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'छत्तीसगढ़ के स्कूलों में होना चाहिए आध्यात्म और नैतिकता का भी अध्ययन' - जैनम मानस भवन में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल

रायपुर के जैनम मानस भवन में आचार्य महाश्रमण मर्यादा से मिलने सीएम बघेल पहुंचे. संत ने कहा कि छत्तीसगढ़ के स्कूलों में आध्यात्म और नैतिकता का भी अध्ययन होना चाहिए.

CM BHUPESH Baghel met Acharya MahaSHRAMAN Maryada IN RAIPUR
आचार्य महाश्रमण मर्यादा से मिले सीएम भूपेश बघेल
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Published : Feb 15, 2021, 5:28 PM IST

रायपुर: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जैनम मानस भवन में आयोजित आचार्य महाश्रमण मर्यादा महोत्सव में शामिल हुए. उन्होंने महोत्सव में अहिंसा यात्रा के प्रणेता आचार्य महाश्रमण जी के दर्शन कर उनसे प्रदेश में शांति, समृद्धि और खुशहाली का आशीर्वाद लिया.

CM BHUPESH Baghel met Acharya MahaSHRAMAN Maryada IN RAIPUR
आचार्य महाश्रमण मर्यादा से मिले सीएम भूपेश बघेल

साधु और साध्वियों का छत्तीसगढ़ में स्वागत

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि यह हमारा परम सौभाग्य है कि आचार्य महाश्रमण जी के चरण छत्तीसगढ़ की धरती पर पड़े. उन्होंने आचार्य महाश्रमण जी सहित अहिंसा यात्रा में उनके साथ आए साधु और साध्वियों का छत्तीसगढ़ की जनता की ओर स्वागत करते हुए कहा कि आचार्य जी अपनी इस यात्रा के दौरान सद्भावना, नैतिकता और नशामुक्ति का संदेश दे रहे हैं. आचार्य जी ने नेपाल, भूटान और भारत के 19 राज्यों की यात्रा करते हुए छत्तीसगढ़ की धरती पर कदम रखा है. आचार्य जी ने अपने जीवन में 50 हजार किलोमीटर की पद यात्रा पूरी की है.

आचार्य महाश्रमण मर्यादा से मिले सीएम भूपेश बघेल

सीएम बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ को सदैव आचार्य महाश्रमण जी जैसे महात्माओं ने संस्कारित किया है. छत्तीसगढ़ की संस्कृति में परस्पर समन्वय, सद्भाव और भाईचारे की भावना विद्यमान रही है. यहां का समाज शांति और अहिंसा का पक्षधर रहा है. आपके संदेश हमें सचेत करते रहेंगे कि बदलते हुए परिवेश में हमें अपने सदगुणों को और भी अधिक मजबूती के साथ धारण करना होगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ शांति का टापू कहलाता है. लेकिन विगत कुछ वर्षाें से हमारे यहां नक्सल घटनाएं घटित हुई है.

'छत्तीसगढ़ के स्कूलों में होना चाहिए आध्यात्म और नैतिकता का अध्ययन'

आचार्य महाश्रमण जी ने इस अवसर पर कहा कि अहिंसा यात्रा का यह सातवां वर्ष है. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में शांति रहे, यहां भौतिक विकास के साथ-साथ लोगों का नैतिक और आध्यात्मिक विकास भी होता रहे. शिक्षा संस्थानों में अध्यात्म और नैतिकता जैसे विषयों का अध्ययन चलते रहना चाहिए. जिससे विद्यार्थियों के शारीरिक विकास के साथ उनका बौद्धिक, भावनात्मक और मानसिक विकास भी हो. उनमें ईमानदारी जैसे सदगुण रहें. ये विद्यार्थी आगे चलकर देश के अच्छे नागरिक साबित होंगे.

11 महीने बाद खुले स्कूल, पहले दिन ऐसा दिखा नजारा

इस मौके पर संसदीय सचिव रेखचंद जैन, विधायक सत्यनारायण शर्मा, छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण एवं अन्य पिछड़ा वर्ग विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष और डोंगरगांव के विधायक दलेश्वर साहू, छत्तीसगढ़ राज्य गृह निर्माण मण्डल के अध्यक्ष कुलदीप जुनेजा, रायपुर के महापौर एजाज ढेबर, आचार्य महाश्रमण मर्यादा महोत्सव व्यवस्था समिति के अध्यक्ष महेन्द्र कुमार धाड़ीवाल सहित श्रद्धालु बड़ी संख्या में उपस्थित थे.

