रायपुर: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने निवास कार्यालय में एक बैठक आयोजित की, जिसमें छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत वितरण कंपनी और क्रेडा के कार्यों की विस्तार से समीक्षा की गई. सीएम ने क्रेडा के अधिकारियों से कहा कि, पहुंच विहीन और दुर्गम इलाकों में सोलर के जरिए बिजली की व्यवस्था की जाए और नदी किनारे जहां विद्युत लाइन नहीं है, उन स्थानों पर सोलर पंप किसानों को दिया जाए.
सीएम बघेल ने कहा कि, जिन स्थानों पर पानी में हैवी मेटल या खारे पानी की शिकायत है. वहां सतही जल (सरफेस वाटर) के माध्यम से जल आपूर्ति की व्यवस्था की जाए. मुख्यमंत्री ने गरियाबंद के सुपेबेड़ा सहित बेमेतरा, बालोद, धमधा, साजा और नवागढ़ में खारे पानी की शिकायत के कारण सरफेस वॉटर का उपयोग कर जल आपूर्ति के लिए योजना बनाने के निर्देश दिए हैं.
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सीएम ने की योजना की समीक्षा
सीएम ने विद्युत कंपनियों की विभिन्न योजनाओं और सीएसआर मद के कार्यों की समीक्षा की है. मुख्यमंत्री ने निजी विद्युत संयंत्रों से वेरिएबल कास्ट पर मिलने वाली बिजली की समीक्षा करते हुए कहा कि निर्धारित मात्रा में विद्युत प्रदान नहीं करने वाले संयंत्र को नोटिस जारी की जाए. बैठक में सोलर पेयजल योजना, सौभाग्य योजना, सौर सुजला योजना, सोलर कोल्ड स्टोरेज, शासकीय भवनों का सौर उर्जीकरण, सोलर विद्युत संयंत्र आदि योजनाओं की समीक्षा की गई.
3.25 लाख परिवारों को उपलब्ध कराया जाएगा पेयजल
बैठक में क्रेडा के अधिकारियों ने बताया कि सौर सुजला योजना के तहत अब तक 78 हजार 730 पंप स्थापित किए गए हैं. इससे 2 लाख 46 हजार एकड़ में सिंचाई सुविधा मिल रही है. साल 2020-21 में 20 हजार सोलर पंप स्थापित करने का लक्ष्य है. इससे लगभग 50 हजार एकड़ में सिंचाई हो सकेगी. सामुदायिक सिंचाई के 40 प्रोजेक्टों में 3 हजार 450 एकड़ में सिंचाई की सुविधा उपलब्ध हुई है. प्रदेश में 5 हजार 998 गांवों और बसाहटों में 11 हजार 459 सोलर पेयजल पंपों के माध्यम से 3.25 लाख परिवारों को पेयजल उपलब्ध कराया जा रहा है. इसी प्रकार 281 सोलर जल शुद्धिकरण संयंत्र स्थापित किए गए हैं.