ETV Bharat / state

कृषि कानून पर बहस को तैयार पक्ष और विपक्ष, छत्तीसगढ़ संयुक्त किसान मोर्चा ने मंच देने की कही बात - कृषि कानून का फायदा

कृषि कानून के नफा नुकसान को लेकर बीजेपी ने कांग्रेस को बहस की चुनौती दी है. इसे लेकर कांग्रेस ने भी चुनौती को स्वीकर कर लिया है. दोनों ही पार्टियां बहस के लिए तैयार है, लेकिन इसे लेकर केवल जुबानी जंग की चल रही है. असल में कुछ किया नहीं जा रहा है.

debate on agricultural law
कृषि कानून पर बहस
author img

By

Published : Oct 11, 2020, 8:18 PM IST

Updated : Oct 11, 2020, 8:56 PM IST

रायपुर: केंद्र की मोदी सरकार की ओर से लाए गए तीन नए कृषि कानून को लेकर पूरे देश में घमासान मचा हुआ है. एक ओर केंद्र की भाजपा सरकार कृषि कानून को किसानों के लिए फायदेमंद बता रही है, तो वहीं दूसरी ओर विपक्ष में बैठी कांग्रेस कृषि कानून को किसानों के लिए नुकसानदायक बता रही है. दोनों ही पार्टियां अपने-अपने दावों पर अडिग है.

कृषि कानून पर बहस

कृषि कानून को लेकर छत्तीसगढ़ की बात की जाए तो यहां पर कांग्रेस की सरकार कृषि कानून को लागू न करने की रणनीति में जुटी हुई है. राज्य सरकार इस कानून को प्रदेश में लागू होने से रोकने के लिए कानूनी सलाह भी ले रही है. राज्य सरकार जल्द इस कानून को रोकने के लिए विधानसभा का विशेष सत्र भी बुला सकती है.

'किसानों के लिए नुकसानदायक है कानून'

कांग्रेस का कहना है कि इस कानून के लागू होने से मंडी व्यवस्था खत्म हो जाएगी. किसानों का अनाज व्यापारी मन मुताबिक खरीदेंगे. किसानों को समर्थन मूल्य नहीं मिल पाएगा. साथ ही जमाखोरी और भ्रष्टाचार को भी बढ़ावा मिलेगा. यहीं कारण है कि कांग्रेस लगातार 'एक राष्ट्र एक बाजार' के साथ एक दर लागू की मांग कर रही है.

किसान के हित में कानून: बीजेपी

प्रदेश में विपक्ष में बैठी भाजपा की बात की जाए तो भाजपा लगातार इस कानून को कृषि के हित में बता रही है. बीजेपी का कहना है कि इस कानून से किसान की आय में वृद्धि होगी और बाजार मजबूत होगा. भाजपा राज्य सरकार को कृषि कानून पर चर्चा के लिए खुली चुनौती दे रही है, तो वहीं दूसरी ओर राज्य सरकार भी इस चुनौती को स्वीकार करते हुए बहस के लिए तैयार होने की बात कह रही है.

कृषि कानून पर सियासत जारी, बीजेपी और कांग्रेस ने एक दूसरे पर साधा निशाना

जगह और समय तय नहीं

इन सब के बीच अबतक यह तय नहीं हो पाया है कि सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों ही कहां पर एक मंच में साथ आएंगे. क्योंकि अबतक दोनों ही दलों ने इसके लिए कोई पहल नहीं की है. दोनों ही दल सार्वजनिक मंच पर खड़े होकर इस कानून को लेकर बहस करने का बस ऐलान कर रहे हैं.

मंत्री ने स्वीकार की चुनौती

हालही में एक पत्रकार वार्ता के दौरान विधायक शिवरतन शर्मा ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय की उपस्थिति में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और मंत्रिमंडल के सदस्यों को कृषि कानून पर चर्चा के लिए चुनौती दी थी. इसके जवाब में वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने भी वर्चुअल किसान सम्मेलन के मंच पर खड़े होकर चुनौती को स्वीकार किया था. साथ ही उन्होंने भाजपा को जगह और समय निर्धारित करने की बात कही थी.

जनता को गुमराह कर रही पार्टियां: जागेश्वर

किसान संगठन के जागेश्वर प्रसाद का कहना है कि दोनों पार्टियां वाहवाही लूटने के लिए इस तरह का ऐलान कर रही है. यदि वाकई में दोनों कृषि कानून को लेकर चर्चा करना चाहते हैं तो एक मंच पर क्यों नहीं आ रहे हैं. जागेश्वर ने कहा कि दोनों ही पार्टियां जनता को गुमराह करने की कोशिश कर रही है. दोनों पार्टियां अगर चर्चा के लिए तैयार ही है तो छत्तीसगढ़ संयुक्त किसान मोर्चा उन्हें मंच दे सकता है. जहां दोनों दल अपनी बातें रख सकते हैं. जागेश्वर ने बताया कि कोरोना के चलते कुछ नियम बनाए गए हैं, जिस कारण से कृषि कानून के विरोध में किसान बड़े स्तर पर आंदोलन नहीं कर पा रहे हैं. लेकिन जैसे ही इसमें ढील दी जाएगी, वैसे ही छत्तीसगढ़ संयुक्त किसान मोर्चा प्रदेश स्तरीय आंदोलन करेगी.

