रायपुर : राजधानी के पुलिस परेड ग्राउंड में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ध्वजारोहण किया. इस दौरान उन्होंने प्रदेश की जनता को संबोधित भी किया. सीएम ने अपने संबोधन में कई बड़ी बातें कहीं, जिनमें नया जिला बनाने, एलिफेंट रिजर्व बनाने जैसी घोषणा शामिल हैं.
सीएम बघेल की बड़ी बातें.
गौठन समितियों को दिए जाएंगे 10 हजार रुपए
संबोधन के दौरान सीएम ने कहा कि, 'गौठान की सुचारू व्यवस्था के लिए निश्चित तौर पर समाज की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी. हमारी सरकार की तरफ से गौठान समितियों को प्रतिमाह 10 हजार रुपए की सहायता दी जाएगी, जिससे गौठान में काम करने वाले चरवाहों को मानदेय देने सहित अन्य इंतजाम किए जाएंगे'.
आरक्षण को लेकर बड़ी घोषणा
सीएम ने दूसरी बड़ी घोषणा करते हुए कहा कि, 'मुझे ये कहते हुए बहुत खुशी है कि हमारे प्रदेश की अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति तथा अन्य पिछड़ा वर्ग तबका काफी शांतिप्रिय ढंग से अपने अधिकारों की बात करता रहा है. उनके संविधान सम्मत अधिकारों की रक्षा करना हमारा कर्तव्य है. इस दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए आज मैं ये घोषणा करता हूं कि अब प्रदेश निवासी अनुसूचित जनजाति को 32 प्रतिशत, अनुसूचित जाति को 13 प्रतिशत तथा अन्य पिछड़ा वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण प्रदान किया जाएगा'.
लेमरू एलीफेंट रिजर्व की घोषणा
तीसरी बड़ी घोषणा करते हुए सीएम ने कहा कि, 'छत्तीसगढ़ में हाथियों की आवाजाही से कई बार जान-माल की हानि होती है. इसकी एक बड़ी वजह है हाथियों को उनकी पसंदीदा जगह पर रहने की सुविधा नहीं मिल पाना. इस दिशा में भी हमनें गंभीरता से विचार किया है और आज मैं 'लेमरू एलीफेंट रिजर्व' की घोषणा करता हूं. ये दुनिया में अपनी तरह का पहला 'एलीफेंट रिजर्व' होगा, जहां हाथियों का स्थाई ठिकाना बन जाने से उनकी अन्य स्थानों पर आवाजाही और इससे होने वाले नुकसान पर भी अंकुश लगेगा और जैव विविधता तथा वन्य प्राणी की दिशा में प्रदेश का योगदान दर्ज होगा'.
नए जिले की घोषणा
सीएम ने संबोधन के दौरान चौथी बड़ी घोषणा करते हुए कहा कि, 'हमनें प्रशासन को जनहित के प्रति संवेदनशील बनाने के लिए एक ओर जहां अधिकारियों-कर्मचारियों को अपने मूल कार्यों पर ध्यान देने के लिए सचेत किया, वहीं जवाबदेही तय करने के लिए 'लोकसेवा गारंटी अधिनियम' का कड़ाई से पालन सुनिश्चित किया है. आज मैं एक और बहु-प्रतीक्षित मांग पूरी करते हुए एक नए जिले के निर्माण की घोषणा करता हूं. ये जिला 'गौरेला-पेंड्रा-मरवाही' के नाम से जाना जाएगा. इस तरह अब छत्तीसगढ़ 28 जिलों का राज्य बन जाएगा. इसके अलावा 25 नई तहसीलें भी बनाई जाएंगी'.