेने वाला किसान यदि गत वर्ष धान की फसल लगाया था और इस साल धान के स्थान पर योजना के तहत शामिल अन्य फसल लगाता है, तो उस स्थिति में किसानों को प्रति एकड़ अतिरिक्त सहायता अनुदान देने का निर्णय लिया गया है.

किसानों को मिलेगी कितनी राशि

कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने बताया कि 'राज्य में फसल उत्पादन को प्रोत्साहित करने और कृषि आदान सहायता के लिए ‘‘राजीव गांधी किसान न्याय योजना‘‘ शुरू की जा रही है. इस योजना के तहत किसानों को धान के समर्थन मूल्य 25 सौ रूपए प्रति क्विंटल की बची हुई राशि दी जाएगी. जो कि 6 सौ 85 रूपए प्रति क्विंटल है.

दरअसल भूपेश बघेल सरकार ने किसानों को 25 सौ रूपए प्रति क्विटल की दर धान खरीदी का वादा किया था. लेकिन केंद्र की नीति के कारण सरकार अपना यह वादा पूरा नहीं कर पाई थी. अब किसान न्याय योजना के तहत इसे पूरा करने की कोशिश होगी.

पढ़ें: छत्तीसगढ़ में सोशल डिस्टेंसिंग के साथ कर रहे हैं काम, देखें तस्वीरें

बीजेपी ने सराहा और संशय भी जताया

किसानों के हित में सरकार के इस फैसले का बीजेपी ने स्वागत किया है, लेकिन साथ ही आशंका भी जताई है कि, योजना का लाभ किसानों को पूरी तरह मिल सकेगा या नहीं. रायपुर सांसद सुनील सोनी ने कहा कि, सरकार ने अब तक पूरी तरह से किसानों का धान नहीं खरीदा है. बहुत से किसान टोकन लेकर भटक रहे हैं. फिर भी सरकार पैसे देती है, तो यह सराहनीय कदम है'.

संयुक्त किसान मोर्चा के जागेश्वर प्रसाद ने सरकार के इस योजना पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा है कि 'अब तक किसानों को सरकार ने राहत नहीं पहुंचाई है'. जागेश्वर ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा है कि 'पहले ही 2 किस्तों में बचे 'रुपये देने की बात कही थी, जिसमें पहली किश्त 1 अप्रैल को देनी थी, लेकिन अब तक ऐसा नही हो सका है. अब सरकार इन्हीं रुपयों को किसानों को देने के लिए 4 किस्तों की बात कर रही है'.

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