रायपुर: निकाय चुनाव से जुड़ी बड़ी खबर है. मध्यप्रदेश की तर्ज पर अब छत्तीसगढ़ भी नगरीय निकाय चुनाव एक्ट में बदलाव लाने की तैयारी में है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि महापौर का चुनाव पार्षदों से कराने में कोई बुराई नहीं है. जिससे ये साफ हो गया है कि सरकार चाहती है कि प्रदेश में महापौर का चुनाव अप्रत्यक्ष प्रणाली से हो. यानी कि छत्तीसगढ़ में मेयर का चुनाव पार्षद करें.
सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि इसके लिए उपसमिति बना दी गई है, कैबिनेट में ये फैसला लिया जाएगा. इस समिति में रविन्द्र चौबे, मोहम्मद अकबर और शिव डहेरिया शामिल हैं. सीएम ने कहा कि वैसे भी जिला पंचायत का चुनाव अप्रत्यक्ष तरीके से किया जाता है, यहां भी वैसा ही किया जाए तो कोई बुराई नहीं है.
मध्य प्रदेश में पहले ही हो चुका है बदलाव
मध्य प्रदेश ने पहले ही नगरीय निकाय एक्ट में बदलाव कर दिया है. एमपी में हुए बदलाव के बाद छत्तीसगढ़ में इस तरह की सुगबुगाहट तेज हो गई थी. ETV भारत ने इससे जुड़ी खबर आप तक सबसे पहले पहुंचाई थी. महासमुंद में सीएम ने इस बात का खंडन भी किया था. लेकिन अब उनके बयान से साफ है कि राज्य में मेयर का चुनाव पार्षद कर सकते हैं.
- प्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव में महापौर अध्यक्षों का चुनाव अप्रत्यक्ष प्रणाली से होगा और इन दोनों को जनता ना चुनकर पार्षद चुनेंगे.
- मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पहले लोकतंत्र का सम्मान करने और पब्लिक वोटिंग से ही चुनाव कराने का दावा किया था.
- इस पर पहले सीएम ने कहा था कि इस तरह का कोई मामला नहीं है. संयुक्त मध्यप्रदेश के समय दिग्विजय सिंह सरकार ने प्रत्यक्ष प्रणाली को लागू कराया था, उस वक्त भूपेश बघेल, रविन्द्र चौबे, सत्यनाराण शर्मा चरणदास महंत सराकर में थे. अब उस फैसले को बदलने का संकेत है.
- नगर निगम व नगर पालिका के चुनाव को लेकर लगातार कई तरह की अटकलें लगाई जा रही थी कि इस बार पार्षद नगर पालिका अध्यक्ष और महापौर चुनेंगे.
ETV भारत ने ये खबर पहले ही आप तक पहुंचाई थी कि छत्तीसगढ़ में भी मध्य प्रदेश की तर्ज पर पार्षद मेयर का चुनाव कर सकते हैं. विपक्ष दलों भारतीय जनता पार्टी और जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) ने इसका विरोध किया था.