रायपुर: केंद्र की मोदी सरकार की ओर से लाए गए तीन नए कृषि कानून को लेकर पूरे देश में घमासान मचा हुआ है. एक ओर केंद्र की भाजपा सरकार कृषि कानून को किसानों के लिए फायदेमंद बता रही है, तो वहीं दूसरी ओर विपक्ष में बैठी कांग्रेस कृषि कानून को किसानों के लिए नुकसानदायक बता रही है. दोनों ही पार्टियां अपने-अपने दावों पर अडिग है.

कृषि कानून पर बहस

कृषि कानून को लेकर छत्तीसगढ़ की बात की जाए तो यहां पर कांग्रेस की सरकार कृषि कानून को लागू न करने की रणनीति में जुटी हुई है. राज्य सरकार इस कानून को प्रदेश में लागू होने से रोकने के लिए कानूनी सलाह भी ले रही है. राज्य सरकार जल्द इस कानून को रोकने के लिए विधानसभा का विशेष सत्र भी बुला सकती है.

'किसानों के लिए नुकसानदायक है कानून'

कांग्रेस का कहना है कि इस कानून के लागू होने से मंडी व्यवस्था खत्म हो जाएगी. किसानों का अनाज व्यापारी मन मुताबिक खरीदेंगे. किसानों को समर्थन मूल्य नहीं मिल पाएगा. साथ ही जमाखोरी और भ्रष्टाचार को भी बढ़ावा मिलेगा. यहीं कारण है कि कांग्रेस लगातार 'एक राष्ट्र एक बाजार' के साथ एक दर लागू की मांग कर रही है.

किसान के हित में कानून: बीजेपी

प्रदेश में विपक्ष में बैठी भाजपा की बात की जाए तो भाजपा लगातार इस कानून को कृषि के हित में बता रही है. बीजेपी का कहना है कि इस कानून से किसान की आय में वृद्धि होगी और बाजार मजबूत होगा. भाजपा राज्य सरकार को कृषि कानून पर चर्चा के लिए खुली चुनौती दे रही है, तो वहीं दूसरी ओर राज्य सरकार भी इस चुनौती को स्वीकार करते हुए बहस के लिए तैयार होने की बात कह रही है.

कृषि कानून पर सियासत जारी, बीजेपी और कांग्रेस ने एक दूसरे पर साधा निशाना

जगह और समय तय नहीं

इन सब के बीच अबतक यह तय नहीं हो पाया है कि सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों ही कहां पर एक मंच में साथ आएंगे. क्योंकि अबतक दोनों ही दलों ने इसके लिए कोई पहल नहीं की है. दोनों ही दल सार्वजनिक मंच पर खड़े होकर इस कानून को लेकर बहस करने का बस ऐलान कर रहे हैं.

मंत्री ने स्वीकार की चुनौती

हालही में एक पत्रकार वार्ता के दौरान विधायक शिवरतन शर्मा ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय की उपस्थिति में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और मंत्रिमंडल के सदस्यों को कृषि कानून पर चर्चा के लिए चुनौती दी थी. इसके जवाब में वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने भी वर्चुअल किसान सम्मेलन के मंच पर खड़े होकर चुनौती को स्वीकार किया था. साथ ही उन्होंने भाजपा को जगह और समय निर्धारित करने की बात कही थी.

जनता को गुमराह कर रही पार्टियां: जागेश्वर

किसान संगठन के जागेश्वर प्रसाद का कहना है कि दोनों पार्टियां वाहवाही लूटने के लिए इस तरह का ऐलान कर रही है. यदि वाकई में दोनों कृषि कानून को लेकर चर्चा करना चाहते हैं तो एक मंच पर क्यों नहीं आ रहे हैं. जागेश्वर ने कहा कि दोनों ही पार्टियां जनता को गुमराह करने की कोशिश कर रही है. दोनों पार्टियां अगर चर्चा के लिए तैयार ही है तो छत्तीसगढ़ संयुक्त किसान मोर्चा उन्हें मंच दे सकता है. जहां दोनों दल अपनी बातें रख सकते हैं. जागेश्वर ने बताया कि कोरोना के चलते कुछ नियम बनाए गए हैं, जिस कारण से कृषि कानून के विरोध में किसान बड़े स्तर पर आंदोलन नहीं कर पा रहे हैं. लेकिन जैसे ही इसमें ढील दी जाएगी, वैसे ही छत्तीसगढ़ संयुक्त किसान मोर्चा प्रदेश स्तरीय आंदोलन करेगी.

Last Updated : Oct 11, 2020, 8:56 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.