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Watch Video : जनचौपाल में सीएम को क्यों आया गुस्सा

जनचौपाल में चिटफंड अभिकर्ता संघ के प्रतिनिधिमंडल ने सीएम से सवाल किया तो सीएम गुस्से में आ गए. दरअसल 1 साल में मांगें पूरी नहीं होने पर इस संघ के सदस्य ने सीएम से सवाल पूछा था.

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल
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Published : Nov 6, 2019, 7:56 PM IST

रायपुर : जनघोषणा पत्र में किए गए वादे को लेकर सत्ता में आई भूपेश सरकार आज उन्हीं वादों को याद दिलाने पर आग बबूला हो रही है. दरअसल, ये वादा था चिटफंड निवेशकों को पैसा वापस दिलाने का. जब इसी वादे को लेकर चिटफंड अभिकर्ता संघ ने जनचौपाल में सीएम को वादा पूरा करने की याद दिलाई तो सीएम भूपेश बघेल भड़क गए और गुस्से से लाल हो गए.

जब जनचौपाल में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को आया गुस्सा

दरअसल, मुख्यमंत्री निवास में बुधवार को जनचौपाल कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस दौरान सभी ने सीएम से मुलाकात कर अपनी समस्याएं बताई, लेकिन इन सबके बीच एक सवाल ऐसा आया जिस पर सीएम को गुस्सा आ गया. वो सवाल था चिटफंड अभिकर्ता संघ के प्रतिनिधिमंडल का. उन्होंने सीएम से सवाल करते हुए कहा कि, 'लगभग 1 साल होने को आ रहे हैं, बावजूद इसके अब तक उनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया है. सरकार ने न तो चिटफंड कंपनी में डूबे लोगों को पैसा ही वापस दिलाया है और न ही अभिकर्ता के ऊपर दर्ज मामले वापस लिए गए हैं'.

'बार-बार कह रहा हूं कि बैठक कर चर्चा करूंगा'
इस सवाल को सुनते ही सीएम भड़क गए और जवाब में उन्होंने कहा कि, 'बार-बार कह रहा हूं कि बैठक कर चर्चा करूंगा, लेकिन आप समझ ही नहीं रहे हैं'. सीएम के इस तेवर पर मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने इस प्रतिनिधिमंडल को आगे की ओर रवाना कर दिया.

'सीएम अपने वादे भूल गए'
जब इस विषय पर गुस्साए प्रतिनिधिमंडल के पदाधिकारियों से बातचीत कि गई तो उन्होंने कहा कि चुनाव के पहले भूपेश बघेल ने वादा किया था कि चिटफंड में डूबे लोगों की रकम वापस दिलाई जाएगी, लेकिन सत्ता में काबिज होते ही वह इस वादे को भूल गए हैं'.

'पैसे को वापस दिलाने की मांग को लेकर आए'
अभिकर्ता प्रतिनिधिमंडल का तो यह भी कहना है कि हम उसी पैसे को वापस दिलाने की मांग को लेकर सीएम से मुलाकात करने आए हैं, लेकिन मुख्यमंत्री की ओर से बैठक कर आगे निर्णय लिए जाने की बात कही जा रही है. विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की सरकार बनाने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही और यही कारण है कि वे आज अपना हक मांगने मुख्यमंत्री के पास आए हैं.

क्या था मामला
बता दें कि विधानसभा चुनाव के पहले कई चिटफंड कंपनियां प्रदेश से लाखों लोगों के करोड़ों रुपए लेकर फरार हो गई थी, जिसके बाद इन कंपनियों में पैसा लगाने वाले लोग काफी परेशान थे. इसी बीच कांग्रेस ने यह ऐलान किया था कि यदि प्रदेश में उनकी सरकार आती है तो वह जनता की चिटफंड कंपनी में डूबे रकम को वापस दिलाएंगे.

रायपुर : जनघोषणा पत्र में किए गए वादे को लेकर सत्ता में आई भूपेश सरकार आज उन्हीं वादों को याद दिलाने पर आग बबूला हो रही है. दरअसल, ये वादा था चिटफंड निवेशकों को पैसा वापस दिलाने का. जब इसी वादे को लेकर चिटफंड अभिकर्ता संघ ने जनचौपाल में सीएम को वादा पूरा करने की याद दिलाई तो सीएम भूपेश बघेल भड़क गए और गुस्से से लाल हो गए.

