रायपुर: असम में विधानसभा चुनाव को लेकर प्रचार-प्रसार जोरों पर है. इसे लेकर कांग्रेस एड़ी-चोटी का जोर लगा रही है. असम विधानसभा चुनाव में पर्यवेक्षक की जिम्मेदारी मिलने के बाद से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी लगातार असम का दौरा कर रहे हैं. सीएम भूपेश 10 दिनों के असम दौरे पर हैं. सोमवार को उन्होंने असम के सदिया विधानसभा में आमसभा को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने प्रदेश की सोनेवाल सरकार पर तीखा हमला किया.
सीएम ने कहा कि असम में चल रही सिंडिकेट भाजपा सरकार का समय पूरा हो चुका है. उन्होंने कहा कि सोनोवाल सरकार में सिंडिकेट्स का राज चल रहा है. सीएम सर्वानंद सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि असम में सर्वानंद और सिंडिकेट को आनंद. इस दौरान उन्होंने केंद्र की मोदी सरकार को भी आड़े हाथों लिया.
जनता से किए 5 वादे
सीएम भूपेश ने आमसभा में कहा कि छत्तीसगढ़ में राहुल गांधी ने जनता से वादा किया था. जो हमने पूरा किया है. सीएम ने भी असम की जनता से 5 वादे किए. उन्होंने कहा कि :
- असम में CAA लागू नहीं होगा.
- चाय बगान कर्मियों को 365 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से भुगतान.
- हर गृहणी को 2 हजार रुपये मासिक भुगतान.
- 200 यूनिट तक का बिजली बिल माफ.
- पांच साल में 5 लाख रोजगार देने की बात कही.
भाजपा कंफ्यूज है, उनके हाथ से असम निकलने वाला है : भूपेश बघेल
126 सीटों पर होना है चुनाव
कांग्रेस आलाकमान ने सीएम भूपेश बघेल को असम चुनाव की जिम्मेदारी दी है. जिसके बाद से वे लगातार वहां का दौरा कर रहे हैं. असम विधानसभा चुनाव में 126 सीटों के लिए 3 चरणों में मतदान होना है. इसके लिए 27 मार्च, 1 अप्रैल और 6 अप्रैल का दिन तय किया गया है. ऐसे में सीएम भूपेश अब लंबे दौरे के लिए असम रवाना हो रहे हैं.
असम में पैर जमा रहे हैं सीएम
असम विधानसभा की कमान मिलने के बाद से लगातार सीएम अपने पैर वहां जमाने की कोशिश कर रहे हैं. 17 फरवरी को कांग्रेस ने असम विधानसभा चुनाव में सांस्कृतिक दांव भी चल दिया था. इसके लिए छत्तीसगढ़ के अलग-अलग सांस्कृतिक दलों के 55 कलाकार असम भेजे गए थे. सतनामी, साहू और आदिवासी समुदाय से संबद्ध ये कलाकार असम के चाय बगान वाले क्षेत्रों में काम कर रहे छत्तीसगढ़ मूल के 25 लाख वोटरों का मनोरंजन करने गए थे.
सोनोवाल सरकार पर साधा निशाना
असम दौरे पर सीएम भूपेश बघेल ने सोनोवाल सरकार पर निशाना साधा था. उन्होंने असम सीएम पर तंज कसते हुए कहा था कि प्रदेश में मवेशी तस्करी के साथ-साथ कोयला तस्करी हो रही है. असम की बीजेपी सरकार रोजगार देने में विफल साबित हुई है.