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CM ने रेल परियोजनाओं से पर्यावरण को होने वाले नुकसान पर जताई चिंता, अधिकारियों से मांगी रिपोर्ट

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Published : Sep 24, 2019, 7:51 AM IST

रायपुर में भूपेश बघेल ने रेल परियोजनाओं और यात्री सुविधाओं की समीक्षा ली. इस बैठक के बाद सीएम ने अधिकारियों को जरूरी दिशा-निर्देश दिए.

मुख्यमंत्री निवास में बैठक

रायपुर: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने निवास कार्यालय में आयोजित बैठक में छत्तीसगढ़ में रेल परियोजनाओं और यात्री सुविधाओं की समीक्षा की. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से पूछा कि इन रेल परियोजनाओं से छत्तीसगढ़ को और यहां के लोगों को क्या लाभ मिलेगा. लोगों को क्या यात्री परिवहन की सुविधा भी मिलेगी. कितने लोगों को रोजगार मिलेगा. वहीं सीएम ने कहा कि राज्य के लोगों का हित छत्तीसगढ़ सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है.

बैठक में छत्तीसगढ़ में प्रस्तावित विभिन्न रेल परियोजनाओं पर दिए जा रहे प्रस्तुतिकरण के दौरान अधिकारियों ने बताया कि प्रदेश की कोयला खदानों में उत्पादित होने वाले कोयले के परिवहन के लिए मुख्य रूप से इन रेल परियोजनाओं को प्रारंभ किया जा रहा है. अधिकारियों ने बताया कि मुख्य रूप से कोयले की रायल्टी राज्य को प्राप्त होगी.

विकसित होने वाले कोल ब्लाकों से कोयला गुजरात, हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश और राजस्थान जैसे राज्यों को भेजा जाएगा. इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा कोयला हमारे छत्तीसगढ़ के उद्योगों को नहीं मिल पा रहा है. जिसके कारण अनेक उद्योग बंद हो गए हैं. हमारे कोयले से दूसरे राज्यों में उद्योग चलेंगे और हो सकता है हमें फिर अपना ही कोयला खरीदना पड़ेगा.

अधिकारियों को सर्वेक्षण करने के लिए 15 दिनों का दिया समय
मुख्यमंत्री ने कहा कि 'कोयला खदाने घने जंगलों के बीच स्थित हैं कोल ब्लॉक विकसित करने के लिए जंगल उजड़ेंगे. रेल लाइन बनने से लोग भी विस्थापित होंगे. पर्यावरण को बड़ा नुकसान पहुंचेगा. इसकी तुलना में रायल्टी काफी कम मिलेगी.' उन्होंने मुख्य सचिव से कहा कि इन रेल परियोजनाओं और कोल ब्लॉक विकसित करने से पर्यावरण को होने वाली क्षति, जन जीवन पर पड़ने वाले प्रभावों, रोजगार के अवसरों, छत्तीसगढ़ को होने वाले लाभ और जनता के हित के बारे में अगले 15 दिनों में अधिकारियों की टीम बनाकर सर्वेक्षण किया जाए और एजेंडा तय कर बैठक आयोजित की जाए.

बैठक में ईस्ट रेल कारिडोर, ईस्ट वेस्ट रेल कारिडोर, दल्लीराजहरा-रावघाट रेल परियोजना, डोंगरगढ़-खैरागढ़-कवर्धा-मुंगेली-तखतपुर-रतनपुर-बेलतरा-कटघोरा रेल लाईन और खरसिया-नया रायपुर-दुर्ग रेल परियोजनाओं पर प्रस्तुतिकरण दिया गया.