जब जनचौपाल में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को आया गुस्सा

दरअसल, मुख्यमंत्री निवास में बुधवार को जनचौपाल कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस दौरान सभी ने सीएम से मुलाकात कर अपनी समस्याएं बताई, लेकिन इन सबके बीच एक सवाल ऐसा आया जिस पर सीएम को गुस्सा आ गया. वो सवाल था चिटफंड अभिकर्ता संघ के प्रतिनिधिमंडल का. उन्होंने सीएम से सवाल करते हुए कहा कि, 'लगभग 1 साल होने को आ रहे हैं, बावजूद इसके अब तक उनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया है. सरकार ने न तो चिटफंड कंपनी में डूबे लोगों को पैसा ही वापस दिलाया है और न ही अभिकर्ता के ऊपर दर्ज मामले वापस लिए गए हैं'.

'बार-बार कह रहा हूं कि बैठक कर चर्चा करूंगा'
इस सवाल को सुनते ही सीएम भड़क गए और जवाब में उन्होंने कहा कि, 'बार-बार कह रहा हूं कि बैठक कर चर्चा करूंगा, लेकिन आप समझ ही नहीं रहे हैं'. सीएम के इस तेवर पर मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने इस प्रतिनिधिमंडल को आगे की ओर रवाना कर दिया.

'सीएम अपने वादे भूल गए'
जब इस विषय पर गुस्साए प्रतिनिधिमंडल के पदाधिकारियों से बातचीत कि गई तो उन्होंने कहा कि चुनाव के पहले भूपेश बघेल ने वादा किया था कि चिटफंड में डूबे लोगों की रकम वापस दिलाई जाएगी, लेकिन सत्ता में काबिज होते ही वह इस वादे को भूल गए हैं'.

'पैसे को वापस दिलाने की मांग को लेकर आए'
अभिकर्ता प्रतिनिधिमंडल का तो यह भी कहना है कि हम उसी पैसे को वापस दिलाने की मांग को लेकर सीएम से मुलाकात करने आए हैं, लेकिन मुख्यमंत्री की ओर से बैठक कर आगे निर्णय लिए जाने की बात कही जा रही है. विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की सरकार बनाने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही और यही कारण है कि वे आज अपना हक मांगने मुख्यमंत्री के पास आए हैं.

क्या था मामला
बता दें कि विधानसभा चुनाव के पहले कई चिटफंड कंपनियां प्रदेश से लाखों लोगों के करोड़ों रुपए लेकर फरार हो गई थी, जिसके बाद इन कंपनियों में पैसा लगाने वाले लोग काफी परेशान थे. इसी बीच कांग्रेस ने यह ऐलान किया था कि यदि प्रदेश में उनकी सरकार आती है तो वह जनता की चिटफंड कंपनी में डूबे रकम को वापस दिलाएंगे.

Intro:रायपुर . मुख्यमंत्री निवास में बुधवार को जन चौपाल कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें प्रदेश भर से लोग अपनी अपनी विभिन्न समस्याओं को लेकर मुख्यमंत्री से गुहार लगाने पहुंचे थे इसी बीच मुख्यमंत्री से एक प्रतिनिधिमंडल भी मुलाकातये पहुचा और अपनी समस्याओं से उन्हें अवगत कराया लेकिन चर्चा के दौरान अचानक मुख्यमंत्री भूपेश बघेल नाराज हो गए और बघेल का गुस्सा उनके चेहरे पर साफ नजर आ रहे थे.




Body:जिस प्रतिनिधिमंडल से चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री को गुस्सा आया वह प्रतिनिधि मंडल था चिटफंड अभिकर्ता संघ। जो लंबे समय से अपनी समस्याओं को लेकर शासन प्रशासन स्तर पर गुहार लगा रहे हैं और आज भी वे अपनी समस्याओं को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मिलने जन चौपाल कार्यक्रम में शामिल हुए थे

