ETV Bharat / state

‘पेन आईआईटी ग्लोबल ई-कॉनक्लेव’ में शामिल हुए सीएम भूपेश बघेल, कहा- 'राज्य में अपार संभावनाएं'

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए 'पेन आईआईटी ग्लोबल ई-कॉनक्लेव' में हिस्सा लिया. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में इन क्षेत्रों में काम करने की काफी संभावनाएं हैं.

author img

By

Published : Jul 13, 2020, 8:09 AM IST

cm bhupesh baghel
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल

रायपुर: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि खाद्य प्रसंस्करण, लघु वनोपजों और वनौषधियों के वैल्यू एडिशन और नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के युवाओं के कौशल उन्नयन के क्षेत्र में काम करने की इच्छुक गैर सरकारी संगठनों को राज्य सरकार सहयोग देगी. सीएम रविवार को अपने निवास कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए 'पेन आईआईटी ग्लोबल ई-कॉनक्लेव' में शामिल हुए. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में इन क्षेत्रों में काम करने की काफी संभावनाएं हैं. उन्होंने कहा कि इन क्षेत्रों में काम करने की इच्छुक संस्थाओं का छत्तीसगढ़ में स्वागत है.


कॉन्क्लेव में राज्यसभा सांसद जयराम रमेश के साथ चर्चा करते हुए सीएम ने कहा कि राज्य के 44 प्रतिशत भू-भाग पर जंगल हैं. यह लघु वनोपजों और वनौषधियों से परिपूर्ण है. छत्तीसगढ़ में इनके अलावा फल-फूल, कृषि और उद्यानिकी फसलों का अच्छा उत्पादन होता है. उन्होंने कहा कि कोदो-कुटकी सहित अनेक ऐसे उत्पाद हैं, जिनकी पूरी दुनिया में मांग है. यदि छत्तीसगढ़ के इन उत्पादों में वैल्यू एडिशन होता है तो स्थानीय युवाओं, महिलाओं को रोजगार के अच्छे अवसर मिलेंगे और उत्पादकों को उनकी कीमत का अच्छा मूल्य मिलेगा.

pen iit global e conclave
पेन आईआईटी ग्लोबल ई-कॉनक्लेव

मार्केटिंग में भी पेन आईआईटी संस्थाओं से सहयोग का आग्रह किया

भूपेश बघेल ने ग्लोबल ई-कॉनक्लेव में कोविड-19 संक्रमण से बचाव और रोकथाम के उपायों, लॉकडाउन के दौरान आर्थिक गतिविधियों को चलाए रखने, मनरेगा और लघु वनोपजों के संग्रहण से मजदूरों और वनवासियों को रोजगार पर चर्चा की. वहीं नक्सली चुनौती से निपटने की राज्य सरकार की रणनीति पर विस्तार से जानकारी दी.

कार्गो परिवहन की मिलेगी सुविधा

मुख्यमंत्री ने बताया कि छत्तीसगढ़ के कृषि-उद्यानिकी, लघु वनोपजों और वनौषधियों के व्यापार को प्रोत्साहन देने के लिए राज्य सरकार ने बायर्स-सेलर्स मीट का आयोजन किया था, जिसमें कई देशों की 128 संस्थाओं ने हिस्सा लिया. राज्य सरकार ने रायपुर में कार्गो परिवहन की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए केन्द्रीय उड्डयन मंत्रालय से पहल की है.

70 प्रतिशत कृषि पर निर्भर

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ में लाख का उत्पादन भी बड़े पैमाने पर होता है. इसे और बढ़ावा देने के लिए इसकी खेती का दर्जा दिया गया है. राज्य सरकार कोसा उत्पादन को भी कृषि का दर्जा देने पर गंभीरतापूर्वक विचार कर रही है. धान और गन्ना से एथेनॉल के उत्पादन के लिए प्लांट लगाने के लिए निविदा भी बुलाई गई है. प्रदेश में आज भी 70 प्रतिशत लोग खेती पर निर्भर हैं. प्रदेश के सभी विकासखंड में खाद्य प्रसंस्करण और वैल्यू एडिशन के लिए संयंत्र लगाने की काफी संभावना है.

पढ़ें- SPECIAL: 6वीं शताब्दी का शिव मंदिर, सावन में बना आस्था का केन्द्र


लॉकडाउन में लघु वनोपजों का संग्रहण चलता रहा- सीएम

मुख्यमंत्री ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान भी राज्य में जरूरी आर्थिक गतिविधियों को जारी रखा गया. मनरेगा के काम बड़े पैमाने पर शुरू किए गए हैं. जिनमें 26 लाख से ज्यादा लोगों को काम मिला है. उन्होंने बताया कि लघु वनोपजों के संग्रहण का काम भी चलता रहा. 2500 रुपए में धान खरीदी, किसानों की ऋण मुक्ति जैसे उपायों से विश्वव्यापी मंदी का असर राज्य में नहीं पड़ा. सीएम ने कहा कि सरकार का यह प्रयास रहा कि लोगों के पास पैसा आए.