ये मंत्री भी रहे मौजूद
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि वे छत्तीसगढ़ के हितों का ध्यान रखें. प्रदेश के प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग प्रदेश के विकास और स्थानीय लोगों के हित में सुनिश्चित किया जाए. बैठक में कृषि एवं जल संसाधन मंत्री रवीन्द्र चौबे, आवास एवं पर्यावरण मंत्री मोहम्मद अकबर, राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री जयसिंह अग्रवाल, मुख्य सचिव सुनील कुजूर सहित रेल, छत्तीसगढ़ राज्य औद्योगिक विकास निगम, छत्तीसगढ़ रेलवे कार्पोरेशन लिमिटेड और संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे.

रायपुर: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने निवास कार्यालय में आयोजित बैठक में छत्तीसगढ़ में रेल परियोजनाओं और यात्री सुविधाओं की समीक्षा की. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से पूछा कि इन रेल परियोजनाओं से छत्तीसगढ़ को और यहां के लोगों को क्या लाभ मिलेगा. लोगों को क्या यात्री परिवहन की सुविधा भी मिलेगी. कितने लोगों को रोजगार मिलेगा. वहीं सीएम ने कहा कि राज्य के लोगों का हित छत्तीसगढ़ सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है.

बैठक में छत्तीसगढ़ में प्रस्तावित विभिन्न रेल परियोजनाओं पर दिए जा रहे प्रस्तुतिकरण के दौरान अधिकारियों ने बताया कि प्रदेश की कोयला खदानों में उत्पादित होने वाले कोयले के परिवहन के लिए मुख्य रूप से इन रेल परियोजनाओं को प्रारंभ किया जा रहा है. अधिकारियों ने बताया कि मुख्य रूप से कोयले की रायल्टी राज्य को प्राप्त होगी.

विकसित होने वाले कोल ब्लाकों से कोयला गुजरात, हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश और राजस्थान जैसे राज्यों को भेजा जाएगा. इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा कोयला हमारे छत्तीसगढ़ के उद्योगों को नहीं मिल पा रहा है. जिसके कारण अनेक उद्योग बंद हो गए हैं. हमारे कोयले से दूसरे राज्यों में उद्योग चलेंगे और हो सकता है हमें फिर अपना ही कोयला खरीदना पड़ेगा.

अधिकारियों को सर्वेक्षण करने के लिए 15 दिनों का दिया समय
मुख्यमंत्री ने कहा कि 'कोयला खदाने घने जंगलों के बीच स्थित हैं कोल ब्लॉक विकसित करने के लिए जंगल उजड़ेंगे. रेल लाइन बनने से लोग भी विस्थापित होंगे. पर्यावरण को बड़ा नुकसान पहुंचेगा. इसकी तुलना में रायल्टी काफी कम मिलेगी.' उन्होंने मुख्य सचिव से कहा कि इन रेल परियोजनाओं और कोल ब्लॉक विकसित करने से पर्यावरण को होने वाली क्षति, जन जीवन पर पड़ने वाले प्रभावों, रोजगार के अवसरों, छत्तीसगढ़ को होने वाले लाभ और जनता के हित के बारे में अगले 15 दिनों में अधिकारियों की टीम बनाकर सर्वेक्षण किया जाए और एजेंडा तय कर बैठक आयोजित की जाए.

बैठक में ईस्ट रेल कारिडोर, ईस्ट वेस्ट रेल कारिडोर, दल्लीराजहरा-रावघाट रेल परियोजना, डोंगरगढ़-खैरागढ़-कवर्धा-मुंगेली-तखतपुर-रतनपुर-बेलतरा-कटघोरा रेल लाईन और खरसिया-नया रायपुर-दुर्ग रेल परियोजनाओं पर प्रस्तुतिकरण दिया गया.

ये मंत्री भी रहे मौजूद
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि वे छत्तीसगढ़ के हितों का ध्यान रखें. प्रदेश के प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग प्रदेश के विकास और स्थानीय लोगों के हित में सुनिश्चित किया जाए. बैठक में कृषि एवं जल संसाधन मंत्री रवीन्द्र चौबे, आवास एवं पर्यावरण मंत्री मोहम्मद अकबर, राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री जयसिंह अग्रवाल, मुख्य सचिव सुनील कुजूर सहित रेल, छत्तीसगढ़ राज्य औद्योगिक विकास निगम, छत्तीसगढ़ रेलवे कार्पोरेशन लिमिटेड और संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे.

