रायपुर: सीएम राहत कोष (CM Relief Fund) में एक दिन का वेतन दिए जाने के आदेश का विरोध शुरू हो गया है. वित्त विभाग के आदेश पर कर्मचारियों ने घोर आपत्ति जताई है. तृतीय कर्मचारी संघ, स्वास्थ्य कर्मचारी संघ समेत पुलिस विभाग में भी आदेश को लेकर खासी नाराजगी है. वेतन कटौती के खिलाफ कर्मचारियों का कहना है कि पिछले साल करोड़ों रुपए राहत कोष में जमा करने के बाद भी उन्हें सुविधाएं नहीं मिल रही हैं. कोरोना के चलते कई सरकारी कर्मचारी और उनका परिवार इलाज के लिए तरस गए.
दादागिरी कर जमा कराई जा रही है राशि
तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष विजय झा का कहना है कि पिछली बार प्रदेश भर में कर्मचारियों ने बढ़-चढ़कर अपना वेतन राहत कोष में जमा कराया था, लेकिन इस बार परिस्थिति अलग है. इसलिए सरकार को बिना सलाह लिए इस तरह का कदम नहीं उठाना चाहिए. उन्होंने जबरदस्ती कर्मचारियों का वेतन काटे जाने को शासन की दादागिरी बताया है. विजय झा ने बताया कि खासकर उन कर्मचारियों का वेतन काटा जाना न्याय संगत नहीं है. जो दिन रात इस कोरोना काल में विपरीत परिस्थितियों में काम कर रहे हैं.
CM रिलीफ फंड में एक दिन की सैलरी देंगे सरकारी अधिकारी और कर्मचारी
स्वास्थ्य कर्मचारियों ने भी जताया विरोध
स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के प्रांत अध्यक्ष ओपी शर्मा ने बताया कि कोरोना काल में स्वास्थ्य कर्मचारी जान जोखिम में डालकर चौबिस घंटे काम कर रहे हैं. ऐसे में उन्हें प्रोत्साहन की जरूरत है ना कि वेतन कटौती करना चाहिए.
छत्तीसगढ़ सरकार ने विधायक निधि के खर्च पर लगाई रोक, बीजेपी ने जताई आपत्ति
पुलिस कर्मियों ने एसपी को सौंपा ज्ञापन
वेतन कटौती से नाराज कोरबा जिले के पसान थाना के पुलिसकर्मियों ने एसपी को पत्र लिखा है. अपने पत्र में पुलिसकर्मियों ने एक दिन के वेतन कटौती करने पर आपत्ति जताई है. इस पत्र में 17 पुलिसकर्मियों के नाम हैं, जिन्होंने बकायदा साइन कर पत्र लिखा है.