रायपुर: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जैनम मानस भवन में आयोजित आचार्य महाश्रमण मर्यादा महोत्सव में शामिल हुए. उन्होंने महोत्सव में अहिंसा यात्रा के प्रणेता आचार्य महाश्रमण जी के दर्शन कर उनसे प्रदेश में शांति, समृद्धि और खुशहाली का आशीर्वाद लिया.

CM BHUPESH Baghel met Acharya MahaSHRAMAN Maryada IN RAIPUR
आचार्य महाश्रमण मर्यादा से मिले सीएम भूपेश बघेल

साधु और साध्वियों का छत्तीसगढ़ में स्वागत

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि यह हमारा परम सौभाग्य है कि आचार्य महाश्रमण जी के चरण छत्तीसगढ़ की धरती पर पड़े. उन्होंने आचार्य महाश्रमण जी सहित अहिंसा यात्रा में उनके साथ आए साधु और साध्वियों का छत्तीसगढ़ की जनता की ओर स्वागत करते हुए कहा कि आचार्य जी अपनी इस यात्रा के दौरान सद्भावना, नैतिकता और नशामुक्ति का संदेश दे रहे हैं. आचार्य जी ने नेपाल, भूटान और भारत के 19 राज्यों की यात्रा करते हुए छत्तीसगढ़ की धरती पर कदम रखा है. आचार्य जी ने अपने जीवन में 50 हजार किलोमीटर की पद यात्रा पूरी की है.

आचार्य महाश्रमण मर्यादा से मिले सीएम भूपेश बघेल

सीएम बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ को सदैव आचार्य महाश्रमण जी जैसे महात्माओं ने संस्कारित किया है. छत्तीसगढ़ की संस्कृति में परस्पर समन्वय, सद्भाव और भाईचारे की भावना विद्यमान रही है. यहां का समाज शांति और अहिंसा का पक्षधर रहा है. आपके संदेश हमें सचेत करते रहेंगे कि बदलते हुए परिवेश में हमें अपने सदगुणों को और भी अधिक मजबूती के साथ धारण करना होगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ शांति का टापू कहलाता है. लेकिन विगत कुछ वर्षाें से हमारे यहां नक्सल घटनाएं घटित हुई है.

'छत्तीसगढ़ के स्कूलों में होना चाहिए आध्यात्म और नैतिकता का अध्ययन'

आचार्य महाश्रमण जी ने इस अवसर पर कहा कि अहिंसा यात्रा का यह सातवां वर्ष है. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में शांति रहे, यहां भौतिक विकास के साथ-साथ लोगों का नैतिक और आध्यात्मिक विकास भी होता रहे. शिक्षा संस्थानों में अध्यात्म और नैतिकता जैसे विषयों का अध्ययन चलते रहना चाहिए. जिससे विद्यार्थियों के शारीरिक विकास के साथ उनका बौद्धिक, भावनात्मक और मानसिक विकास भी हो. उनमें ईमानदारी जैसे सदगुण रहें. ये विद्यार्थी आगे चलकर देश के अच्छे नागरिक साबित होंगे.

11 महीने बाद खुले स्कूल, पहले दिन ऐसा दिखा नजारा

इस मौके पर संसदीय सचिव रेखचंद जैन, विधायक सत्यनारायण शर्मा, छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण एवं अन्य पिछड़ा वर्ग विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष और डोंगरगांव के विधायक दलेश्वर साहू, छत्तीसगढ़ राज्य गृह निर्माण मण्डल के अध्यक्ष कुलदीप जुनेजा, रायपुर के महापौर एजाज ढेबर, आचार्य महाश्रमण मर्यादा महोत्सव व्यवस्था समिति के अध्यक्ष महेन्द्र कुमार धाड़ीवाल सहित श्रद्धालु बड़ी संख्या में उपस्थित थे.

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