रायपुर: महान रचनाकार गुरु रबींद्रनाथ टैगोर की आज 79वीं पुण्यतिथि है. रबींद्रनाथ टैगोर को गुरुदेव के नाम से भी जाना जाता है. 7 अगस्त 1941 को उन्होंने इस संसार को अलविदा कह दिया था. टैगोर ने कविता, साहित्य, दर्शन, नाटक, संगीत और चित्रकारी समेत कई विधाओं में प्रतिभा का परिचय दिया. इसी कड़ी में छत्तीसगढ़ के मुखिया भूपेश बघेल ने साहित्य नोबेल पुरस्कार से सम्मानित गुरुदेव रबिंद्रनाथ टैगोर की पुण्यतिथी पर ट्वीट नमन किया है.
सीएम का ट्वीट
उन्होंने लिखा है कि कविता, साहित्य, दर्शन, नाटक, संगीत और चित्रकारी सहित बहु विधाओं में प्रतिभाओं के धनी महान रचनाकार एवं साहित्य नोबेल पुरस्कार से सम्मानित गुरुदेव रबिंद्रनाथ टैगोर जी की पुण्यतिथि पर हम सब सादर नमन करते हैं. पूज्य बापू को 'महात्मा' की उपाधि भी रबिंद्रनाथ टैगोर जी ने ही दी थी.
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कविता, साहित्य, दर्शन, नाटक, संगीत और चित्रकारी सहित बहु विधाओं में प्रतिभाओं के धनी महान रचनाकार एवं साहित्य नोबेल पुरस्कार से सम्मानित गुरुदेव रबिंद्रनाथ टैगोर जी की पुण्यतिथि पर हम सब सादर नमन करते हैं।
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पूज्य बापू को "महात्मा" की उपाधि भी रबिंद्रनाथ टैगोर जी ने ही दी थी। pic.twitter.com/mm0SIHySnP
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राष्ट्रगान के रचियता
टैगौर को देश के राष्ट्रगान 'जन गण मन अधिनायक' के रचियता के रूप में भी जाना जाता है. इतना ही नहीं बांग्लादेश का राष्ट्रगान 'आमार सोनार बांग्ला' भी उन्हीं की रचना है. यहां तक कि श्रीलंका के राष्ट्रगान को भी उनकी कविता से प्रेरित माना जाता है. उन्होंने करीब 2 हजार 230 गीतों की रचना की.
टैगोर की कुछ प्रसिद्ध रचनाएं
- रवींद्रनाथ टैगोर की कुछ प्रसिद्ध रचनाएं हैं- हैमांति, काबुलीवाला, क्षुदिता पश्न, मुसलमानिर गोल्पो.
- प्रसिद्ध उपन्यास हैं- चतुरंगा, गोरा, नौकादुबी, जोगजोग, घारे बायर.
- उनकी लिखी गीतांजलि नाम की कविता ने सबसे बड़ी उपलब्धि हासिल की है. ये उनकी आखिरी रचना थी.
- गीतांजलि के लिए उन्हें साल 1913 में नोबेल पुरस्कार भी दिया गया.
- गुरु टैगोर नोबेल पुरस्कार हासिल करने वाले पहले इंडियन थे.