रायपुर: खेलों में उम्दा प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को राजीव गांधी खेल रत्न (Rajiv Gandhi Khel Ratna Award) पुरस्कार दिया जाता है. लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस पुरस्कार का नाम अब हॉकी के जादूगर 'मेजर ध्यानचंद' (Major Dhyan Chand) के नाम पर रखने का फैसला किया है. खेल रत्न पुरस्कार खेल की दुनिया में शानदार उपलब्धि हासिल करने वाले खिलाड़ी को दिया जाता है. लेकिन नाम बदलने पर विपक्ष की ओर से बयानबाजी भी शुरू हो गई है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने खेल रत्न पुरस्कार के नाम परिवर्तन को लेकर पीएम मोदी पर निशाना साधा है.
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मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने हरेली कार्यक्रम के दौरान मीडिया से चर्चा की. सीएम भूपेश ने कहा मेजर ध्यानचंद पूरे हिंदुस्तान के नायक हैं. हॉकी के बड़े खिलाड़ी हैं. वह आइकॉन रहे हैं, सब उन से प्रेरणा लेते हैं. प्रधानमंत्री को यदि कोई घोषणा करनी थी तो उनके नाम से बड़ी घोषणा करनी थी. पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के नाम से जो खेल रत्न पुरस्कार का नाम था उसे बदला गया है. यह उन्होंने ओछी मानसिकता का परिचय दिया है.
सीएम ने कहा कि यदि उनके नाम से घोषणा करनी थी तो कौन उन्हें रोक रहा है. लेकिन पहले से जो खेल रत्न पुरस्कार दिया जा रहा था. उस पुरस्कार का नाम बदला जाना ओछी मानसिकता को दिखाता है.
क्या है पुरस्कार
राजीव गांधी खेल रत्न (Rajiv Gandhi Khel Ratna) पुरस्कार दिए जाने की शुरुआत साल 1991 में हुई थी. पुरस्कार किसी खिलाड़ी के पूरे साल में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए दिया जाता है. भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के नाम पर गत लगभग तीन दशकों से दिया जा रहा राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार अब मेजर ध्यान चंद के नाम से जाना जाएगा. अभी तक खेल रत्न अवॉर्ड के विजेता को सम्मान में एक पदक, एक प्रमाण पत्र और नकद पुरस्कार मिलता आ रहा है.
युवा कार्यक्रम और खेल मंत्रालय की ओर से गठित एक समिति खेल रत्न अवॉर्ड के संबंध में फैसला लेती है. खिलाड़ियों की सफलताओं का सम्मान और भविष्य में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने के लिए प्रोत्साहन स्वरूप हर साल राजीव गांधी खेल रत्न सम्मान दिया जाता है.