डेढ़ लाख मजदूरों को मिला रोजगार

कोरोना संक्रमण की रोकथाम और बचाव के उपायों के संबंध में मुख्यमंत्री ने बताया कि विदेशों से आने वाले लोगों की पहचान कर उन्हें होम क्वारेंटाइन किया गया. लॉकडाउन के दौरान लगभग साढ़े छह लाख मजदूर और अन्य लोग छत्तीसगढ़ लौटे. छत्तीसगढ़ के लगभग सभी उद्योगों में काम शुरू हो गया है, जिनमें डेढ़ लाख लोगों को रोजगार मिला है.

पढ़ें- SPECIAL: चांद पर पहुंचने का दावा, लेकिन 7 दशक में पखांजूर तक नहीं पहुंच पाई सरकार


नरवा, गरूवा, घुरवा और बारी योजना के साथ कई योजनाओं पर किया गया काम

सीएम ने बताया कि राज्य में कोल और स्टील भरपूर है. उन्होंने बताया कि लॉकडाउन के दौरान छत्तीसगढ़ में सबसे ज्यादा स्टील का उत्पादन हुआ था. लॉकडाउन के दौरान मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान को भी जारी रखा गया. इसके परिणामस्वरूप कुपोषित बच्चों की संख्या में 13 प्रतिशत की कमी आई. मुख्यमंत्री ने ग्लोबल कॉन्क्लेव में सुराजी गांव योजना नरवा, गरूवा, घुरवा और बारी योजना, गोधन न्याय योजना, वृक्षारोपण अभियान की जानकारी दी.

बेहतर स्वास्थ्य सुविधा पहुंचाने के लिए शुरू हुई हाट बाजार, क्लीनिक योजना

मुख्यमंत्री ने कहा कि आदिवासियों का राज्य सरकार के प्रति विश्वास बढ़ा है. अब तक प्रदेश में साढ़े चार लाख वनाधिकार पट्टे बांटे जा चुके हैं. आदिवासी इलाकों सहित सभी इलाकों में बेहतर स्वास्थ्य सुविधा पहुंचाने के लिए मुख्यमंत्री हाट बाजार, क्लीनिक योजना शुरू की है. जिसके अच्छे परिणाम मिल रहे हैं. उन्होंने बताया कि सुकमा में 13 साल से बंद हो चुके स्कूलों को फिर से शुरू किया गया था. बस्तर और सरगुजा में स्थानीय युवाओं की तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के पदों में भर्ती के लिए कनिष्ठ सेवा चयन बोर्ड का गठन किया गया.

रायपुर: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि खाद्य प्रसंस्करण, लघु वनोपजों और वनौषधियों के वैल्यू एडिशन और नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के युवाओं के कौशल उन्नयन के क्षेत्र में काम करने की इच्छुक गैर सरकारी संगठनों को राज्य सरकार सहयोग देगी. सीएम रविवार को अपने निवास कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए 'पेन आईआईटी ग्लोबल ई-कॉनक्लेव' में शामिल हुए. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में इन क्षेत्रों में काम करने की काफी संभावनाएं हैं. उन्होंने कहा कि इन क्षेत्रों में काम करने की इच्छुक संस्थाओं का छत्तीसगढ़ में स्वागत है.


कॉन्क्लेव में राज्यसभा सांसद जयराम रमेश के साथ चर्चा करते हुए सीएम ने कहा कि राज्य के 44 प्रतिशत भू-भाग पर जंगल हैं. यह लघु वनोपजों और वनौषधियों से परिपूर्ण है. छत्तीसगढ़ में इनके अलावा फल-फूल, कृषि और उद्यानिकी फसलों का अच्छा उत्पादन होता है. उन्होंने कहा कि कोदो-कुटकी सहित अनेक ऐसे उत्पाद हैं, जिनकी पूरी दुनिया में मांग है. यदि छत्तीसगढ़ के इन उत्पादों में वैल्यू एडिशन होता है तो स्थानीय युवाओं, महिलाओं को रोजगार के अच्छे अवसर मिलेंगे और उत्पादकों को उनकी कीमत का अच्छा मूल्य मिलेगा.

pen iit global e conclave
पेन आईआईटी ग्लोबल ई-कॉनक्लेव

मार्केटिंग में भी पेन आईआईटी संस्थाओं से सहयोग का आग्रह किया

भूपेश बघेल ने ग्लोबल ई-कॉनक्लेव में कोविड-19 संक्रमण से बचाव और रोकथाम के उपायों, लॉकडाउन के दौरान आर्थिक गतिविधियों को चलाए रखने, मनरेगा और लघु वनोपजों के संग्रहण से मजदूरों और वनवासियों को रोजगार पर चर्चा की. वहीं नक्सली चुनौती से निपटने की राज्य सरकार की रणनीति पर विस्तार से जानकारी दी.

