रायपुर: कृषि बिल को लेकर कांग्रेस लगातार विरोध करते आ रही है. छत्तीसगढ़ में भी मुख्यमंत्री, मंत्री सहित कांग्रेस नेताओं ने इस बिल का पुरजोर विरोध किया है. इसी कड़ी में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रविवार को एक बार फिर केंद्र की मोदी सरकार जमकर हमला बोला है. उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान तीन बिंदुओं पर चर्चा की. इसमें केंद्र सरकार द्वारा किसानों के लिए लाए गए तीन विधेयक, दूसरा श्रम कानून में परिवर्तन और शांता कुमार की रिपोर्ट शामिल था.
भूपेश बघेल ने कहा कि आज कृषि बिल के जरिए से किसानों को सरकार व्यापारी बता रही है. ऐसे में आने वाले समय में सरकार किसानों से अनाज बेचने पर टैक्स भी ले सकती है.
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'राष्ट्रपति इस बिल पर हस्ताक्षर न करें'
सीएम भूपेश बघेल ने इस दौरान प्रधानमंत्री और भाजपा के नेताओं से आग्रह किया कि एक राष्ट्र एक बाजार कह रहे हैं तो उसमें एक शब्द और जोड़ दीजिए वह है एक कीमत या एक दर. बघेल ने कहा कि मंडी के बाहर भी अनाज समर्थन मूल्य पर ही बिकेगा. उससे कम पर खरीदी करने पर उसके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी. सीएम बघेल इस दौरान एआईसीसी की मांग को दोहराते हुए कहा कि राष्ट्रपति इस बिल पर हस्ताक्षर न करें. भाजपा सरकार श्रम कानून को वापस ले और एक राष्ट्र एक बाजार और एक कीमत लागू करें, साथ ही स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट शब्दश लागू करें.
इस दौरान भूपेश बघेल ने केंद्र की मोदी सरकार पर कई गंभीर आरोप भी लगाया उनका कहना था कि मोदी सरकार ने हवाई अड्डा और रेलवे स्टेशन को बेचने का काम किया है और अब ये सरकार किसानों की जमीन उद्योगपतियों को सौंपना चाहती है. सीएम भूपेश ने कहा कि यह कृषि बिल संघीय व्यवस्था पर कुठाराघात है. केंद्र और राज्य सरकार के विषय अलग हैं. सीएम ने कहा कि कृषि विशुद्ध रूप से राज्य सरकार का विषय है. कृषि का निर्णय विधानमंडल का है और यदि केंद्र सरकार ने इस बिल को वापस नहीं लिया तो आने वाले समय में इस बिल को लेकर छत्तीसगढ़ विधानसभा में प्रस्ताव लाएंगे और जरूरत पड़ी तो अदालत भी जाएंगे.