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गोधन न्याय योजना: 51,286 गोबर विक्रेताओं को 6.18 करोड़ का ऑनलाइन भुगतान, सीएम ने कृषकों से की पैरादान करने की अपील

गोधन न्याय योजना के तहत सीएम भूपेश बघेल ने 51 हजार से ज्यादा पशुपालक हितग्राहियों को गोबर खरीदी की राशि का ऑनलाइन भुगतान किया है.

Bhupesh Baghel released the installment of Gowdhan Nyay Yojana
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल
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Published : Nov 20, 2020, 10:59 PM IST

रायपुर: सीएम भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ गोधन न्याय योजना के तहत 51 हजार 286 पशुपालक हितग्राहियों को गोबर खरीदी में 6 करोड़ 18 लाख रुपए की राशि का ऑनलाइन भुगतान किया. राज्य में अबतक 1 लाख 32 हजार गोबर विक्रेताओं को 53 करोड़ 53 लाख रूपए की राशि का भुगतान हो चुका है.

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जारी की गोधन न्याय योजना की किश्त

ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मिली मजबूती

सीएम ने कहा है कि प्रदेश की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने में गोधन न्याय योजना अहम साबित हो रही है. यही वजह है कि सभी वर्ग के लोग इस योजना में खास रूचि दिखा रहे हैं और वे इससे जुड़कर तेजी से कमाई भी कर रहे हैं.

'हर गौठान को सक्रिय कर बनाएं स्वावलंबी'

सीएम भूपेश बघेल ने राज्य के सभी गोठानों को सक्रिय कर स्वावलंबी बनाने के लिए विशेष जोर दिया. उन्होंने कहा कि इसके लिए गोठानों की समितियों सहित स्व-सहायता समूहों को कृषि महाविद्यालय और कृषि विज्ञान केन्द्रों से भी जोड़कर और अधिक सक्रिय और गतिशील बनाया जाए. गौठानों के स्वावलंबी होने पर उन्हें शासन से राशि की जरूरत नहीं होगी और वे अपनी गतिविधियों का समय पर संचालन कर ज्यादा से ज्यादा आय कर पाएंगे.

किसानों से पैरादान करने की अपील

मुख्यमंत्री ने इस दौरान गौठानों में मवेशियों के चारा की पर्याप्त उपलब्धता के लिए पशुपालक कृषकों से पैरादान करने की अपील भी की. उन्होंने गौठानों में गोबर की आवक और मवेशियों की संख्या के अनुपात में पर्याप्त मात्रा में वर्मी कम्पोस्ट टाके के निर्माण के लिए भी विशेष जोर दिया. उन्होंने कहा कि गोबर की आवक की हिसाब से बड़े-बड़े गांव के गौठानों और प्रत्येक नगर निगम क्षेत्र में गोबर गैस संयंत्र की स्थापना भी की जाए.

पढे़ं: रायपुर: विद्या मितान संघ ने सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा, शनिवार को सीएम हाउस का घेराव करने की तैयारी

स्वावलंबी गौठानों की सराहना

मुख्यमंत्री ने राज्य में अब तक स्वावलंबी बन चुके 43 गौठानों की भी सराहना की और इसके लिए संबंधित गौठानों को बधाई और शुभकामनाएं दीं. इनमें सरगुजा जिले में 28 गौठान, दक्षिण बस्तर (दंतेवाड़ा) जिले में 6 गौठान, बालोद जिले में 5 गौठान और सूरजपुर, कबीरधाम जिले में 2-2 गौठान शामिल है.

वहीं कृषि एवं जल संसाधन मंत्री रविन्द्र चौबे ने गोधन न्याय योजना को ग्रामीणों के लिए महत्वपूर्ण बताया और कहा कि ग्रामीणों को योजना की शुरूआत से ही काफी लाभ मिल रहा है.

दिल्ली तक चर्चा

पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा कि ‘गोधन न्याय योजना’ की चर्चा अब देश की राजधानी दिल्ली तक होने लगी है. लोक निर्माण मंत्री ताम्रध्वज साहू ने कहा कि गोधन न्याय योजना से राज्य में पशुपालन को बढ़ावा मिला है और ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के नये अवसर उपलब्ध हुए हैं.