इस दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री का बताया कि लगभग 1 साल होने को आ रहे हैं बावजूद इसके अब तक उनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया है सरकार ने न तो चिटफंड कंपनी में डूबे लोगों को पैसा ही वापस दिलाया है और ना ही अभिकर्ता ऊपर दर्ज मामले वापस लिए गए हैं जबकि विधानसभा चुनाव के दौरान सरकार ने अपने घोषणा पत्र में कहा था कि सत्ता में आते ही वह चिटफंड में डूबी रकम को जनता को वापस दिलाई थी इतना ही नहीं कांग्रेस ने चिटफंड कंपनी के अभिकर्ता ऊपर दर्ज मामलों को वापस करने का भी आश्वासन दिया था लेकिन अब तक ना तो पैसे वापस मिले ना ही अभी करता हूं पर दर्ज मामले ही वापस दिए गए हैं जिसके चलते इन लोगों को काफी परेशानी हो रही है

इसी बात को लेकर वे आज मुख्यमंत्री से चर्चा कर रहे थे और जल्द उनकी समस्या का निराकरण करने की बात कह रहे थे इसके लिए इस प्रतिनिधिमंडल के द्वारा मुख्यमंत्री से एक बैठक करने के लिए भी समय मांगा गया लेकिन मुख्यमंत्री द्वारा बैठक के लिए निश्चित तारीख नहीं दी जा रही थी जिसे लेकर यह प्रतिनिधि दल बार-बार मुख्यमंत्री से आग्रह कर रहा था ।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी वर्तमान में अभिकर्ताओं के खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई नहीं की जा रही है साथ ही उन्होंने प्रतिनिधिमंडल से ही चिटफंड में डूबे रकम का ब्यौरा मांगा उन्होंने कहा कि उन लोगों के द्वारा जमा की गई राशि की पावती और पूरा विवरण एकत्र कर सरकार को उपलब्ध कराया जाए जिसके बाद बैठक में चिटफंड जनता के डूबे पैसे को वापस दिलाने पर चर्चा की जा सके।

यह बातचीत चल रही थी तभी अचानक मुख्यमंत्री नाराज हो गए और उनका गुस्सा देखते ही बन रहा था । वह तेज आवाज में यह कहते नजर आए कि बार-बार कह रहा हूं कि बैठक कर चर्चा करूंगा लेकिन आप समझ ही नहीं रहे हैं।

अचानक मुख्यमंत्री के इस रवैया को देख अभिकर्ता प्रतिनिधिमंडल दल भी दंग रह गया कुछ देर के लिए उन्हें समझ ही नहीं आया कि क्या हुआ और फिर मुख्यमंत्री के आसपास मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने इस प्रतिनिधिमंडल को आगे की ओर रवाना कर दिया

मुख्यमंत्री के इस रवैया से अभिकर्ता संघ के प्रतिनिधिमंडल में काफी नाराजगी देखने को मिली है प्रतिनिधि मंडल के पदाधिकारियों का कहना है कि चुनाव के पहले भूपेश बघेल ने वादा किया था कि चिटफंड में डूबे लोगों की रकम वापस दिलाई जाएगी लेकिन सत्ता में काबिज होते ही वह इस वादे को भूल गए हैं और आज हम उसी पैसे की वापस दिलाने की मांग को लेकर मिलने आए हैं लेकिन मुख्यमंत्री के द्वारा बैठक कर आगे निर्णय लिए जाने की बात कही जा रही है

अभिकर्ता प्रतिनिधिमंडल का तो यह भी कहना है कि विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की सरकार बनाने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही और यही कारण है कि वे आज अपना हक मांगने मुख्यमंत्री के पास आए हैं
बाइट पुनीत सेन, प्रदेश प्रतिनिधि, अभिकर्ता संघ,




Conclusion:बता दें कि विधानसभा चुनाव के पहले कई चिटफंड कंपनियां प्रदेश से लाखों लोगों के करोड़ों रुपए लेकर फरार हो गई थी जिसके बाद इन कंपनियों में पैसा लगाने वाले लोग काफी परेशान थे इसी बीच कांग्रेस ने यह ऐलान किया था कि यदि प्रदेश में उनकी सरकार आती है तो वह जनता की चिटफंड कंपनी में डूबे रकम को वापस दिलाएंगे जिसके बाद कहीं ना कहीं चिटफंड में डूबी रकम पाने की आस में लोगों ने कांग्रेस को सहयोग किया लेकिन अब सत्ता में काबिज होने के लगभग 1 साल बीत जाने के बाद भी ना तो जनता का पैसा वापस हुआ और ना ही अभीकर्ताओं के खिलाफ दर्ज मामले वापस लिए गए हैं जिसके चलते लोग खासे परेशान हैं
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