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कानपुर: बिकरू कांड में बड़ा खुलासा, सामने आया खाकी और विकास दुबे का नेटवर्क

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Published : Aug 7, 2020, 3:03 AM IST

यूपी के कानपुर के बिकरू कांड में बड़ा खुलासा हुआ है. दबिश से ठीक पहले का एक ऑडियो वायरल हो रहा है, जिसमें खाकी और विकास दुबे के नेटवर्क का खुलासा हुआ है. दरअसल, सीओ देवेंद्र मिश्र ने दबिश से पहले एसपी देहात ब्रजेश कुमार श्रीवास्तव को फोन किया था, जिसका ऑडियो वायरल हो रहा है. इसमें उन्होंने बताया कि एसओ विनय तिवारी ने विकास दुबे को सीओ दबिश देने आ रहे हैं इसकी सूचना दे दी होगी.

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खाकी और विकास दुबे के नेटवर्क का खुलासा

कानपुर: बिकरू कांड में बड़ा खुलासा हुआ है. दबिश से ठीक पहले का एक ऑडियो वायरल हो रहा है, जिसमें खाकी और विकास दुबे के नेटवर्क का खुलासा हुआ है. दरअसल सीओ देवेंद्र मिश्र ने दबिश से पहले एसपी देहात ब्रजेश कुमार श्रीवास्तव को फोन किया था, जिसका ऑडियो वायरल हो रहा है. इस ऑडियो में सीओ देवेंद्र मिश्र ने एसओ विनय तिवारी और तत्कालीन एसएसपी अनंत देव पर भ्रष्टाचार के बड़े आरोप लगाए हैं.

खाकी और विकास दुबे का नेटवर्क का खुलासा

शहीद सीओ देवेंद्र मिश्र और एसपी देहात बृजेश कुमार श्रीवास्तव का वायरल ऑडियो
तत्कालीन एसओ चौबेपुर विनय तिवारी ने दबिश से पहले सीओ देवेंद्र मिश्र को कॉल कर साथ चलने के लिए दबाव बनाया था. इस बात की जानकारी सीओ ने एसपी देहात बृजेश कुमार श्रीवास्तव को दी. इस पर एसपी देहात ने कहा आप परेशान मत होइये. मैं लिस्ट तैयार कर रहा हूं और एक गेस्टेड ऑफिसर के साथ बैठक कर अच्छे लोगों को ले आऊंगा. सीओ ने एसपी देहात से कहा कि एसओ विनय तिवारी विकास दुबे के पैर छूता है. दबिश की सूचना विनय तिवरी ने अब तक विकास दुबे को दे दी होगी. सीओ ने कहा कि विनय तिवारी पहले वाले एसएसपी अनंतदेव तिवारी का लाडला था.

बिकरू कांड में बड़ा खुलासा

वायरल ऑडियो में देवेंद्र मिश्र ने विनय तिवारी पर 1.5 लाख रुपये लेकर अपने थाना क्षेत्र में जुआ कराने का भी आरोप लगाया. ऑडियो में सीओ बोल रहे हैं कि उन्होंने जुआं बन्द कराने को बोला था. अलग थाने की फोर्स को लेकर छापा भी मारा था. जुआं पकड़ा भी, लेकिन एसएसपी को 5 लाख रुपये देकर मामला सेट करा लिया गया. ऑडियो में सीओ देवेंद्र मिश्र बोल रहे हैं कि इसके बाद विनय तिवारी की सभी जांच खत्म हो गई. सीओ देवेंद्र वायरल ऑडियो में बोल रहे हैं कि एसओ विनय ने विकास दुबे को अब तक कॉल कर बता दिया होगा कि सीओ दबिश देने आ रहा है, तुम सब अपने घरों से भाग जाओ.

