रायपुर: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल गुरुवार को अपने सहयोगियों के साथ नई दिल्ली जाएंगे. वे केंद्रीय खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री राम विलास पासवान से मिलेंगे. सीएम पहले राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिलने वाले थे लेकिन अपरिहार्य कारणों से राष्ट्रपति के साथ उनकी मुलाकात स्थगित हो गई है.
सीएम बघेल केन्द्र सरकार द्वारा पिछले साल की तरह इस वर्ष भी केंद्रीय पूल के लिए छत्तीसगढ़ से चावल का उपार्जन कराने का अनुरोध करेंगे. मुख्यमंत्री और मंत्रियों का दल शाम को केन्द्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर से भी मुलाकात कर राज्य के किसानों के हित में सेन्ट्रल पूल में चावल खरीदी का आग्रह करेंगे. सीएम के साथ कृषि मंत्री रविंद्र चौबे और खाद्य मंत्री अमरजीत भगत भी दिल्ली जाएंगे.
बीजेपी सरकार में शिथिल हुए थे नियम
उल्लेखनीय है कि केन्द्र सरकार द्वारा वर्ष 2014 में निर्णय लिया गया है जिसके अनुसार जो राज्य सरकार किसानों को समर्थन मूल्य पर धान खरीदी पर बोनस देगी उनसे सेन्ट्रल पूल में चावल नहीं लिया जाएगा, लेकिन इसके बावजूद छत्तीसगढ़ में पूर्व में दो वर्षों में इस प्रावधान को शिथिल कर सेन्ट्रल पूल में छत्तीसगढ़ से चावल लिया गया. इसे देखते हुए छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा वर्ष 2019-20 में सेन्ट्रल पूल में प्रधानमंत्री से प्रावधान को शिथिल कर सेन्ट्रल पूल में छत्तीसगढ़ से 32 लाख मीट्रिक टन चावल लेने का आग्रह किया गया है, क्योंकि इस वर्ष धान की ज्यादा आवक की संभावना है.
केंद्रीय खाद्य मंत्री को लिखा था पत्र
इस संबंध में प्रधानमंत्री और केन्द्रीय खाद्य मंत्री को पूर्व में पत्र भी लिखा गया है, लेकिन वहां से असहमति का पत्र भेजा गया है, जिसमें लिखा है कि 2500 रुपए प्रति क्विंटल में धान खरीदी से बाजार अव्यवस्थित हो जाएगा.
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मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि किसानों के हित में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा इस वर्ष भी किसानों से 2500 रुपए प्रति क्विंटल पर धान की खरीदी करेगी. इस वर्ष लगभग 85 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी होने का अनुमान है. मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2018-19 में हमने किसानों से 2500 रुपए प्रति क्विंटल पर धान खरीद कर किसानों से किया गया वायदा पूरा किया. इस वर्ष भी 2500 रुपए प्रति क्विंटल पर धान की खरीदी करेंगे. उन्होंने किसानों के हित में केन्द्र सरकार को प्रावधान को शिथिल करते हुए इस वर्ष सेन्ट्रल पूल में छत्तीसगढ़ से 32 लाख मीट्रिक टन चावल का उपार्जन करने की अनुमति मांगी है.