रायपुर: छत्तीसगढ़ में इन दिनों सियासी घमासान मचा हुआ है. अंतागढ़ टेपकांड मामले में मंतूराम पवार के बयान के बाद बवाल मच गया है. नेताओं में आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है. इसी कड़ी में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महामंत्री शैलेश नितिन त्रिवेदी ने अंतागढ़ टेप कांड मामले को लेकर बीजेपी पर कई संगीन आरोप लगाए हैं. साथ ही उन्होंने JCCJ सुप्रीमो अजीत जोगी को भी आड़े हाथों लिया है.
शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा कि रमन सिंह, राजेश मूणत, अजीत जोगी और अमित जोगी को राजनीति छोड़ देनी चाहिए. मंतूराम पवार के बयान से अंतागढ़ में लोकतंत्र की हत्या से लेकर झीरम तक में भाजपा की भूमिका साफ हो गई है.
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लोकतंत्र की हत्या हुई
उन्होंने कहा कि बीजेपी के नेता और पूर्व विधायक मंतूराम पवार ने अदालत में धारा 164 के तहत बयान दिया है. इससे 2014 में अंतागढ़ उपचुनाव के दौरान कांग्रेस प्रत्याशी के खरीद-फरोख्त की पूरी कहानी साफ हो गई है. इन लोगों ने मिलकर एक व्यापक षड्यंत्र रचा था, इन्होंने लोकतंत्र को शर्मसार किया, लोकतंत्र की हत्या की है.
बीजेपी ने सत्ता का किया दुरुपयोग
शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा कि 7 करोड़ रुपए में कांग्रेस के प्रत्याशी को मैदान से हटने के लिए रमन सिंह ने अपने साथी अजीत जोगी के साथ मिलकर हथकंडे अपनाए थे, इसमें सत्ता का दुरुपयोग भी शामिल है. मंतूराम पवार ने अपने बयान में कहा है कि उन्हें एसपी ने धमकाया था कि उनका भी हश्र झीरम की तरह कर दिया जाएगा. इस बयान से यह भी स्पष्ट हुआ है कि न केवल अंतागढ़ बल्कि झीरम में भी रमन सरकार की भूमिका थी, तभी तो वो झीरम जैसा कांड करने की धमकी दे रहे थे.
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शैलेश नितिन त्रिवेदी द्वारा लगाए मुख्य आरोप-
- दिसंबर 2015 में अंतागढ़ ऑडियो टेप आने के बाद से मंतूराम पवार के बयान तक जो कुछ भी उजागर हुआ है. वह लोकतंत्र के लिए घातक है.
- रमन सिंह के दमाद पुनीत गुप्ता की भूमिका का विवरण आना अभी बाकी है. ऑडियो टेप में हम सब ने उनकी आवाज भी सुनी है.
- कांग्रेस ने अंतागढ़ चुनाव के समय से ही चुनाव आयोग से लेकर पुलिस तक सबसे शिकायत की थी.
- इस धांधली की जांच की मांग की थी लेकिन रमन सरकार की पुलिस ने कोई जांच नहीं की. कांग्रेस की सरकार ने अंतागढ़ मामले की जांच शुरू की तो इसका विरोध शुरू कर दिया.
- कांग्रेस के आरोप सही साबित हुए हैं और अब इतने सबूत हैं कि कोई इनसे इंकार भी करें तो भी जनता उस पर भरोसा अब तो नहीं करेगी.
कांग्रेस की मांग-
- पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह, पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी, पूर्व मंत्री राजेश मूणत और पूर्व विधायक अमित जोगी चारों को अंतागढ़ चुनावी धांधली की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए तत्काल राजनीति छोड़ देनी चाहिए.
- चारों राजनेता अगर अपने दावों के अनुसार बेकसूर हैं, तो चारों को अंतागढ़ मामले की जांच में सहयोग करना चाहिए.
- पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह को अपने दामाद पुनीत गुप्ता को वॉयस सैंपल देने के लिए कहना चाहिए.
- इसी तरह पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी और अमित जोगी को भी तत्काल अपने वॉइस सैंपल जांच कर रही एसआईटी को देना चाहिए.
- इस बात की भी विस्तृत जांच होनी चाहिए इस सौदे के लिए जो 7 करोड़ पर दिए गए हैं. वह राशि तत्कालीन मंत्री राजेश मूणत के पास कहां से आई कांग्रेस यह भी मांग करती है. मंतूराम के बयान के आधार पर दोषी अधिकारियों और बिचौलियों की भूमिका की भी जांच होनी चाहिए.