तत्कालीन एसओ विनय तिवारी और शहीद सीओ देवेंद्र मिश्र के बीच बातचीत का ऑडियो
वहीं एक ओर ऑडियो वायरल हो रहा है. ऑडियो में तत्कालीन एसओ विनय तिवारी और शहीद सीओ देवेंद्र मिश्र के बीच बात हो रही है. ऑडियो में विनय तिवारी कह रहे है कि जादेपुर घस्सा गांव से राहुल तिवारी एपलीकेशन दे रहे हैं विकास दूबे के खिलाफ. इसमें धारा बन रही है 364, 342, 307. इसके बाद सीओ देवेंद्र मिश्र पूछ रहे हैं कि क्यों उन्होंने अपहरण किया है. इस पर विनय तिवारी कह रहे हैं कि फॉर्चुनर गाड़ी में डालकर कमरे में बंद कर लिया. इसके बाद बड़ी मुश्किल से भागा. जैसे ही बिकरू मोड़ पर पहुंचा तो विकास दुबे ने घेरकर ताबड़तोड़ गोलियां चला दीं. सीओ ने पूछा कि घटना हुई है कि नहीं. इस पर विनय तिवारी बोल रहे हैं कि सर मारपीट तो हुई है. सीओ देवेंद्र ने एसपीआरए को बताने के लिए कहा.

इसे भी पढ़ें:- बिकरू कांड की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित की एसआईटी पहुंची कानपुर

गौरतलब रहे कि विनय तिवारी और बीट प्रभारी केके शर्मा पहले ही गिरफ्तार कर जेल भेजे जा चुके हैं. विनय तिवारी का लगभग एक साल पहले चंदौली से कानपुर ट्रांसफर हुआ था. पहले वह यहां पर स्वाट टीम में था, जिसके बाद उसको पहला चार्ज चौबेपुर का मिला था.

कानपुर मुठभेड़ में कब क्या हुआ?

2 जुलाई: विकास दुबे को गिरफ्तार करने के लिए बीते 2 जुलाई की रात 3 थानों की पुलिस ने बिकरू गांव में दबिश दी थी. इस दौरान विकास के गैंग ने डिप्टी एसपी समेत 8 पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी.

3 जुलाई: पुलिस ने सुबह 7 बजे विकास के मामा प्रेम प्रकाश पांडे और सहयोगी अतुल दुबे का एनकाउंटर कर दिया. 20-22 नामजद समेत 60 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई. बदमाशों की धरपकड़ के लिए एक ओर STF को लगा दिया गया और विकास दुबे की गिरफ्तारी के लिए 40 टीमें लगाई गईं.

4 जुलाईः विकास दुबे को दबिश से पहले सूचना देने के मामले में संदिग्ध चौबेपुर थाना अध्यक्ष विनय तिवारी से एसटीफ ने पूछताछ की. वहीं कई पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया और पूछताछ शुरू की गई.

5 जुलाई: पुलिस ने विकास के नौकर और खास सहयोगी दयाशंकर अग्निहोत्री उर्फ कल्लू को घेर लिया. इस दौरान हुई मुठभेड़ में पुलिस की गोली लगने से दयाशंकर जख्मी हो गया. उसने खुलासा किया कि विकास को दबिश से पहले थाने से फोन आया था और उसने अपने साथियों को बुलाकर पुलिसकर्मियों पर हमला किया था.

इसे भी पढ़ें:- कानपुर: विकास दुबे का नया ऑडियो वॉयरल, कोर्ट में सरेंडर की थी तैयारी

6 जुलाई: पुलिस ने अमर दुबे की मां क्षमा दुबे और दयाशंकर की पत्नी रेखा समेत 3 को गिरफ्तार किया था. शूटआउट की घटना के वक्त पुलिस ने बदमाशों से बचने के लिए क्षमा दुबे का दरवाजा खटखटाया था, लेकिन क्षमा ने मदद करने की बजाय बदमाशों को पुलिस की लोकेशन बता दी. रेखा भी बदमाशों की मदद कर रही थी.

