रायपुर: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मंगलवार को अपने कार्यकाल का दूसरा बजट पेश किया है. बजट में ग्रामीण विकास के लिए कई प्रावधान किए गए हैं. छत्तीसगढ़, गांवों और कस्बों में बसने वाला प्रदेश है, प्रदेश की 80 फ़ीसदी आबादी ग्रामीण और अर्ध शहरी इलाकों में रहती है. इस बात को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री ने कई बड़ी घोषणाएं इस बजट में की हैं.
मुख्यमंत्री ने किया नरूवा, गरुवा, घुरवा और बाड़ी योजना का जिक्र
मुख्यमंत्री ने नरवा, गुरवा, घुरवा और बाड़ी योजना के बारे में जिक्र करते हुए बताया कि इस कार्यक्रम के तहत अब तक 912 नालों पर नरवा उपचार के काम हुए हैं. वहीं 1900 गोठानों का काम पूरा हो चुका है. घुरूवा का उपयोग करके तीन लाख 16 हजार मैट्रिक टन जैविक खाद का उत्पादन किया गया है. इसके साथ ही प्रदेश भर में 1 लाख 50,000 बाड़ियों को पुनर्जीवित करने का काम हुआ है.
ग्रामीण इलाकों के लिए कई महत्वपूर्ण योजनाओं का ऐलान
- नरवा, गरुवा, घुरवा और बाड़ी योजना के लिए बजट में 1 हजार 603 करोड़ रुपए का प्रावधान रखा गया है.
- इसके अलावा प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत ग्रामीण इलाकों में पक्का मकान बनाने के लिए 16 सौ करोड़ रुपए भूपेश बघेल ने अपने पिटारे से निकाला है.
- साथ ही ग्रामीण इलाकों में साफ पानी उपलब्ध कराने के लिए जल प्रदाय योजना के तहत 185 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है.
- नलकूप खनन के लिए 70 करोड़ अलग से देने की बात कही है.
- इस योजना के तहत गोबर गैस संयंत्र की स्थापना को भी जोड़ा गया है. इसके लिए 450 करोड रुपए का प्रावधान किया गया है.
- ग्रामीण क्षेत्रों के विकास को रफ्तार प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के लिए 2070 करोड़ रुपए देने का ऐलान किया गया है.
'ऐलान भर से नहीं बदलेगी अर्थव्यवस्था'
वहीं किसान संगठनों से जुड़े लोग का मानना है कि इन योजनाओं में जमीनी स्तर पर होने वाले काम के गुणवत्ता की सुधार में बहुत जरूरत है. सिर्फ ऐलान करने से ही ग्रामीण अर्थव्यवस्था नहीं बदलने वाली है.
भाजपा ने लगाए आरोप
वहीं भाजपा ने भूपेश सरकार पर आरोप लगाया है कि यह सरकार ग्रामीण क्षेत्र की अनदेखी कर रही है. इनके पास गांव के विकास के लिए कोई नया मॉडल नहीं है. नरूवा गरुवा घुरूवा बाड़ी के नाम पर केवल नारे और भाषणबाजी हो रही है.