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Congress Accuses Modi Govt: मोदी सरकार ने छत्तीसगढ़ सरकार से वसूली ज्यादा राशि,केंद्र पर 55 हजार करोड़ रुपये बकाया, बीजेपी ने किया पलटवार

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Published : Aug 4, 2023, 9:16 PM IST

Updated : Aug 4, 2023, 9:38 PM IST

Congress Accuses Modi Govt चुनावी साल के दौरान छत्तीसगढ़ में बघेल सरकार ने राशि के बकाए और भुगतान को लेकर मोदी सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं. कांग्रेस ने रायपुर में शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मोदी सरकार पर राज्य के 55 हजार करोड़ रुपये बकाया होने का आरोप लगाया है.कांग्रेस ने मोदी सरकार पर पांच साल के अंदर राज्य से 4.61 लाख करोड़ रुपये की वसूली का आरोप लगाया है. जबकि 1.37 लाख करोड़ रुपये के भुगतान केंद्र की तरफ से देने की बात कही है. इस मुद्दे पर अब बीजेपी ने भी पलटवार किया है. Fund Dispute In Baghel Govt And Cg Government

Congress Accuses Modi Govt
छत्तीसगढ़ सरकार से वसूली ज्यादा राशि
छत्तीसगढ़ में फंड पर सियासी घमासान

रायपुर: छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023 के मद्देनजर सूबे की सियासत में अब राशि के भुगतान और बकाए को लेकर सियासी घमासान छिड़ा हुआ है. शुक्रवार को कांग्रेस की तरफ से रायपुर में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मोदी सरकार पर 55 हजार करोड़ रुपये बकाए का आरोप लगाया गया है. इसके साथ ही कांग्रेस ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य सरकार से मोदी सरकार ने 4.61 लाख करोड़ रुपये की राशि वसूली है. जबकि महज 1.37 लाख करोड़ रुपये का भुगतान किया है.

सुशील आनंद शुक्ला ने की प्रेस कॉन्फ्रेंस: कांग्रेस की तरफ से इस मुद्दे पर छत्तीसगढ़ कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने मोर्चा संभाला. रायपुर राजीव भवन कार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए सुशील आनंद शुक्ला ने मोदी सरकार पर आरोप लगाए. छत्तीसगढ़ बीजेपी के नेता बार बार राज्य पर अहसान जता रहे हैं. कह रहे हैं कि राज्य केंद्र के सहयोग पर चल रहा है. आज भी पत्रकार वार्ता के दौरान भाजपा ने केंद्रीय सहायता पर अहसान जताया है.

"हकीकत ये है कि केंद्र, राज्य को कम राशि देती है और राज्य से ज्यादा राशि वसूलती है. छत्तीसगढ़ से केन्द्र को विभिन्न मदों जैसे सीजीएसटी, रेल भाड़ा, इनकम टैक्स, पेट्रोलियम पदार्थों पर टैक्स, आयरन, बाक्साइट टिन के खनन और उसके परिवहन से राशि मिलती है. बीते पांच साल में केंद्र सरकार ने राज्य से 461908.66 करोड़ रुपये वसूला है. जबकि इन पांच वर्षो में राज्य के हिस्से में 192190.76 करोड़ रुपये ही आया. वसूली गई राशि से 269717.93 करोड़ रुपये राज्य को कम मिले हैं."- सुशील आनंद शुक्ला, अध्यक्ष, कांग्रेस संचार विभाग

सुशील आनंद शुक्ला यहीं नहीं रुके. उन्होंने इसके बाद मोदी सरकार पर राज्य के बकाए राशि को हमला बोला.

"विभिन्न मदों में केन्द्र ने राज्य के हिस्से का 55000 हजार करोड़ रुपये अभी तक नहीं दिया है. कुल राशि राज्य को मात्र 137190.76 करोड़ ही मिला है. जितना केंद्र से मिला है. उससे ज्यादा 1.70 लाख करोड़ तो कांग्रेस सरकार ने अकेले किसानों के ऊपर खर्च किया है. बीते 5 वर्षो में केन्द्र से छत्तीसगढ़ को औसतन हर साल 27,438 करोड़ रुपये ही मिले हैं. जबकि हर साल औसतन 92,382 करोड़ रुपये की वसूली हुई है. छत्तीसगढ़ से कुल वसूली का 29.7 प्रतिशत ही छत्तीसगढ़ को मिला है. विगत 5 साल में छत्तीसगढ़ से वसूली की 70.3 प्रतिशत राशि केंद्र के पास है"- सुशील आनंद शुक्ला, अध्यक्ष, कांग्रेस संचार विभाग

केंद्र की देनदारी 30 जून 2022 से है बंद: कांग्रेस नेताओं ने इसके अलावा एक और आरोप लगाया है. कांग्रेस के मुताबिक छत्तीसगढ़ उत्पादक राज्य है. यह स्टेट स्टील, सीमेंट के उत्पादन में अव्वल है. इसके अलावा कोयला, बॉक्साइट, आयरन ओर और टिन के खनन में भी यह राज्य अन्य राज्यों से आगे रहा है. जीएसटी लागू होने से उत्पादक राज्यों को होने वाले नुकसान की क्षतिपूर्ति 30 जून 2022 से बंद कर दी गई है. लेकिन केंद्र की मोदी सरकार जीएसटी क्षतिपूर्ति के लिए लगाए जाने वाले जीएसटी क्षतिपूर्ति उपकर को 31 मार्च 2026 तक वसूलेगी. अर्थात वसूली मार्च 2026 तक जारी रहेगी लेकिन देनदारी 30 जून 2022 से बंद है.

