रायपुर: कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए राज्य सरकार पूरे प्रदेश में सघन सर्वे अभियान चला रही है. इस अभियान की शुरुआत 5 अक्टूबर से की गई है, जो 12 अक्टूबर तक चलेगी. रायपुर नगर निगम के अंतर्गत करीब 900 टीम लोगों के घर-घर जाकर जानकारी इकट्ठा कर रही है.
इसे लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एक वीडियो जारी करते हुए कहा है कि लोगों को कोरोना जांच कराने के लिए खुद से आगे आना होगा और शासन-प्रशासन का सहयोग करना होगा. जिससे पूरे प्रदेश को कोरोना से जंग में जीत मिलेगी. उन्होंने कहा कि किसी भी तरह के लक्ष्ण दिखने पर इस सर्वे अभियान में जरूर अपना नाम दर्ज कराए, ताकि सही समय में इलाज मिल सके और सभी स्वस्थ हो सकें.
नगर निगम अपर आयुक्त पुलक भट्टाचार्य ने बताया यह टीमें घर-घर जाकर लोगों से जानकारी एकत्र कर रही है. खासतौर पर जिन्हें कोरोना सिम्टम्स नजर आ रहे हैं. ऐसे लोगों की पहचान की जा रही है, साथ ही अगर जिन्हें संक्रमण जैसे लक्षण है अगर उन्हें अन्य बीमारियां हैं, जिसमें डायबिटीज हाई ब्लड प्रेशर, कैंसर एचआईवी, जैसे रोगों से ग्रसित लोगों की भी जानकारी एकत्र की जा रही है.
लक्ष्ण दिखने पर कराया जाएगा टेस्ट
सर्वे में जिस तरह से जानकारी प्राप्त होगी इसके मुताबिक अगर कोई संक्रमित होगा या संक्रमण जैसे लक्षण नजर आ रहे हैं, ऐसे लोगों की तत्काल एंटीजन टेस्ट कराई जाएगी. साथ ही जो पहले अन्य रोगों से ग्रसित हैं, ऐसे लोगों को अगर कोरोना होता है तो उनकी स्थिति गंभीर बन जाती है. इस तरह के लोगों का तत्काल टेस्ट करवाया जा रहा है.
नगर निगम अपर आयुक्त ने बताया कि अगर ऐसे लोगों की एंटिजन टेस्ट अगर नेगेटिव आती है, लेकिन उनमें सिंपटम्स हैं उसके बाद उनका आर्टिफिशियल टेस्ट किया जाएगा. रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर ऐसे लोगों को अस्पताल में भर्ती करवाया जाएगा. जिससे सही स्वास्थ्य सुविधा मिलने से इलाज हो पाएगा.
सर्वे अभियान में लगाई कई स्वास्थ्यकर्मियों की ड्यूटी
अभियान के लिए ग्रामीण और शहरी इलाकों में मितानिनों, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं, बहुउद्देश्यीय स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं, सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग और नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के मैदानी अमले की ड्यूटी लगाई गई है. स्वास्थ्य विभाग ने सभी सर्वे दलों को अभियान के दौरान कोरोना संक्रमण से बचने के सभी उपायों और प्रोटोकॉल का कड़ाई से पालन करने के निर्देश दिए हैं.
- अभियान के दौरान घर-घर जाकर सघन सामुदायिक सर्वे कर कोविड-19 के सभी मरीजों की जल्द से जल्द पहचान कर उनका इलाज करना सुनिश्चित किया जाएगा.
- आइसोलेशन के जरिए संक्रमण की श्रृंखला भी तोड़ी जाएगी.
- अभियान के लिए गठित सर्वे दल क्षेत्रवार घरों में भ्रमण कर कोरोना संक्रमण के लक्षण वाले लोगों की जानकारी जुटाएगी. जानकारी के आधार पर खंड चिकित्सा अधिकारी द्वारा इनकी जांच की व्यवस्था की जाएगी.
- बुखार, सर्दी, खांसी, सांस लेने में तकलीफ, बदन दर्द, दस्त तथा उल्टी, सूंघने या स्वाद की क्षमता घटने जैसे लक्षणों वाले व्यक्तियों को संदिग्ध मरीजों की श्रेणी में रखा जाएगा.
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- कोरोना के संदिग्ध मरीजों की संख्या ज्यादा होने पर प्राथमिकता के आधार पर उच्च जोखिम समूहों की पहले जांच की जाएगी.
- 60 वर्ष से ज्यादा उम्र के व्यक्तियों, गर्भवती महिलाओं, पांच वर्ष से कम आयु के बच्चों, मधुमेह, उच्च रक्तचाप, किडनी रोग, कैंसर, टी.बी., सिकलसेल और एड्स के पीड़ितों को उच्च जोखिम वर्ग में शामिल किया गया है.
- उच्च जोखिम समूह के लक्षणात्मक व्यक्तियों की रैपिड एंटीजन जांच रिपोर्ट निगेटिव आने पर ऐसे सभी व्यक्तियों के सैंपल की RT-PCR जांच करवाई जाएगी.