अबतक 6 हजार 430 गौठान

राज्य में गोधन न्याय योजना के तहत अब तक 6 हजार 430 गौठान बनाए गए हैं. इसमें से सक्रिय गौठानों की संख्या 3 हजार 726 है. अब तक 26 लाख 76 हजार क्विंटल गोबर की खरीदी की गई है, जिसमें पशुपालकों को 53 करोड़ 53 लाख रूपए की राशि का भुगतान किया जा चुका है.

रायपुर: सीएम भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ गोधन न्याय योजना के तहत 51 हजार 286 पशुपालक हितग्राहियों को गोबर खरीदी में 6 करोड़ 18 लाख रुपए की राशि का ऑनलाइन भुगतान किया. राज्य में अबतक 1 लाख 32 हजार गोबर विक्रेताओं को 53 करोड़ 53 लाख रूपए की राशि का भुगतान हो चुका है.

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जारी की गोधन न्याय योजना की किश्त

ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मिली मजबूती

सीएम ने कहा है कि प्रदेश की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने में गोधन न्याय योजना अहम साबित हो रही है. यही वजह है कि सभी वर्ग के लोग इस योजना में खास रूचि दिखा रहे हैं और वे इससे जुड़कर तेजी से कमाई भी कर रहे हैं.

'हर गौठान को सक्रिय कर बनाएं स्वावलंबी'

सीएम भूपेश बघेल ने राज्य के सभी गोठानों को सक्रिय कर स्वावलंबी बनाने के लिए विशेष जोर दिया. उन्होंने कहा कि इसके लिए गोठानों की समितियों सहित स्व-सहायता समूहों को कृषि महाविद्यालय और कृषि विज्ञान केन्द्रों से भी जोड़कर और अधिक सक्रिय और गतिशील बनाया जाए. गौठानों के स्वावलंबी होने पर उन्हें शासन से राशि की जरूरत नहीं होगी और वे अपनी गतिविधियों का समय पर संचालन कर ज्यादा से ज्यादा आय कर पाएंगे.

किसानों से पैरादान करने की अपील

मुख्यमंत्री ने इस दौरान गौठानों में मवेशियों के चारा की पर्याप्त उपलब्धता के लिए पशुपालक कृषकों से पैरादान करने की अपील भी की. उन्होंने गौठानों में गोबर की आवक और मवेशियों की संख्या के अनुपात में पर्याप्त मात्रा में वर्मी कम्पोस्ट टाके के निर्माण के लिए भी विशेष जोर दिया. उन्होंने कहा कि गोबर की आवक की हिसाब से बड़े-बड़े गांव के गौठानों और प्रत्येक नगर निगम क्षेत्र में गोबर गैस संयंत्र की स्थापना भी की जाए.

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स्वावलंबी गौठानों की सराहना

मुख्यमंत्री ने राज्य में अब तक स्वावलंबी बन चुके 43 गौठानों की भी सराहना की और इसके लिए संबंधित गौठानों को बधाई और शुभकामनाएं दीं. इनमें सरगुजा जिले में 28 गौठान, दक्षिण बस्तर (दंतेवाड़ा) जिले में 6 गौठान, बालोद जिले में 5 गौठान और सूरजपुर, कबीरधाम जिले में 2-2 गौठान शामिल है.

वहीं कृषि एवं जल संसाधन मंत्री रविन्द्र चौबे ने गोधन न्याय योजना को ग्रामीणों के लिए महत्वपूर्ण बताया और कहा कि ग्रामीणों को योजना की शुरूआत से ही काफी लाभ मिल रहा है.

दिल्ली तक चर्चा

पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा कि ‘गोधन न्याय योजना’ की चर्चा अब देश की राजधानी दिल्ली तक होने लगी है. लोक निर्माण मंत्री ताम्रध्वज साहू ने कहा कि गोधन न्याय योजना से राज्य में पशुपालन को बढ़ावा मिला है और ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के नये अवसर उपलब्ध हुए हैं.

अबतक 6 हजार 430 गौठान

राज्य में गोधन न्याय योजना के तहत अब तक 6 हजार 430 गौठान बनाए गए हैं. इसमें से सक्रिय गौठानों की संख्या 3 हजार 726 है. अब तक 26 लाख 76 हजार क्विंटल गोबर की खरीदी की गई है, जिसमें पशुपालकों को 53 करोड़ 53 लाख रूपए की राशि का भुगतान किया जा चुका है.

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