"केंद्र की मोदी सरकार ने लगभग सभी केंद्रीय योजनाओं में केंद्र का अंश कम करके उसी अनुपात में राज्य का अंश बढ़ा दिया है. इस वजह से राज्यों पर आर्थिक बोझ बढ़ा.सेंट्रल एक्साइज में कटौती करके उसी अनुपात में सेस लगाया गया. ताकि उस केंदीय कर की वसूली पर जो 41 परसेंट हिस्सा राज्यों को दिया जाता है उससे वंचित किया जाए. सेस की राशि में राज्यों का कोई हिस्सा नहीं होता है"- सुशील आनंद शुक्ला, अध्यक्ष, कांग्रेस संचार विभाग

बीजेपी ने किया पलटवार: इस पूरे मुद्दे पर बीजेपी ने पलटवार किया है. बीजेपी प्रवक्ता राजीव चक्रवर्ती ने कहा कि देश संघीय व्यवस्था से चल रहा है. राज्य सरकार आरोप लगाती है कि ये हमारा पैसा है. यह केंद्र का पैसा है. लेकिन यह सब संघीय व्यवस्था से होता है.

"केंद्र सरकार अपने योजनाओं के माध्यम से पैसे भेजती है. अलग-अलग मद में राशि भेजी जाती है. उस मद से राज्य सरकार विकास कार्य और काम करती है. इस दौरान सरकार को केंद्र सरकार की योजनाओं का भी जिक्र करना चाहिए. यह एक संघीय व्यवस्था है. लेकिन राज्य की कांग्रेस सरकार इस व्यवस्था में बाधा पैदा कर रही है."-राजीव चक्रवर्ती, प्रवक्ता भाजपा

बीजेपी प्रवक्ता यहीं नहीं रुके उन्होंने कहा कि" जो धान खरीदा जाता है. वह केंद्र के पैसे खरीदा जाता है. प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 60% राशि केंद्र सरकार और 40% अंश राज्य सरकार का होता है. यह दोनों सरकारें मिलकर चलाती है. लेकिन कांग्रेस लगातार लोगों को गुमराह कर रही है. एहसान कर रही है यह एक संघीय व्यवस्था है. इसी से देश और राज्य चल रहा है"

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राशि के भुगतान और बकाए को लेकर छत्तीसगढ़ का सियासी पारा चढ़ चुका है. इस मुद्दे को दोनों पार्टियां चुनाव में लेकर जाएंगी. अब देखना होगा कि इस पूरे मसले पर आम जनता क्या कहती है. ?

छत्तीसगढ़ में फंड पर सियासी घमासान

रायपुर: छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023 के मद्देनजर सूबे की सियासत में अब राशि के भुगतान और बकाए को लेकर सियासी घमासान छिड़ा हुआ है. शुक्रवार को कांग्रेस की तरफ से रायपुर में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मोदी सरकार पर 55 हजार करोड़ रुपये बकाए का आरोप लगाया गया है. इसके साथ ही कांग्रेस ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य सरकार से मोदी सरकार ने 4.61 लाख करोड़ रुपये की राशि वसूली है. जबकि महज 1.37 लाख करोड़ रुपये का भुगतान किया है.

सुशील आनंद शुक्ला ने की प्रेस कॉन्फ्रेंस: कांग्रेस की तरफ से इस मुद्दे पर छत्तीसगढ़ कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने मोर्चा संभाला. रायपुर राजीव भवन कार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए सुशील आनंद शुक्ला ने मोदी सरकार पर आरोप लगाए. छत्तीसगढ़ बीजेपी के नेता बार बार राज्य पर अहसान जता रहे हैं. कह रहे हैं कि राज्य केंद्र के सहयोग पर चल रहा है. आज भी पत्रकार वार्ता के दौरान भाजपा ने केंद्रीय सहायता पर अहसान जताया है.

"हकीकत ये है कि केंद्र, राज्य को कम राशि देती है और राज्य से ज्यादा राशि वसूलती है. छत्तीसगढ़ से केन्द्र को विभिन्न मदों जैसे सीजीएसटी, रेल भाड़ा, इनकम टैक्स, पेट्रोलियम पदार्थों पर टैक्स, आयरन, बाक्साइट टिन के खनन और उसके परिवहन से राशि मिलती है. बीते पांच साल में केंद्र सरकार ने राज्य से 461908.66 करोड़ रुपये वसूला है. जबकि इन पांच वर्षो में राज्य के हिस्से में 192190.76 करोड़ रुपये ही आया. वसूली गई राशि से 269717.93 करोड़ रुपये राज्य को कम मिले हैं."- सुशील आनंद शुक्ला, अध्यक्ष, कांग्रेस संचार विभाग

सुशील आनंद शुक्ला यहीं नहीं रुके. उन्होंने इसके बाद मोदी सरकार पर राज्य के बकाए राशि को हमला बोला.

