रायपुर: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सोमवार को अपने निवास कार्यालय से हाईवे पेट्रोलिंग के लिए 15 वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया है. इस अवसर पर मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि नागरिकों को इससे सुगम, सुरक्षित और निर्बाध आवागमन की सुविधा मिलेगी. साथ ही सड़क दुर्घटना के पीड़ितों को भी तत्काल राहत और सहायता मिल सकेगी. सीएम ने कहा कि शासन दुर्घटनाओं को नियंत्रित करने के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा कि दुर्घटनाजन्य स्थलों की पहचान कर हाईवे पेट्रोलिंग वाहनों को वहां लगाया जाएगा, जिसके माध्यम से घायलों को जल्द मदद मिल सकेगी.
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दस जिलों बलौदाबाजार, धमतरी, बालोद, बेमेतरा, कोरिया, जशपुर, सूरजपुर, बलरामपुर, कांकेर और कोंडागांव के लिए 15 हाईवे पेट्रोलिंग वाहनों को रवाना किया है. इस दौरान गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू, पुलिस महानिदेशक डी.एम. अवस्थी, पुलिस महानिदेशक जेल संजय पिल्ले, विशेष पुलिस महानिदेशक आर के विज और अशोक जुनेजा सहित पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे.
राजमार्गों पर ब्लैक स्पॉट के आधार पर 15 सड़क खंड चिन्हित
दस जिलों के राजमार्गों पर ब्लैक स्पॉट के आधार पर 15 सड़क खंड चिन्हित किए गए हैं, जिनकी लंबाई करीब 25 किलोमीटर है. इस मार्ग पर 24 घंटे तीन पालियों में ASI, हेड कॉन्सटेबल, कॉन्सटेबल और ड्राइवर उपलब्ध रहेंगे. हाईवे पेट्रोलिंग टीम सड़क दुर्घटना होने पर तत्काल घटना स्थल पर पहुंचेगी और दुर्घटना पीड़ित को 108 वाहन या हाईवे पेट्रोलिंग वाहन से तत्काल नजदीकी शासकीय अस्पताल के लिए रवाना करेगी. इसके साथ ही दुर्घटना पीड़ित व्यक्तियों के परिजनों को तुरंत सूचना दी जाएगी. वहीं टीम द्वारा हाईवे के किनारे खड़े खराब, दुर्घटनाग्रस्त, अवैध पार्किंग के वाहनों को हटवाया जाएगा. हाईवे पेट्रोलिंग के संचालन और नियंत्रण पर संबंधित पुलिस अधीक्षक का पूरा दायित्व होगा.
इस संसाधनों से लैस हैं हाईवे पट्रोलिंग वाहन
हाईवे पेट्रोलिंग वाहन सभी अतिआधुनिक और तकनीकी संसाधनों से लैस हैं. इन वाहनों में GPS सिस्टम, ब्रीथ एनालाइजर(एल्कोमीटर), स्मार्ट फोन, रिफ्लेक्टर जैकेट, रेनकोट, LED बटन, LED लाइट, P.A. सिस्टम और सायरन, वायरलेस सेट, डिजिटल कैमरा, फर्स्ट एड बॉक्स, अग्नि शमन यंत्र, सर्ट लाइट, टूल किट (टोइंग के लिए) और स्ट्रैचर की सुविधा उपलब्ध है.
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बता दे किं वर्तमान में वाघनदी बॉर्डर से ओडिशा बॉर्डर तक 322 किमी तक 15 हाईवे पेट्रोलिंग गाड़ियां चल रही है. इससे सड़क दुर्घटनाओं और घायलों को समय पर इलाज मिलने में बहुत ज्याद मदद मिली है. नई 15 हाईवे पेट्रोलिंग गाड़ियों के लिए यातायात पुलिस और अंतर्विभागीय समिति द्वारा नये 15 सड़क खण्डों में उन दुर्घटनाजन्य स्थलों को चिह्नित किया गया है, जहां डायल 112 की गाड़ियां नहीं चल रही हैं AIG यातायात संजय शर्मा ने बताया कि हाईवे पेट्रोलिंग गाड़ियों की त्वरित प्रतिक्रिया की वजह से बीते साल की तुलना में सड़क दुर्घटनाओं के मृतकों और प्रभावितों में कमी आई है.