रायपुर : जनघोषणा पत्र में किए गए वादे को लेकर सत्ता में आई भूपेश सरकार आज उन्हीं वादों को याद दिलाने पर आग बबूला हो रही है. दरअसल, ये वादा था चिटफंड निवेशकों को पैसा वापस दिलाने का. जब इसी वादे को लेकर चिटफंड अभिकर्ता संघ ने जनचौपाल में सीएम को वादा पूरा करने की याद दिलाई तो सीएम भूपेश बघेल भड़क गए और गुस्से से लाल हो गए.
दरअसल, मुख्यमंत्री निवास में बुधवार को जनचौपाल कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस दौरान सभी ने सीएम से मुलाकात कर अपनी समस्याएं बताई, लेकिन इन सबके बीच एक सवाल ऐसा आया जिस पर सीएम को गुस्सा आ गया. वो सवाल था चिटफंड अभिकर्ता संघ के प्रतिनिधिमंडल का. उन्होंने सीएम से सवाल करते हुए कहा कि, 'लगभग 1 साल होने को आ रहे हैं, बावजूद इसके अब तक उनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया है. सरकार ने न तो चिटफंड कंपनी में डूबे लोगों को पैसा ही वापस दिलाया है और न ही अभिकर्ता के ऊपर दर्ज मामले वापस लिए गए हैं'.
'बार-बार कह रहा हूं कि बैठक कर चर्चा करूंगा'
इस सवाल को सुनते ही सीएम भड़क गए और जवाब में उन्होंने कहा कि, 'बार-बार कह रहा हूं कि बैठक कर चर्चा करूंगा, लेकिन आप समझ ही नहीं रहे हैं'. सीएम के इस तेवर पर मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने इस प्रतिनिधिमंडल को आगे की ओर रवाना कर दिया.
'सीएम अपने वादे भूल गए'
जब इस विषय पर गुस्साए प्रतिनिधिमंडल के पदाधिकारियों से बातचीत कि गई तो उन्होंने कहा कि चुनाव के पहले भूपेश बघेल ने वादा किया था कि चिटफंड में डूबे लोगों की रकम वापस दिलाई जाएगी, लेकिन सत्ता में काबिज होते ही वह इस वादे को भूल गए हैं'.
'पैसे को वापस दिलाने की मांग को लेकर आए'
अभिकर्ता प्रतिनिधिमंडल का तो यह भी कहना है कि हम उसी पैसे को वापस दिलाने की मांग को लेकर सीएम से मुलाकात करने आए हैं, लेकिन मुख्यमंत्री की ओर से बैठक कर आगे निर्णय लिए जाने की बात कही जा रही है. विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की सरकार बनाने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही और यही कारण है कि वे आज अपना हक मांगने मुख्यमंत्री के पास आए हैं.
क्या था मामला
बता दें कि विधानसभा चुनाव के पहले कई चिटफंड कंपनियां प्रदेश से लाखों लोगों के करोड़ों रुपए लेकर फरार हो गई थी, जिसके बाद इन कंपनियों में पैसा लगाने वाले लोग काफी परेशान थे. इसी बीच कांग्रेस ने यह ऐलान किया था कि यदि प्रदेश में उनकी सरकार आती है तो वह जनता की चिटफंड कंपनी में डूबे रकम को वापस दिलाएंगे.