"विभिन्न मदों में केन्द्र ने राज्य के हिस्से का 55000 हजार करोड़ रुपये अभी तक नहीं दिया है. कुल राशि राज्य को मात्र 137190.76 करोड़ ही मिला है. जितना केंद्र से मिला है. उससे ज्यादा 1.70 लाख करोड़ तो कांग्रेस सरकार ने अकेले किसानों के ऊपर खर्च किया है. बीते 5 वर्षो में केन्द्र से छत्तीसगढ़ को औसतन हर साल 27,438 करोड़ रुपये ही मिले हैं. जबकि हर साल औसतन 92,382 करोड़ रुपये की वसूली हुई है. छत्तीसगढ़ से कुल वसूली का 29.7 प्रतिशत ही छत्तीसगढ़ को मिला है. विगत 5 साल में छत्तीसगढ़ से वसूली की 70.3 प्रतिशत राशि केंद्र के पास है"- सुशील आनंद शुक्ला, अध्यक्ष, कांग्रेस संचार विभाग

केंद्र की देनदारी 30 जून 2022 से है बंद: कांग्रेस नेताओं ने इसके अलावा एक और आरोप लगाया है. कांग्रेस के मुताबिक छत्तीसगढ़ उत्पादक राज्य है. यह स्टेट स्टील, सीमेंट के उत्पादन में अव्वल है. इसके अलावा कोयला, बॉक्साइट, आयरन ओर और टिन के खनन में भी यह राज्य अन्य राज्यों से आगे रहा है. जीएसटी लागू होने से उत्पादक राज्यों को होने वाले नुकसान की क्षतिपूर्ति 30 जून 2022 से बंद कर दी गई है. लेकिन केंद्र की मोदी सरकार जीएसटी क्षतिपूर्ति के लिए लगाए जाने वाले जीएसटी क्षतिपूर्ति उपकर को 31 मार्च 2026 तक वसूलेगी. अर्थात वसूली मार्च 2026 तक जारी रहेगी लेकिन देनदारी 30 जून 2022 से बंद है.

"केंद्र की मोदी सरकार ने लगभग सभी केंद्रीय योजनाओं में केंद्र का अंश कम करके उसी अनुपात में राज्य का अंश बढ़ा दिया है. इस वजह से राज्यों पर आर्थिक बोझ बढ़ा.सेंट्रल एक्साइज में कटौती करके उसी अनुपात में सेस लगाया गया. ताकि उस केंदीय कर की वसूली पर जो 41 परसेंट हिस्सा राज्यों को दिया जाता है उससे वंचित किया जाए. सेस की राशि में राज्यों का कोई हिस्सा नहीं होता है"- सुशील आनंद शुक्ला, अध्यक्ष, कांग्रेस संचार विभाग

बीजेपी ने किया पलटवार: इस पूरे मुद्दे पर बीजेपी ने पलटवार किया है. बीजेपी प्रवक्ता राजीव चक्रवर्ती ने कहा कि देश संघीय व्यवस्था से चल रहा है. राज्य सरकार आरोप लगाती है कि ये हमारा पैसा है. यह केंद्र का पैसा है. लेकिन यह सब संघीय व्यवस्था से होता है.

"केंद्र सरकार अपने योजनाओं के माध्यम से पैसे भेजती है. अलग-अलग मद में राशि भेजी जाती है. उस मद से राज्य सरकार विकास कार्य और काम करती है. इस दौरान सरकार को केंद्र सरकार की योजनाओं का भी जिक्र करना चाहिए. यह एक संघीय व्यवस्था है. लेकिन राज्य की कांग्रेस सरकार इस व्यवस्था में बाधा पैदा कर रही है."-राजीव चक्रवर्ती, प्रवक्ता भाजपा

बीजेपी प्रवक्ता यहीं नहीं रुके उन्होंने कहा कि" जो धान खरीदा जाता है. वह केंद्र के पैसे खरीदा जाता है. प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 60% राशि केंद्र सरकार और 40% अंश राज्य सरकार का होता है. यह दोनों सरकारें मिलकर चलाती है. लेकिन कांग्रेस लगातार लोगों को गुमराह कर रही है. एहसान कर रही है यह एक संघीय व्यवस्था है. इसी से देश और राज्य चल रहा है"

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राशि के भुगतान और बकाए को लेकर छत्तीसगढ़ का सियासी पारा चढ़ चुका है. इस मुद्दे को दोनों पार्टियां चुनाव में लेकर जाएंगी. अब देखना होगा कि इस पूरे मसले पर आम जनता क्या कहती है. ?

Last Updated : Aug 4, 2023, 9:38 PM IST
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