7 जुलाईः शहीद पुलिस वालों के घरों में जाकर मंत्रियों ने एक करोड़ की धनराशि दी थी. इस दिन STF ने बड़ा खुलासा करते हुए कहा था कि चौबेपुर थाने के एक दारोगा और एक सिपाही ने दबिश के पहले विकास दुबे से फोन पर बात की थी. निलंबित पुलिसकर्मियों में इन दोनों का नाम शामिल है.

8 जुलाई: एसटीएफ ने विकास के करीबी अमर दुबे को मार गिराया. प्रभात मिश्रा उर्फ कार्तिकेय समेत कई बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया. इसी मामले में चौबेपुर के पूर्व एसओ विनय तिवारी और बीट इंचार्ज केके शर्मा को गिरफ्तार कर लिया गया. ये दोनों एनकाउंटर के वक्त मौजूद थे, लेकिन बीच में ही उस जगह को छोड़कर चले गए थे.

इसे भी पढ़ें:- कानपुर: बिकरू गांव पहुंचा जांच आयोग, ग्रामीणों से की बातचीत

9 जुलाई: प्रभात मिश्रा उर्फ कार्तिकेय और रणबीर शुक्ला उर्फ बउआ एनकाउंटर में मारे गए. वहीं 9 जुलाई को ही विकास दुबे उज्जैन से गिरफ्तार हुआ. इसके बाद उत्तर प्रदेश एसटीएफ की टीम मध्य प्रदेश के लिए रवाना हो गई है.

10 जुलाईः यूपी एसटीएफ विकास दुबे को उज्जैन से लेकर कानपुर देहात आ रही थी, इसी बीच काफिले की गाड़ी पलट गई. इसी दौरान विकास दुबे ने मौका देखकर पुलिस की पिस्टल छीनकर भागने की कोशिश की और पुलिस पर गोली चला दी. वहीं पुलिस की जवाबी कार्रवाई में विकास दुबे ढेर हो गया. विकास दुबे की शुक्रवार को कानपुर देहात कोर्ट में पेशी होनी थी.

इसे भी पढ़ें:- कानपुर: विकास दुबे के खजांची जय वाजपेयी पर नगर निगम ने कसा शिकंजा

कौन था विकास दुबे
विकास दुबे ने 1993 से आपराधिक दुनिया में कदम रखा था. कई युवकों के साथ अपना खुद का गैंग बनाया और लूट, डकैती, हत्या जैसे जघन्य अपराधों को अंजाम देने लगा था. शिवली क्षेत्र के बिकरू गांव निवासी विकास दुबे के खिलाफ 52 से ज्यादा मामले यूपी के कई जिलों के थानों में चल रहे थे. हत्या और हत्या के प्रयास के मामले में पुलिस इसकी तलाश कर रही थी.

कानपुर: बिकरू कांड में बड़ा खुलासा हुआ है. दबिश से ठीक पहले का एक ऑडियो वायरल हो रहा है, जिसमें खाकी और विकास दुबे के नेटवर्क का खुलासा हुआ है. दरअसल सीओ देवेंद्र मिश्र ने दबिश से पहले एसपी देहात ब्रजेश कुमार श्रीवास्तव को फोन किया था, जिसका ऑडियो वायरल हो रहा है. इस ऑडियो में सीओ देवेंद्र मिश्र ने एसओ विनय तिवारी और तत्कालीन एसएसपी अनंत देव पर भ्रष्टाचार के बड़े आरोप लगाए हैं.

खाकी और विकास दुबे का नेटवर्क का खुलासा

शहीद सीओ देवेंद्र मिश्र और एसपी देहात बृजेश कुमार श्रीवास्तव का वायरल ऑडियो
तत्कालीन एसओ चौबेपुर विनय तिवारी ने दबिश से पहले सीओ देवेंद्र मिश्र को कॉल कर साथ चलने के लिए दबाव बनाया था. इस बात की जानकारी सीओ ने एसपी देहात बृजेश कुमार श्रीवास्तव को दी. इस पर एसपी देहात ने कहा आप परेशान मत होइये. मैं लिस्ट तैयार कर रहा हूं और एक गेस्टेड ऑफिसर के साथ बैठक कर अच्छे लोगों को ले आऊंगा. सीओ ने एसपी देहात से कहा कि एसओ विनय तिवारी विकास दुबे के पैर छूता है. दबिश की सूचना विनय तिवरी ने अब तक विकास दुबे को दे दी होगी. सीओ ने कहा कि विनय तिवारी पहले वाले एसएसपी अनंतदेव तिवारी का लाडला था.

