रायपुर: असम विधानसभा चुनाव (assam election 2021) में बीजेपी एक बार फिर एकतरफा जीत दर्ज करती नजर आ रही है. बीजेपी गठबंधन पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में वापसी कर रहा है. जबकि कांग्रेस जबकि कांग्रेस गठबंधन एक बार फिर अपने पुराने आंकड़े पर सिमटता दिख रहा है. असम विधानसभा चुनाव की कुल 126 सीटों पर चुनाव हुए हैं. बीजेपी गठबंधन 75 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है. वहीं कांग्रेस 49 सीटें मिलती हुई दिखाई दे रही है. वहीं अन्य के खाते में 2 सीटें मिलती नजर आ रही है.
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असम चुनाव में हार से छत्तीसगढ़ कांग्रेस को निराशा
असम चुनाव में हार से छत्तीसगढ़ कांग्रेस (chhattisgarh congress) को निराशा हाथ लगी है. दरअसल, इस चुनाव की कमान सीएम भूपेश बघेल (cm Bhupesh Baghel) के पास थी. सीएम भूपेश बघेल ने अपने चुनावी प्रचार के दौरान 38 जनसभाओं को संबोधित किया था. उनमें से 11 ही सीटें कांग्रेस के पक्ष में दिखाई दे रही है. हालांकि चुनाव से पहले सीएम भूपेश बघेल असम में 100 से ज्यादा सीट जीतने के दावे मीडिया के सामने करते थे. असम चुनाव में हार को लेकर विपक्षी दलों ने सीएम भूपेश बघेल पर निशाना साधा है.
सीएम भूपेश बघेल थे चुनाव प्रबंधक
असम चुनाव में जीत लेकर कांग्रेस को काफी उम्मीदें थीं. असम में चुनाव प्रचार की जिम्मेदारी छत्तीसगढ़ सीएम भूपेश बघेल को सौंपी गई थी. सीएम भूपेश बघेल को चुनावी पर्यवेक्षक और चुनाव प्रबंधक बनाया गया था. वहीं कांग्रेस विधायक विकास उपाध्याय को राष्ट्रीय सचिव बनाकर असम का सह प्रभारी बनाया गया था. जवाबदारी मिलते ही सीएम भूपेश बघेल अपने मंत्रियों, विधायकों, नेताओं समेत 700 कार्यकर्ताओं की एक लंबी फौज लेकर चुनाव के पहले से ही असम में डेरा जमाए हुए थे.
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असम चुनाव में CM भूपेश समेत छत्तीसगढ़ कांग्रेस के नेताओं ने झोंकी ताकत
सीएम ने 38 जनसभाओं को किया था संबोधित
बीजेपी के इस नए गढ़ को भेदने के लिए छत्तीसगढ़ कांग्रेस ने अपनी रणनीति का इस्तेमाल किया. लेकिन कांग्रेस गठबंधन को बहुमत के करीब भी नहीं पहुंचा पाए. चुनाव की कमान मिलने के बाद सीएम भूपेश बघेल पहली बार 18 जनवरी 2021 को असम पहुंचे. 4 अप्रैल को असम में चुनाव प्रचार समाप्त होने तक बघेल ने ऊपरी असम, डिब्रूगढ़, बराक घाटी, गुवाहटी वेस्ट, धर्मापुर , बारपेटा, दिसपुर समेत 38 सीटों पर जनसभाओं को संबोधित किया था. लेकिन नतीजों में उनमें से 11 ही सीटें ही कांग्रेस के पक्ष में दिखाई दे रही है.
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बूथ प्रबंधन पर दिया था विशेष जोर
चाईगांव, चेंगा, अभयपुरी में हिंदी भाषी नेता का बड़ी सभाओं को संबोधित करना साधारण नहीं था. हालांकि बघेल यहां जनता से जुड़ने के लिए अक्सर असमिया भाषा में छोटे वाक्यांशों का उपयोग कर रहे थे. बघेल के असम अभियान में लगभग 700 राजनीतिक कार्यकर्ताओं की उपस्थिति भी रही. 126 विधानसभा सीटों में से 116 में बूथ-स्तरीय प्रशिक्षण और अभिविन्यास कार्यक्रम आयोजित किए गए थे. जहां स्थानीय पार्टी कार्यकर्ताओं को बूथ प्रबंधन, सोशल मीडिया, टॉकिंग पॉइंट, सहयोगियों के साथ समन्वय और अन्य मुद्दों की एक श्रृंखला में प्रशिक्षित किया गया था.