कार्गो परिवहन की मिलेगी सुविधा

मुख्यमंत्री ने बताया कि छत्तीसगढ़ के कृषि-उद्यानिकी, लघु वनोपजों और वनौषधियों के व्यापार को प्रोत्साहन देने के लिए राज्य सरकार ने बायर्स-सेलर्स मीट का आयोजन किया था, जिसमें कई देशों की 128 संस्थाओं ने हिस्सा लिया. राज्य सरकार ने रायपुर में कार्गो परिवहन की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए केन्द्रीय उड्डयन मंत्रालय से पहल की है.

70 प्रतिशत कृषि पर निर्भर

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ में लाख का उत्पादन भी बड़े पैमाने पर होता है. इसे और बढ़ावा देने के लिए इसकी खेती का दर्जा दिया गया है. राज्य सरकार कोसा उत्पादन को भी कृषि का दर्जा देने पर गंभीरतापूर्वक विचार कर रही है. धान और गन्ना से एथेनॉल के उत्पादन के लिए प्लांट लगाने के लिए निविदा भी बुलाई गई है. प्रदेश में आज भी 70 प्रतिशत लोग खेती पर निर्भर हैं. प्रदेश के सभी विकासखंड में खाद्य प्रसंस्करण और वैल्यू एडिशन के लिए संयंत्र लगाने की काफी संभावना है.

पढ़ें- SPECIAL: 6वीं शताब्दी का शिव मंदिर, सावन में बना आस्था का केन्द्र


लॉकडाउन में लघु वनोपजों का संग्रहण चलता रहा- सीएम

मुख्यमंत्री ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान भी राज्य में जरूरी आर्थिक गतिविधियों को जारी रखा गया. मनरेगा के काम बड़े पैमाने पर शुरू किए गए हैं. जिनमें 26 लाख से ज्यादा लोगों को काम मिला है. उन्होंने बताया कि लघु वनोपजों के संग्रहण का काम भी चलता रहा. 2500 रुपए में धान खरीदी, किसानों की ऋण मुक्ति जैसे उपायों से विश्वव्यापी मंदी का असर राज्य में नहीं पड़ा. सीएम ने कहा कि सरकार का यह प्रयास रहा कि लोगों के पास पैसा आए.

डेढ़ लाख मजदूरों को मिला रोजगार

कोरोना संक्रमण की रोकथाम और बचाव के उपायों के संबंध में मुख्यमंत्री ने बताया कि विदेशों से आने वाले लोगों की पहचान कर उन्हें होम क्वारेंटाइन किया गया. लॉकडाउन के दौरान लगभग साढ़े छह लाख मजदूर और अन्य लोग छत्तीसगढ़ लौटे. छत्तीसगढ़ के लगभग सभी उद्योगों में काम शुरू हो गया है, जिनमें डेढ़ लाख लोगों को रोजगार मिला है.

पढ़ें- SPECIAL: चांद पर पहुंचने का दावा, लेकिन 7 दशक में पखांजूर तक नहीं पहुंच पाई सरकार


नरवा, गरूवा, घुरवा और बारी योजना के साथ कई योजनाओं पर किया गया काम

सीएम ने बताया कि राज्य में कोल और स्टील भरपूर है. उन्होंने बताया कि लॉकडाउन के दौरान छत्तीसगढ़ में सबसे ज्यादा स्टील का उत्पादन हुआ था. लॉकडाउन के दौरान मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान को भी जारी रखा गया. इसके परिणामस्वरूप कुपोषित बच्चों की संख्या में 13 प्रतिशत की कमी आई. मुख्यमंत्री ने ग्लोबल कॉन्क्लेव में सुराजी गांव योजना नरवा, गरूवा, घुरवा और बारी योजना, गोधन न्याय योजना, वृक्षारोपण अभियान की जानकारी दी.

बेहतर स्वास्थ्य सुविधा पहुंचाने के लिए शुरू हुई हाट बाजार, क्लीनिक योजना

मुख्यमंत्री ने कहा कि आदिवासियों का राज्य सरकार के प्रति विश्वास बढ़ा है. अब तक प्रदेश में साढ़े चार लाख वनाधिकार पट्टे बांटे जा चुके हैं. आदिवासी इलाकों सहित सभी इलाकों में बेहतर स्वास्थ्य सुविधा पहुंचाने के लिए मुख्यमंत्री हाट बाजार, क्लीनिक योजना शुरू की है. जिसके अच्छे परिणाम मिल रहे हैं. उन्होंने बताया कि सुकमा में 13 साल से बंद हो चुके स्कूलों को फिर से शुरू किया गया था. बस्तर और सरगुजा में स्थानीय युवाओं की तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के पदों में भर्ती के लिए कनिष्ठ सेवा चयन बोर्ड का गठन किया गया.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.