बिकरू कांड में बड़ा खुलासा

वायरल ऑडियो में देवेंद्र मिश्र ने विनय तिवारी पर 1.5 लाख रुपये लेकर अपने थाना क्षेत्र में जुआ कराने का भी आरोप लगाया. ऑडियो में सीओ बोल रहे हैं कि उन्होंने जुआं बन्द कराने को बोला था. अलग थाने की फोर्स को लेकर छापा भी मारा था. जुआं पकड़ा भी, लेकिन एसएसपी को 5 लाख रुपये देकर मामला सेट करा लिया गया. ऑडियो में सीओ देवेंद्र मिश्र बोल रहे हैं कि इसके बाद विनय तिवारी की सभी जांच खत्म हो गई. सीओ देवेंद्र वायरल ऑडियो में बोल रहे हैं कि एसओ विनय ने विकास दुबे को अब तक कॉल कर बता दिया होगा कि सीओ दबिश देने आ रहा है, तुम सब अपने घरों से भाग जाओ.

तत्कालीन एसओ विनय तिवारी और शहीद सीओ देवेंद्र मिश्र के बीच बातचीत का ऑडियो
वहीं एक ओर ऑडियो वायरल हो रहा है. ऑडियो में तत्कालीन एसओ विनय तिवारी और शहीद सीओ देवेंद्र मिश्र के बीच बात हो रही है. ऑडियो में विनय तिवारी कह रहे है कि जादेपुर घस्सा गांव से राहुल तिवारी एपलीकेशन दे रहे हैं विकास दूबे के खिलाफ. इसमें धारा बन रही है 364, 342, 307. इसके बाद सीओ देवेंद्र मिश्र पूछ रहे हैं कि क्यों उन्होंने अपहरण किया है. इस पर विनय तिवारी कह रहे हैं कि फॉर्चुनर गाड़ी में डालकर कमरे में बंद कर लिया. इसके बाद बड़ी मुश्किल से भागा. जैसे ही बिकरू मोड़ पर पहुंचा तो विकास दुबे ने घेरकर ताबड़तोड़ गोलियां चला दीं. सीओ ने पूछा कि घटना हुई है कि नहीं. इस पर विनय तिवारी बोल रहे हैं कि सर मारपीट तो हुई है. सीओ देवेंद्र ने एसपीआरए को बताने के लिए कहा.

इसे भी पढ़ें:- बिकरू कांड की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित की एसआईटी पहुंची कानपुर

गौरतलब रहे कि विनय तिवारी और बीट प्रभारी केके शर्मा पहले ही गिरफ्तार कर जेल भेजे जा चुके हैं. विनय तिवारी का लगभग एक साल पहले चंदौली से कानपुर ट्रांसफर हुआ था. पहले वह यहां पर स्वाट टीम में था, जिसके बाद उसको पहला चार्ज चौबेपुर का मिला था.

कानपुर मुठभेड़ में कब क्या हुआ?

2 जुलाई: विकास दुबे को गिरफ्तार करने के लिए बीते 2 जुलाई की रात 3 थानों की पुलिस ने बिकरू गांव में दबिश दी थी. इस दौरान विकास के गैंग ने डिप्टी एसपी समेत 8 पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी.

3 जुलाई: पुलिस ने सुबह 7 बजे विकास के मामा प्रेम प्रकाश पांडे और सहयोगी अतुल दुबे का एनकाउंटर कर दिया. 20-22 नामजद समेत 60 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई. बदमाशों की धरपकड़ के लिए एक ओर STF को लगा दिया गया और विकास दुबे की गिरफ्तारी के लिए 40 टीमें लगाई गईं.