Intro:रायपुर, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि प्रदेश और राज्य के लोगों का हित छत्तीसगढ़ सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। मुख्यमंत्री आज यहां अपने निवास कार्यालय में आयोजित बैठक में छत्तीसगढ़ मंे रेल परियोजनाओं और यात्री सुविधाओं की समीक्षा कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से पूछा कि इन रेल परियोजनाओं से छत्तीसगढ़ को और यहां के लोगों को क्या लाभ मिलेगा। लोगों को क्या यात्री परिवहन की सुविधा भी मिलेगी। कितने लोगों को रोजगार मिलेगा।Body:
बैठक में छत्तीसगढ़ में प्रस्तावित विभिन्न रेल परियोजनाओं पर दिए जा रहे प्रस्तुतिकरण के दौरान अधिकारियों ने बताया कि प्रदेश की कोयला खदानों में उत्पादित होने वाले कोयले के परिवहन के लिए मुख्य रूप से इन रेल परियोजनाओं को प्रारंभ किया जा रहा है। अधिकारियों ने बताया कि मुख्य रूप से कोयले की रायल्टी राज्य को प्राप्त होगी।
विकसित होने वाले कोल ब्लाकों से कोयला गुजरात, हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश और राजस्थान जैसे राज्यों को भेजा जाएगा। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा कोयला हमारे छत्तीसगढ़ के उद्योगों को नहीं मिल पा रहा है। जिसके कारण अनेक उद्योग बंद हो गए हैं। हमारे कोयले से दूसरे राज्यों में उद्योग चलेंगे और हो सकता है हमें फिर अपना ही कोयला खरीदना पड़ेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोयला खदाने घने जंगलों के बीच स्थित हैं कोल ब्लॉक विकसित करने के लिए जंगल उजड़ेंगे। खदानों और रेल लाईन बनने से लोग भी विस्थापित होंगे। पर्यावरण को बड़ा नुकसान पहंुचेगा। इसकी तुलना में रायल्टी काफी कम मिलेगी। उन्होंने मुख्य सचिव से कहा कि इन रेल परियोजनाओं और कोल ब्लॉक विकसित करने से पर्यावरण को होने वाली क्षति, जन जीवन पर पड़ने वाले प्रभावों, रोजगार के अवसरों, छत्तीसगढ़ को होने वाले लाभ और जनता के हित के बारे में अगले 15 दिनों में अधिकारियों की टीम बनाकर सर्वेक्षण किया जाए और एजेंडा तय कर बैठक आयोजित की जाए।
बैठक मंे ईस्ट रेल कारिडोर, ईस्ट वेस्ट रेल कारिडोर, दल्लीराजहरा-रावघाट रेल परियोजना, डोंगरगढ़-खैरागढ़-कवर्धा-मुंगेली-तखतपुर-रतनपुर-बेलतरा-कटघोरा रेल लाईन और खरसिया-नया रायपुर-दुर्ग रेल परियोजनाओं पर प्रस्तुतिकरण दिया गया।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि वे छत्तीसगढ़ के हितों का ध्यान रखें। प्रदेश के प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग प्रदेश के विकास और स्थानीय लोगों के हित में सुनिश्चित किया जाए। बैठक मंे कृषि एवं जल संसाधन मंत्री रवीन्द्र चौबे, आवास एवं पर्यावरण मंत्री मोहम्मद अकबर, राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री जयसिंह अग्रवाल, मुख्य सचिव सुनील कुजूर सहित रेल, छत्तीसगढ़ राज्य औद्योगिक विकास निगम, छत्तीसगढ़ रेलवे कार्पोरेशन लिमिटेड और संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।

मयंक ठाकुर, ईटीवी भारत, रायपुरConclusion:
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