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काम नहीं आई रणनीति
असम चुनाव में कांग्रेस का फोकस अपर और मिडिल असम पर था. जहां चाय बागानों के आसपास छत्तीसगढ़िया मूल के लाखों लोग रहते हैं. चाय मजदूरों, CAA-NRC विरोधी आंदोलन और स्थानीयतावाद और क्षेत्रीय दलों के साथ गठबंधन के साथ कांग्रेस का सत्ता में वापसी की उम्मीद थी, लेकिन यह पूरी नहीं हो पाई.
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ये थे बघेल के रणनीतिकार
बघेल के राजनीतिक सचिव विनोद वर्मा, मीडिया सचिव रुचिर गर्ग और एआईसीसी सचिव राजेश तिवारी ने राज्य में कांग्रेस की लड़ाई में दिन रात एक किया. वहीं संसदीय सचिव विकास उपाध्याय भी अपनी टीम के साथ चुनाव अभियान में पूरे समय मौजूद रहे. असम के चाय बगानों में काम करने वाले छत्तीसगढ़ी मूल के मतदाताओं को साधने के लिए 55 कलाकारों की सांस्कृतिक टोली भी दिन रात लोगों का मनोरंजन कर रही थी. बावजूद इसके असम की सत्ता पर काबिज होने में कांग्रेस नाकाम रही.
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विपक्षी दलों ने सीएम भूपेश पर साधा निशाना
असम चुनाव में कांग्रेस की हार को लेकर विपक्षी दलों ने सीएम भूपेश बघेल पर निशाना साधा है. पूर्व सीएम रमन सिंह ने ट्वीट कर कहा है कि 'मैंने पहले ही कहा था कि जहाँ-जहाँ चुनाव प्रचार के लिए जाते हैं, वहां कांग्रेस जरूर हारती है. बिहार, यूपी (अमेठी) के बाद असम में भी यह बात एक बार फिर साबित हुई. कांग्रेस के झूठे वादे और झूठी गारंटियों को भी जनता ने नकार दिया'
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अमित जोगी ने घेरा
जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जोगी) के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी ने असम चुनाव के नतीजों पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को जमकर घेरा है. अमित जोगी ने ट्वीट करते हुए लिखा है, अमेठी के बाद असम की कमान संभालने वाले छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने फिर से सिद्ध कर दिया है वे जहां भी जाते हैं कांग्रेस हार जाती है. अमित जोगी ने एक दोहा भी लिखा है, 'जहँ-जहँ पाँव पड़े सन्तन के तहँ-तहँ होवै बन्टाधार!'. अमित जोगी ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर छत्तीसगढ़ के संसाधन के दूसरे राज्य में चुनाव में खर्च करने पर करारा हमला बोला है. जूनियर जोगी ने कहा कि अपना राष्ट्रीय कद बनाने की असंभव महत्वकांक्षा को पूरा करने के लिए प्रदेश के सीमित संसाधनों को अन्य राज्यों में फूंकना भूपेश बघेल बंद कर दें.
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असम की जनता ने कांग्रेस को सिरे से नकार दिया
छत्तीसगढ़ बीजेपी प्रवक्ता संजय श्रीवास्तव ट्वीट कर कहा कि सीएम भूपेश बघेल चुनाव प्रचार करने पहले बिहार गए और फिर असम. दोनों जगहों पर कांग्रेस का बुरा हाल हुआ. छत्तीसगढ़ की जनता से तो झूठे वादे कर सत्ता में आ गए लेकिन असम की जनता ने दूध का दूध और पानी का पानी कर दिया. श्रीवास्तव ने कहा कि चाहे बंगाल हो या असम जनता ने कांग्रेस को सिरे से नकार दिया है.