4 जुलाईः विकास दुबे को दबिश से पहले सूचना देने के मामले में संदिग्ध चौबेपुर थाना अध्यक्ष विनय तिवारी से एसटीफ ने पूछताछ की. वहीं कई पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया और पूछताछ शुरू की गई.

5 जुलाई: पुलिस ने विकास के नौकर और खास सहयोगी दयाशंकर अग्निहोत्री उर्फ कल्लू को घेर लिया. इस दौरान हुई मुठभेड़ में पुलिस की गोली लगने से दयाशंकर जख्मी हो गया. उसने खुलासा किया कि विकास को दबिश से पहले थाने से फोन आया था और उसने अपने साथियों को बुलाकर पुलिसकर्मियों पर हमला किया था.

इसे भी पढ़ें:- कानपुर: विकास दुबे का नया ऑडियो वॉयरल, कोर्ट में सरेंडर की थी तैयारी

6 जुलाई: पुलिस ने अमर दुबे की मां क्षमा दुबे और दयाशंकर की पत्नी रेखा समेत 3 को गिरफ्तार किया था. शूटआउट की घटना के वक्त पुलिस ने बदमाशों से बचने के लिए क्षमा दुबे का दरवाजा खटखटाया था, लेकिन क्षमा ने मदद करने की बजाय बदमाशों को पुलिस की लोकेशन बता दी. रेखा भी बदमाशों की मदद कर रही थी.

7 जुलाईः शहीद पुलिस वालों के घरों में जाकर मंत्रियों ने एक करोड़ की धनराशि दी थी. इस दिन STF ने बड़ा खुलासा करते हुए कहा था कि चौबेपुर थाने के एक दारोगा और एक सिपाही ने दबिश के पहले विकास दुबे से फोन पर बात की थी. निलंबित पुलिसकर्मियों में इन दोनों का नाम शामिल है.

8 जुलाई: एसटीएफ ने विकास के करीबी अमर दुबे को मार गिराया. प्रभात मिश्रा उर्फ कार्तिकेय समेत कई बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया. इसी मामले में चौबेपुर के पूर्व एसओ विनय तिवारी और बीट इंचार्ज केके शर्मा को गिरफ्तार कर लिया गया. ये दोनों एनकाउंटर के वक्त मौजूद थे, लेकिन बीच में ही उस जगह को छोड़कर चले गए थे.

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9 जुलाई: प्रभात मिश्रा उर्फ कार्तिकेय और रणबीर शुक्ला उर्फ बउआ एनकाउंटर में मारे गए. वहीं 9 जुलाई को ही विकास दुबे उज्जैन से गिरफ्तार हुआ. इसके बाद उत्तर प्रदेश एसटीएफ की टीम मध्य प्रदेश के लिए रवाना हो गई है.

10 जुलाईः यूपी एसटीएफ विकास दुबे को उज्जैन से लेकर कानपुर देहात आ रही थी, इसी बीच काफिले की गाड़ी पलट गई. इसी दौरान विकास दुबे ने मौका देखकर पुलिस की पिस्टल छीनकर भागने की कोशिश की और पुलिस पर गोली चला दी. वहीं पुलिस की जवाबी कार्रवाई में विकास दुबे ढेर हो गया. विकास दुबे की शुक्रवार को कानपुर देहात कोर्ट में पेशी होनी थी.

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कौन था विकास दुबे
विकास दुबे ने 1993 से आपराधिक दुनिया में कदम रखा था. कई युवकों के साथ अपना खुद का गैंग बनाया और लूट, डकैती, हत्या जैसे जघन्य अपराधों को अंजाम देने लगा था. शिवली क्षेत्र के बिकरू गांव निवासी विकास दुबे के खिलाफ 52 से ज्यादा मामले यूपी के कई जिलों के थानों में चल रहे थे. हत्या और हत्या के प्रयास के मामले में पुलिस इसकी तलाश कर रही थी.

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